चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य में वर्ष 2021-22 के विकास कार्यों के लिए 'डिस्ट्रिक्ट प्लान स्कीम' का करीब 365 करोड़ रुपये का फंड जारी (haryana district plan scheme fund) कर दिया है. इस फंड से प्रदेश में स्थानीय स्तर पर पीने के पानी, शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सिंचाई, गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत, सामुदायिक भवन, पुल, सड़क, गलियां, सफाई व जनस्वास्थ्य, खेल, पशु देखभाल, महिला एवं बाल विकास सेवाओं के अलावा बागवानी के कार्यों पर धन खर्च किया जाएगा. ये जानकारी हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को दी.
डिप्टी सीएम ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में जनहित के विकास में कोई कसर नहीं रहने देगी. प्रदेश में बड़े प्रोजेक्ट लाकर जहां युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं वहीं राज्य में मूलभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा धन खर्च किया जा रहा है. उपमुख्यमंत्री, जिनके पास ग्रामीण विकास का कार्यभार भी है, ने बताया कि 'डिस्ट्रिक्ट प्लान स्कीम' के फंड का अधिक से अधिक सदुपयोग करके प्रदेश में प्रगति के कदम आगे बढ़ाए जाएंगे. इस स्कीम का कुल 364.93 करोड़ रुपये का फंड मंजूर कर जारी किया गया है जिसमें से 146.25 करोड़ रुपये अनुसूचित जाति वर्ग जैसे कमजोर तबकों के विकास पर खर्च किया जाएगा.
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किस जिले को मिला कितना फंड- अंबाला के लिए कुल 1624.25 लाख रुपये डिस्ट्रिक्ट प्लान स्कीम के तहत विकास कार्यों के लिए जारी किए गए हैं. भिवानी के लिए 1629.74 लाख रुपये, चरखी दादरी के लिए 723.02 लाख रुपये, फरीदाबाद के लिए 2605.10 लाख रुपये, फतेहाबाद के लिए 1356.01 लाख रुपये, गुरुग्राम के लिए 2180.01 लाख रुपये, हिसार के लिए 2510.38 लाख रुपये, झज्जर के लिए 1379.62 लाख रुपये, जींद के लिए 1920.50 लाख रुपये, कैथल के लिए 1546.45 लाख रुपये, करनाल के लिए 2166.90 लाख रुपये.
वहीं कुरूक्षेत्र जिले के लिए 1388.61 लाख रुपये, महेंद्रगढ़ के लिए 1327.34 लाख रुपये, नूंह के लिए 1567.98 लाख रुपये, पलवल के लिए 1500.97 लाख रुपये, पंचकूला के लिए 807.98 लाख रुपये, पानीपत के लिए 1735.22 लाख रुपये, रेवाड़ी के लिए 1296.02 लाख रुपये, रोहतक के लिए 1527.59 लाख रुपये, सिरसा के लिए 1864.41 लाख रुपये, सोनीपत के लिए 2087.27 लाख रुपये और यमुनानगर के लिए 1747.84 लाख रुपये का फंड स्थानीय विकास के लिए मंजूर किया गया है.
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इन कामों पर खर्च होगा ये पैसा- उपमुख्यमंत्री ने बताया कि छोटी-मोटी जो समस्याएं आमतौर पर जिला कष्ट निवारण समिति में जिलावासियों द्वारा समिति के चेयरमैन के समक्ष उठाई जाती हैं, उन पर भी नियमानुसार यह डिस्ट्रिक्ट प्लान स्कीम का पैसा खर्च किया जा सकता है. सरकार इस फंड को प्रदेश में पेयजल के लिए ट्यूबवैल, वाटर टैंक, पाइप के माध्यम से पेयजल आपूर्ति आदि के कार्यों पर खर्च करेगी ताकि लोगों की जरूरत के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें. इसके अलावा, इस फंड से सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में भवन का विस्तार, नए कमरे, हॉल, किचन आदि कार्य करवाए जा सकेंगे. बिजली से संबंधित कार्य जैसे सार्वजनिक स्थानों व स्ट्रीट लाईट्स के लिए छोटे प्रोजेक्ट लगाए जा सकेंगे.
अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, परिवार कल्याण केंद्र व एएनएम केंद्र के भवन तथा दीवार, मरीजों के लिए पार्किंग-शैड आदि के लिए भी इस स्कीम के तहत राज्य सरकार द्वारा निर्माण कार्य करवाए जाएंगे. फंड का उपयोग सार्वजनिक सिंचाई सुविधा, बाढ़ नियंत्रण प्रबंध, सार्वजनिक लिफ्ट सिंचाई प्रोजेक्ट्स, जनता के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी को रिचार्ज करने की सुविधा हेतु भी किया जा सकेगा.
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वहीं राज्य सरकार द्वारा पंचायत-घर, चौपाल, सामुदायिक केंद्र, पब्लिक-लाइब्रेरी, बस क्यू-शैल्टर, सार्वजनिक पार्क, लिंक रोड़ कस्बों व शहरों में साइन-बोर्ड, सफाई व्यवस्था के लिए ड्रेन, गटर, खेलों के लिए स्टेडियम, कोर्ट्स, खेल गतिविधियों के लिए भवन, मल्टी-जिम, पशुओं की देखरेख के लिए वैटरीनरी अस्पताल, पशुओं के शैड्स, बच्चों के लिए क्रैच-भवन, आंगनवाड़ी भवन तथा सरकारी व पंचायती भूमि पर निर्मित पब्लिक-पार्क के विकास व सौंदर्यकरण के साथ-साथ कई अन्य कार्य भी करवाए जा सकेंगे.