चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने 2029 तक सभी सरकारी बसों, वाहनों के अलावा निजी वाहनों को भी इलेक्ट्रिक करने का टारगेट तय किया है. डीजल-पेट्रोल के वाहनों की वजह से फैल रहे वायु प्रदूषण पर कंट्रोल करने के लिए विशेष नीति बनाई गई है. राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बनाई जाने वाली पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. साथ ही ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने इसे अपनी वेबसाइट पर पब्लिक भी कर दिया है.
अब नए वाहनों की खरीद के अलावा मौजूदा वाहनों का भी समय पूरा होने पर उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों से बदला जाएगा. ये काम चरणबद्ध तरीके से पूरा होगा. सरकारी वाहनों के अलावा आम लोगों को चार्जिंग में किसी तरह की दिक्कत ना आए, इसके लिए हर शहर के अलावा मुख्य सड़कों पर भी जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन स्थापित होंगे. पिछले दिनों पंचकूला में प्रदेश के पहले चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन हो चुका है.
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सरकारी दफ्तरों और बोर्ड-निगमों के अलावा प्राइवेट साइट्स पर भी चार्जिंग स्टेशन स्थापित होंगे. हरियाणा रोडवेज बेड़े की सभी बसों को 2029 तक इलेक्ट्रिक करने की योजना है. हालांकि गुरुग्राम और फरीदाबाद में सिटी बस सेवा के अंतर्गत चल रही बसों को 2024 तक ही इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने का टारगेट तय किया है.
गुरुग्राम और फरीदाबाद मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा चलाई जा रही बसों को परिवहन बेड़े में शामिल करके अलग-अलग शहरों में भेजा जा सकता है. इन दोनों जिलों में चल रहे कमर्शियल वाहनों को भी इसी अवधि के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में तबदील किया जाएगा. सरकार ने सभी सरकारी विभागों और बोर्ड-निगमों की गाड़ियों और स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस भी 2024 तक ही इलेक्ट्रिक करने की योजना बनाई है.
इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
सरकार ने दुपहिया, तिपहिया के अलावा कमर्शियल वाहनों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों को तवज्जो देने का निर्णय लिया है. दुपहिया और तिपहिया वाहनों को लेकर सरकार आने वाले दिनों में सब्सिडी का भी ऐलान कर सकती है. इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग में किसी तरह की परेशानी ना आए, इसके लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की नीति बनाई है.
सरकार द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी के ड्राफ्ट में स्पष्ट किया है कि सभी नए अपार्टमेंट, हाईराइज बिल्डिंग और टेक्नॉलोजी पार्क में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना होगा. इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के डिस्पोजल को लेकर विकसित होने वाली मार्केट को सरकार प्रोत्साहन देगी. इसी तरह से क्लीन फ्यूल और अक्षय उर्जा आधारित चार्जिंग/बैटरी स्वैपिंग स्टेशन को भी प्रोत्साहित करेगी.
20 से 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी
सरकार ने पॉलिसी ड्राफ्ट में मैन्युफैक्चरिंग फर्म को सब्सिडी देने का भी निर्णय लिया है. 15 लाख रुपये तक की माइक्रो इंडस्ट्री पर सरकार 25 प्रतिशत की सब्सिडी देगी. 40 लाख तक की स्मॉल और 50 लाख तक की मीडियम इंडस्ट्री पर सरकार की ओर से 20 प्रतिशत की सब्सिडी मुहैया कराई जाएगी. 10 करोड़ रुपये तक की यूनिट लगाने वाली कंपनी को 10 प्रतिशत सब्सिडी सरकार देगी.
दुपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों की बैटरी, चार्जिंग उपकरण, हाईड्रोजन स्टोरेज और फ्यूलिंग उपकरण की मैन्युफैक्चरिंग फर्म करने वाली 20 करोड़ रुपये तक की लागत वाली कंपनियों को 10 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी. ऐसी कंपनियों की 100 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी और ट्रांसफर ड्यूटी सरकार द्वारा वापस लौटाई जाएगी.
10 साल इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट
प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नए इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी बनाने वाली कंपनियों को 10 वर्षों तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट देने का निर्णय लिया है. ऐसी कंपनियों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति का प्रबंध होगा. शुरुआत के 5 वर्षों तक 3 रुपये प्रति यूनिट बिजली का रेट रहेगा. इंडस्ट्री के लिए वर्तमान में तय वाटर सप्लाई के टैरिफ में से भी ऐसी कंपनियों को 50 प्रतिशत की छूट रहेगी. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण पर 2 करोड़ रुपये तक की राशि पर सरकार 25 प्रतिशत सब्सिडी देगी.