चंडीगढ़: हरियाणा में किसानों के सहकारी बैंकों से लिए लोन के ब्याज और पेनल्टी माफी को लेकर जारी योजना को और बढ़ा दिया है. इस योजना के तहत अब किसानों को 31 दिसम्बर तक का समय दिया गया है. हालांकि कुछ महीने पहले से चल रही इस स्कीम का फायदा लाखों किसानों ने उठाया है मगर अभी भी उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं आ रहे है.
हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने खुद माना है कि जागरुकता की कमी इसका कारण हो सकती है, लेकिन साथ ही चुनावों के दौरान राजनीतिक पार्टियों की तरफ से दी गई कर्ज माफी की घोषणा को भी उन्होंने एक कारण बताया है. वहीं उन्होंने कहा कि शुगर मिल को घाटे से निकालने के लिए मीलों में एथनॉल का प्लांट लगाया जाएगा, इसकी शुरुआत शाहबाद से हो रही है.
शुगर मिल में बनेंगे एथोनॉल प्लांट
बाकी मीलों में भी एथनॉल का प्लांट लगे इसको लेकर प्रयास है. इसके अलावा शुगर मिलों के साथ-साथ पावर प्लांट लगाए जाएंगे. असंध शुगर मिल से इसकी शुरुआत की जा रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसी भी सहकारी चीनी मिल के पास किसानों का कोई देय बकाया नहीं हैं.
हरियाणा सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सहकारी बैंकों के ऋणी सदस्यों और किसानों के लिए एकमुश्त ऋण अदायगी योजना-2019 (वन टाइम सेटलमेंट स्कीम) की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2019 तक बढ़ा दी गई है ताकि इस योजना का लाभ अधिक से अधिक ऐसे सदस्य और किसान उठा सकें.
उन्होंने आंकड़ों समेत अभी तक इस स्कीम की जनकरी देते हुए बताया कि हरको बैंक का शॉर्ट टर्म लोन करीब 3 हजार करोड़ का था, हरको बैंक से 6 लाख 99 हजार 804 किसानों ने लोन लिया था और अब तक 962 करोड़ रिकवरी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि 2 लाख 10 हजार 840 किसानों इसका फायदा उठाया है. जबकि 2128 करोड़ 68 लाख के करीब लोन बाकी बच रहा है और 4 लाख 88 हजार 977 किसानों को अभी लोन वापिस देना है.
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किसानों को किया जाएगा जागरूक
मंत्री बनवारी लाल ने कहा कि बताया कि लैंड मॉर्गेज बैंक टोटल खाता धारक 92 हजार 258 है जिसमें 1577 करोड़ का कुल अमाउंट था, जिसमें से अभी तक 185 करोड़ 43 लाख की रिकवरी हुई है. उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के 31 अगस्त 2019 को अतिदेय ऋणी सदस्यों को सम्पूर्ण ब्याज में राहत प्रदान की गई है. जरूरत पड़ी तो योजना की समय सीमा दिसम्बर से आगे भी बढ़ाई जा सकती है. हालांकि उम्मीद के मुताबकि नतीजे न आने पर उन्होंने कहा कि जागरूकता की कमी और चुनाव में पार्टियों की तरफ से किये जाने वाले वादे भी इसका एक कारण है. अब विभाग को किसानों को जागरूक करने को कहा गया है.
मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि रिफाईंड शुगर (परिष्कृत चीनी अर्थात रिफाइंड चीनी) के उत्पादन को बढ़ाने के लिए वर्तमान राज्य सरकार की ओर से प्रयास किए जाएंगें. उन्होंने बताया कि वर्तमान में रिफाईंड शुगर का उत्पादन रोहतक की सहकारी चीनी मिल में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि महम स्थित सहकारी चीनी मिल में रिफाईंड शुगर के उत्पादन के बारे में विचार-विमर्श किया जा रहा है और इस मिल में जल्द ही रिफाईंड शुगर का उत्पादन भी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि रिफाइंड शुगर का उत्पादन बढ़ेगा, तो दाम में भी बढ़ोतरी होगी और इस प्रकार से इन मिलों के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी.
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सहकारी मिलों में अन्य योजनाओं के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि शाहबाद की चीनी मिल में एथोनॉल के प्लांट को स्थापित करने के लिए कार्यवाही की जा रही है. उन्होंने कहा कि गन्ने की पिराई के बाद निकलने वाली खोई (अवशेष) और अन्य फसलों के अवशेषों से संयंत्रों को स्थापित करके बिजली का उत्पादन भी किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि असंध की सहकारी चीनी मिल में इस प्रकार के संयंत्र को स्थापित करने के लिए कॉन्फेड द्वारा योजना बनाई जा रही है और इसके लिए भूमि भी ली जा रही है.
'मिलों के उपकरणों को भी किया जाएगा दुरूस्त'
उन्होंने बताया कि चीनी मिलों में उपकरणों को दुरूस्त भी किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो. उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसी भी सहकारी चीनी मिल के पास किसानों का कोई देय बकाया नहीं हैं. उन्होंने कहा कि आने वाली 12 दिसंबर, 2019 को पलवल की सहकारी चीनी मिल में गन्ने की पिराई शुरू होगी.
गौरतलब है कि चंडीगढ़ के अधीन सभी जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों, प्राथमिक सहकारी समितियों और राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अधीन सभी जिला प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के ऐसे ऋणी किसानों और सदस्यों को इस योजना में सम्मिलित किया गया है जो किसी कारण से अतिदेय ऋण की अदायगी नहीं कर सके. उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के 31 अगस्त 2019 को अतिदेय ऋणी सदस्यों को सम्पूर्ण ब्याज में राहत प्रदान की गई है.