ETV Bharat / state

हरियाणा को नहीं भाती महिला सांसद! 53 सालों में सिर्फ 5 महिला पहुंची संसद

बड़ी बात ये है कि जब से हरियाणा अस्तित्व में आया है तब से अब तक यहां से केवल पांच महिलाएं ही संसद तक पहुंच पाई हैं. इस बार के चुनावों में खास बात है कि राज्य में 11 में महिलाएं चुनावी दंगल में है. इनमें से सात महिलाएं बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी दंगल में ताल ठोंक रही हैं, लेकिन हरियाणा का इतिहास उनके पक्ष में गवाही नहीं दे रहा.

हरियाणा को नहीं भाती महिला सांसद! 53 सालों में सिर्फ 5 महिला पहुंची संसद
author img

By

Published : May 1, 2019, 5:07 PM IST

चंडीगढ़: महिलाएं यानी दुनिया की आधी आबादी. महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधा मिलाकर चल रही है, लेकिन बड़ी अचरज की बात है कि हरियाणा में महिलाओं की भागीदारी औसतन बहुत कम है. हरियाणा के गठन से लेकर अब तक यहां से केवल पांच महिलाएं ही संसद तक पहुंच पाई हैं.

6 लोकसभा क्षेत्र ने कभी नहीं बनाया महिला सांसद
इतिहास गवाह है कि हरियाणा में करनाल, रोहतक, हिसार, फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत संसदीय सीटें ऐसी हैं जहां से लोगों ने कभी किसी महिला को नहीं जिताया है. हालांकि जनता के प्यार के साथ-साथ, बड़ी पार्टियों का नाम और अपने परिवार का राजनीतिक बैकग्राउंड कुछ महिलाओं के साथ रहा और संसद तक जा पहुंची.

हरियाणा की राजनीति में महिलाओं का रोल
1966 में हरियाणा बनने के इतने साल बाद तक यहां से 51 महिलाएं ही विधान सभा और लोकसभा तक पहुंच पाई हैं. लोकसभा तक पहुंचने वाली महिलाओं की संख्या केवल 5 है. जिनमें कांग्रेस की चंद्रावती, कुमारी शैलजा और श्रुति चौधरी, भाजपा से सुधा यादव व इनेलो से कैलाशो सैनी शामिल हैं.

haryana female mp special report
हरियाणा की पांचों पूर्व महिला सांसद की तस्वीरें

कुमारी सैलजा तीन बार बनीं सासंद
सबसे ज्यादा तीन बार कांग्रेस की कुमारी सैलजा संसद पहुंचीं. वो दो बार अंबाला और एक बार सिरसा आरक्षित सीट पर चुनी गईं. इस बार भी कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा और भाजपा से रतन लाल कटारिया चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं. पूर्व में सैलजा दो बार वर्तमान सांसद कटारिया को शिकस्त दे चुकी हैं. मगर इस बार समीकरण कुछ बदले-बदले हैं और मुकाबला दोनों में दिलचस्प होने की उम्मीद हैं.

haryana female mp special report
कांग्रेस की पूर्व महिला सांसद कुमारी सैलजा

2014 लोकसभा चुनाव में कटारिया को 50 फीसदी से भी अधिक वोट मिले थे. वर्ष 2004 के चुनाव में कुमारी सैलजा ने कटारिया को मात दी थी. तब चुनाव में सैलजा को 4,15,264 मत मिले थे जबकि कटारिया को 1,80,329. इसी तरह 2009 चुनावों में सैलजा को 3,22,258 मत पड़े थे जबकि कटारिया को 3,07,688. वहीं 2014 के चुनाव में रतनलाल कटारिया को 6,12,121 मत पड़े जबकि उनके खिलाफ मैदान में उतरे कांग्रेस के राजकुमार वाल्मीकि को 2,72,047 मत मिले थे.


बंसी लाल की पौत्री भी हैं मैदान में
चौधरी बंसी लाल की पौत्री श्रुति चौधरी इस बार भी मैदान में हैं. भिवानी में कांग्रेस ने पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है तो भाजपा ने अपने निवर्तमान सांसद धर्मबीर पर दाव खेला है. पिछली बार 2014 के आम चुनाव के दौरान श्रुति धर्मबीर सिंह से हार गई थीं, लेकिन बात 2009 की करें तो वो संसद में भिवानी का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.

haryana female mp special report
कांग्रेस की पूर्व सांसद श्रृति चौधरी

चंद्रावती बनी थीं हरियाणा की पहली सांसद
70 के दशक में जनता पार्टी की ओर से भिवानी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए चरखी दादरी के गांव डालावास चंद्रावती ने प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम बंसीलाल को करारी शिकस्त देते हुए हरियाणा की पहली महिला सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया. 1977 में जब राजनीति में महिलाओं की भागीदारी न के बराबर थी, चरखी दादरी की चंद्रावती ने भिवानी लोकसभा क्षेत्र के पहले चुनाव में 67.62 प्रतिशत वोट लेकर जीत का जो रिकार्ड बनाया था, वह आज तक तोड़ा नहीं जा सका है.

haryana female mp special report
हरियाणा की पहली महिला सांसद और कांग्रेस नेता चंद्रावती

चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक 1977 में चंद्रावती ने 2 लाख 89 हजार 135 वोट हासिल किए थे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल को 1 लाख 27 हजार 893 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था. माना जा रहा है कि आपातकाल का फायदा चंद्रावती को मिला और वे बीएलडी की टिकट पर 67.62 प्रतिशत वोट लेकर जीतने में कामयाब रहीं.

ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने पूर्व सांसद चंद्रावती से खास बातचीत भी की. देखिए वीडियो-

हरियाणा की पहली महिला सांसद से मिली ईटीवी भारत हरियाणा की टीम, देखिए रिपोर्ट


2014 में सूबे से एक भी महिला नहीं पहुंची संसद
2014 का परिणाम महिला उम्मीदवारों के लिए सबसे बुरा रहा. जब एक भी महिला प्रदेश से संसद नहीं पहुंच पाई. भिवानी-महेंद्रगढ़ से कांग्रेस की श्रुति चौधरी, अंबाला से इनेलो की कुसुम शेरवाल और कुरुक्षेत्र से आम आदमी पार्टी की बलविंदर कौर को हार का मुंह देखना पड़ा. पिछले आम चुनाव में भाजपा ने एक भी महिला उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा.

2014 में महिलाओं ने विधानसभा में तोड़ा रिकॉर्ड
2014 में हरियाणा से कोई महिला संसद नहीं पहुंची. 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने प्रदेश में किसी महिला कैंडिडेट को उतारा भी नहीं. विधानसभा की बात करें तो 2014 में 90 में से 13 महिला विधायक चुनी गईं थीं. ये एक रिकॉर्ड है कि हरियाणा विधान सभा में पहली बार महिलाओं विधायकों की संख्या इतनी हुई.

दिलचस्प स्टोरी तो जरूर पढ़ें-

जब हरियाणा की एक महिला सांसद ने अटल बिहारी वाजपेयी को बलरामपुर में हराया था

आजादी के पहले लाहौर में जन्मी सुभद्रा जोशी ने अटल बिहारी वाजपेयी को हराया था. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को बलरामपुर से हराया था. अटल बिहारी वाजपेयी लोकसभा चुनाव 1962 में दो सीटों - बलरामपुर और लखनऊ से लड़े थे. बलरामपुर से कांग्रेस ने उनके सामने सुभद्रा जोशी को उतारा था. जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी को सुभद्रा जोशी ने हारा दिया था, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ से जीत हासिल की.

haryana female mp special report
सुभद्रा जोशी, पूर्व सांसद (फाइल फोटो)

बता दें कि सुभद्रा जोशी मूल रुप से दिल्ली की रहने वाली थी, लेकिन सुभद्रा जोशी ने हरियाणा के करनाल लोकसभा सीट पर 1952 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीता था. वहीं 1957 में कांग्रेस की ही टिकट पर अंबाला लोकसभा से चुनाव जीता था. सुभद्रा जोशी 1952 से पहले कांग्रेस की जनरल सैकेट्री रहीं.

चंडीगढ़: महिलाएं यानी दुनिया की आधी आबादी. महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधा मिलाकर चल रही है, लेकिन बड़ी अचरज की बात है कि हरियाणा में महिलाओं की भागीदारी औसतन बहुत कम है. हरियाणा के गठन से लेकर अब तक यहां से केवल पांच महिलाएं ही संसद तक पहुंच पाई हैं.

6 लोकसभा क्षेत्र ने कभी नहीं बनाया महिला सांसद
इतिहास गवाह है कि हरियाणा में करनाल, रोहतक, हिसार, फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत संसदीय सीटें ऐसी हैं जहां से लोगों ने कभी किसी महिला को नहीं जिताया है. हालांकि जनता के प्यार के साथ-साथ, बड़ी पार्टियों का नाम और अपने परिवार का राजनीतिक बैकग्राउंड कुछ महिलाओं के साथ रहा और संसद तक जा पहुंची.

हरियाणा की राजनीति में महिलाओं का रोल
1966 में हरियाणा बनने के इतने साल बाद तक यहां से 51 महिलाएं ही विधान सभा और लोकसभा तक पहुंच पाई हैं. लोकसभा तक पहुंचने वाली महिलाओं की संख्या केवल 5 है. जिनमें कांग्रेस की चंद्रावती, कुमारी शैलजा और श्रुति चौधरी, भाजपा से सुधा यादव व इनेलो से कैलाशो सैनी शामिल हैं.

haryana female mp special report
हरियाणा की पांचों पूर्व महिला सांसद की तस्वीरें

कुमारी सैलजा तीन बार बनीं सासंद
सबसे ज्यादा तीन बार कांग्रेस की कुमारी सैलजा संसद पहुंचीं. वो दो बार अंबाला और एक बार सिरसा आरक्षित सीट पर चुनी गईं. इस बार भी कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा और भाजपा से रतन लाल कटारिया चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं. पूर्व में सैलजा दो बार वर्तमान सांसद कटारिया को शिकस्त दे चुकी हैं. मगर इस बार समीकरण कुछ बदले-बदले हैं और मुकाबला दोनों में दिलचस्प होने की उम्मीद हैं.

haryana female mp special report
कांग्रेस की पूर्व महिला सांसद कुमारी सैलजा

2014 लोकसभा चुनाव में कटारिया को 50 फीसदी से भी अधिक वोट मिले थे. वर्ष 2004 के चुनाव में कुमारी सैलजा ने कटारिया को मात दी थी. तब चुनाव में सैलजा को 4,15,264 मत मिले थे जबकि कटारिया को 1,80,329. इसी तरह 2009 चुनावों में सैलजा को 3,22,258 मत पड़े थे जबकि कटारिया को 3,07,688. वहीं 2014 के चुनाव में रतनलाल कटारिया को 6,12,121 मत पड़े जबकि उनके खिलाफ मैदान में उतरे कांग्रेस के राजकुमार वाल्मीकि को 2,72,047 मत मिले थे.


बंसी लाल की पौत्री भी हैं मैदान में
चौधरी बंसी लाल की पौत्री श्रुति चौधरी इस बार भी मैदान में हैं. भिवानी में कांग्रेस ने पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है तो भाजपा ने अपने निवर्तमान सांसद धर्मबीर पर दाव खेला है. पिछली बार 2014 के आम चुनाव के दौरान श्रुति धर्मबीर सिंह से हार गई थीं, लेकिन बात 2009 की करें तो वो संसद में भिवानी का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.

haryana female mp special report
कांग्रेस की पूर्व सांसद श्रृति चौधरी

चंद्रावती बनी थीं हरियाणा की पहली सांसद
70 के दशक में जनता पार्टी की ओर से भिवानी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए चरखी दादरी के गांव डालावास चंद्रावती ने प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम बंसीलाल को करारी शिकस्त देते हुए हरियाणा की पहली महिला सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया. 1977 में जब राजनीति में महिलाओं की भागीदारी न के बराबर थी, चरखी दादरी की चंद्रावती ने भिवानी लोकसभा क्षेत्र के पहले चुनाव में 67.62 प्रतिशत वोट लेकर जीत का जो रिकार्ड बनाया था, वह आज तक तोड़ा नहीं जा सका है.

haryana female mp special report
हरियाणा की पहली महिला सांसद और कांग्रेस नेता चंद्रावती

चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक 1977 में चंद्रावती ने 2 लाख 89 हजार 135 वोट हासिल किए थे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल को 1 लाख 27 हजार 893 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था. माना जा रहा है कि आपातकाल का फायदा चंद्रावती को मिला और वे बीएलडी की टिकट पर 67.62 प्रतिशत वोट लेकर जीतने में कामयाब रहीं.

ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने पूर्व सांसद चंद्रावती से खास बातचीत भी की. देखिए वीडियो-

हरियाणा की पहली महिला सांसद से मिली ईटीवी भारत हरियाणा की टीम, देखिए रिपोर्ट


2014 में सूबे से एक भी महिला नहीं पहुंची संसद
2014 का परिणाम महिला उम्मीदवारों के लिए सबसे बुरा रहा. जब एक भी महिला प्रदेश से संसद नहीं पहुंच पाई. भिवानी-महेंद्रगढ़ से कांग्रेस की श्रुति चौधरी, अंबाला से इनेलो की कुसुम शेरवाल और कुरुक्षेत्र से आम आदमी पार्टी की बलविंदर कौर को हार का मुंह देखना पड़ा. पिछले आम चुनाव में भाजपा ने एक भी महिला उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा.

2014 में महिलाओं ने विधानसभा में तोड़ा रिकॉर्ड
2014 में हरियाणा से कोई महिला संसद नहीं पहुंची. 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने प्रदेश में किसी महिला कैंडिडेट को उतारा भी नहीं. विधानसभा की बात करें तो 2014 में 90 में से 13 महिला विधायक चुनी गईं थीं. ये एक रिकॉर्ड है कि हरियाणा विधान सभा में पहली बार महिलाओं विधायकों की संख्या इतनी हुई.

दिलचस्प स्टोरी तो जरूर पढ़ें-

जब हरियाणा की एक महिला सांसद ने अटल बिहारी वाजपेयी को बलरामपुर में हराया था

आजादी के पहले लाहौर में जन्मी सुभद्रा जोशी ने अटल बिहारी वाजपेयी को हराया था. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को बलरामपुर से हराया था. अटल बिहारी वाजपेयी लोकसभा चुनाव 1962 में दो सीटों - बलरामपुर और लखनऊ से लड़े थे. बलरामपुर से कांग्रेस ने उनके सामने सुभद्रा जोशी को उतारा था. जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी को सुभद्रा जोशी ने हारा दिया था, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ से जीत हासिल की.

haryana female mp special report
सुभद्रा जोशी, पूर्व सांसद (फाइल फोटो)

बता दें कि सुभद्रा जोशी मूल रुप से दिल्ली की रहने वाली थी, लेकिन सुभद्रा जोशी ने हरियाणा के करनाल लोकसभा सीट पर 1952 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीता था. वहीं 1957 में कांग्रेस की ही टिकट पर अंबाला लोकसभा से चुनाव जीता था. सुभद्रा जोशी 1952 से पहले कांग्रेस की जनरल सैकेट्री रहीं.

Intro:Body:

महिलाएं यानी दुनिया की आधी आबादी. महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधा मिलाकर चल रही है, लेकिन बड़ी अचरज की बात है कि हरियाणा में महिलाओं की भागीदारी औसतन बहुत कम है. 

Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.