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हरियाणा में बिजली विभाग के 'अच्छे दिन'! 15 साल में पहली बार फायदे में बिजली विभाग

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Published : Sep 4, 2019, 1:43 PM IST

हरियाणा बिजली विभाग की सुधार को लिए गये गए फैसले का असर अब दिखने लगा है. बिजली निगमों ने गत चार साल में नए बिजली कनेक्शन देने में भी नए रिकॉर्ड स्थापित किया है और लाइन लॉस के आंकड़ों में भी सुधार हुआ है.

haryana electricity board

चंडीगढ़: बिजली वितरण कंपनियों के सुधारीकरण के लिए किए गए अहम फैसले का असर दिखने लगा है. जिसके चलते ही बिजली वितरण कंपनियों की स्थिति में भारी सुधार देखने को मिल रहा है.

67 लाख बिजली उपभोक्ता

बिजली निगमों ने पिछले चार साल में नए बिजली कनेक्शन देने में भी नए रिकॉर्ड स्थापित किया है. निगम के प्रयासों से 15 लाख से अधिक नए उपभोक्ता जोड़े गए हैं और अब प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 67 लाख के करीब पहुंच गई है.

ये भी रही उपलब्धि

इसके अलावा, इस सीजन में प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 11001 मेगावाट दर्ज की गई और इस लक्ष्य को भी डिस्कॉम ने आसानी से पूरा कर लिया है.

इस बार उत्तर और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का इस साल औसत लाइन लॉस 17.45 प्रतिशत रहा जबकि देशभर में बिजली वितरण कंपनियों का औसत लाइन लॉस 18.27 प्रतिशत है, जो कि बिजली विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.

लाभ की स्थिति में कंपनी

ऐसा पहली बार हुआ है कि हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियों के एग्रीगेट ट्रांसमिशन एंड कॉमर्शियल लॉस में भारी कमी आई है. बिजली निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के कड़े प्रयासों से अब बिजली वितरण कंपनियां लाभ की स्थिति में पहुंच गई हैं.

इतना हुआ लाभ

2018-19 में 280 करोड़ 94 लाख रुपए का लाभ हुआ, इसमें यदि एग्रीकल्चर सब्सिडी के 606 करोड़ रुपए जोड़ दिए जाएं तो ये लाभ 886 करोड़ 94 लाख रुपए का होता है.

उन्होंने बताया कि 15 साल के बाद पहली बार इन बिजली वितरण कंपनियों को लाभ हुआ है. बिजली कंपनी का लगातार लाइन लॉस कम हो रहा है. उपभोक्ताओं को सुचारू और निर्बाध बिजली मिले. उसके लिए निगमों में 33 केवी के 157 नए सब स्टेशन स्थापित किए गए हैं.

चंडीगढ़: बिजली वितरण कंपनियों के सुधारीकरण के लिए किए गए अहम फैसले का असर दिखने लगा है. जिसके चलते ही बिजली वितरण कंपनियों की स्थिति में भारी सुधार देखने को मिल रहा है.

67 लाख बिजली उपभोक्ता

बिजली निगमों ने पिछले चार साल में नए बिजली कनेक्शन देने में भी नए रिकॉर्ड स्थापित किया है. निगम के प्रयासों से 15 लाख से अधिक नए उपभोक्ता जोड़े गए हैं और अब प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 67 लाख के करीब पहुंच गई है.

ये भी रही उपलब्धि

इसके अलावा, इस सीजन में प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 11001 मेगावाट दर्ज की गई और इस लक्ष्य को भी डिस्कॉम ने आसानी से पूरा कर लिया है.

इस बार उत्तर और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का इस साल औसत लाइन लॉस 17.45 प्रतिशत रहा जबकि देशभर में बिजली वितरण कंपनियों का औसत लाइन लॉस 18.27 प्रतिशत है, जो कि बिजली विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.

लाभ की स्थिति में कंपनी

ऐसा पहली बार हुआ है कि हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियों के एग्रीगेट ट्रांसमिशन एंड कॉमर्शियल लॉस में भारी कमी आई है. बिजली निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के कड़े प्रयासों से अब बिजली वितरण कंपनियां लाभ की स्थिति में पहुंच गई हैं.

इतना हुआ लाभ

2018-19 में 280 करोड़ 94 लाख रुपए का लाभ हुआ, इसमें यदि एग्रीकल्चर सब्सिडी के 606 करोड़ रुपए जोड़ दिए जाएं तो ये लाभ 886 करोड़ 94 लाख रुपए का होता है.

उन्होंने बताया कि 15 साल के बाद पहली बार इन बिजली वितरण कंपनियों को लाभ हुआ है. बिजली कंपनी का लगातार लाइन लॉस कम हो रहा है. उपभोक्ताओं को सुचारू और निर्बाध बिजली मिले. उसके लिए निगमों में 33 केवी के 157 नए सब स्टेशन स्थापित किए गए हैं.

Intro:एंकर -
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का इस बार औसत लाइन लॉस 17.45 प्रतिशत रहा जबकि देशभर में बिजली वितरण कंपनियों का औसत लाइन लॉस 18.27 प्रतिशत है । इस बार दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का लाइन लॉस 14.86 प्रतिशत व उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम का लाइन लॉस 21.12 प्रतिशत है । इन दोनों बिजली वितरण कंपनियों का लाइन लॉस 2015-16 में 30.02 प्रतिशत, 2016-17 में 25.43 प्रतिशत और 2017-18 में 20.29 प्रतिशत था । ऐसा पहली बार हुआ है कि हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियों के एग्रीगेट ट्रांसमिशन एंड कॉमर्शियल लॉस में भारी कमी आई है । फायदे में पहुँची बिजली कंपनियां , 15 साल बाद पहली बार हुआ लाभ ।
Body:वीओ -
बिजली वितरण कंपनियों के सुधारीकरण के लिए गए अहम फैसला के चलते ही बिजली वितरण कंपनियों की स्थिति में भारी सुधार देखने को मिल रहा है । बिजली निगमों ने गत चार वर्षों में नए बिजली कनेक्शन देने में भी नए रिकार्ड स्थापित किए हैं । निगमों के प्रयासों से 15 लाख से अधिक नए उपभोक्ता जोड़े गए हैं और अब प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 66 लाख 21 हजार से ऊपर पहुंच गई है । इसके अलावा, इस सीजन में प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 11001 मेगावाट दर्ज की गई और इस लक्ष्य को भी डिस्कॉम ने आसानी से पूरा कर लिया । बिजली निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के कड़े प्रयासों से अब बिजली वितरण कंपनियां लाभ की स्थिति में पहुंच गई हैं, जहां 2017-18 में दोनों निगमों ने 413 करोड़ 35 लाख रुपए का लाभ अर्जित किया, वहीं, 2018-19 में 280 करोड़ 94 लाख रुपए का लाभ हुआ, इसमें यदि एग्रीकल्चर सब्सिडी के 606 करोड़ रुपए जोड़ दिए जाएं तो यह लाभ 886 करोड़ 94 लाख रुपए होता है। उन्होंने बताया कि 15 साल के बाद पहली बार इन बिजली वितरण कंपनियों को लाभ हुआ है ।
Conclusion:एक तरफ जहां बिजली कंपनीयो का लगातार लाइन लॉस कम हो रहा है वहीं 15 लाख से अधिक नए उपभोक्ता जोड़े गए हैं और अब प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 66 लाख 21 हजार से ऊपर पहुंच गई है । उपभोक्ताओं को सुचारू और निर्बाध बिजली मिले उसके लिए निगमों में 33 केवी के 157 नए सब भी स्टेशन स्थापित किए गए हैं और 33 केवी के ही 384 सब स्टेशनों की बिजली क्षमता में वृद्धि की गई है ।
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