चंडीगढ़: कृषि कानून पर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. हरियाणा और पंजाब में इन कानूनों का सबसे ज्यादा विरोध देखने को मिल रहा है. कई किसान संगठन और विपक्षी पार्टियां इन्हें काला कानून और किसान विरोधी बता रही हैं. आज एक बार फिर गांधी जयंती के मौके पर हरियाणा कांग्रेस जिला स्तर पर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन करने जा रही है.
कैथल में कांग्रेस की ओर से कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा. कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह 11 बजे हरियाणा शहीद स्मारक में सांकेतिक धरना देंगे. जिसके बाद पैदल मार्च निकाली जाएगी. प्रदर्शन का नेतृत्व रणदीप सुरजेवाला करेंगे.
वहीं झज्जर में भी कृषि कानून के विरोध कांग्रेस धरना प्रदर्शन करेगी. ये धरना श्री राम शर्मा पार्क में किया जाएगा. जिसका नेतृत्व पूर्व शिक्षा मंत्री और झज्जर से विधायक गीता भुक्कल करेंगी. इसके अलावा फतेहाबाद और दूसरे जिलों में भी कांग्रेस की ओर से प्रदर्शन कर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा. ज्ञापन के जरिए कांग्रेस सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करेगी.
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जानिए कृषि कानून जिनका हो रहा विरोध
- किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानू, 2020 का उद्देश्य विभिन्न राज्य विधानसभाओं द्वारा गठित कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) द्वारा विनियमित मंडियों के बाहर कृषि उपज की बिक्री की अनुमति देना है.
- किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं कानून का उद्देश्य अनुबंध खेती की इजाजत देना है.
- आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून अनाज, दालों, आलू, प्याज और खाद्य तिलहन जैसे खाद्य पदार्थों के उत्पादन, आपूर्ति, वितरण को विनियमित करता है.