चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना हरियाणा से हारेगा और कोरोना भारत से भागेगा. उन्होंने बताया कि सब प्रकार की रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं लोगों के घरद्वार पर पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के माध्यम से व्यापक प्रबंध किए गए हैं.
33 हजार वॉलंटियर्स ने करवाया पंजीकरण
सीएम ने कहा कि हमने प्रशासन के साथ-साथ वालंटियर्स के सहयोग के लिए पोर्टल में पंजीकरण करवाने की ऑनलाइन व्यवस्था की है. पिछले चार दिनों में 33,000 वॉलंटियर्स ने अपना पंजीकरण करवाया है.
सीएम ने बताया कि इनमें 546 सेवानिवृत डॉक्टर, 255 नर्स, 1100 पैरामेडिकल स्टाफ, 4700 होम डिलीवरी कर्मी, 5700-5700 सोशल डिस्टेसिंग के बारे जानकारी देने वाले विशेषज्ञ और 6200 जिला मेजिस्ट्रेट को सहयोग देने वाले व्यक्ति शामिल हैं.
'सरकार अनाज का एक-एक दाना खरीदेगी'
प्रदेश के किसानों को भी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि सरकार उनके अनाज के एक-एक दाने की खरीद करेगी. उन्होंने कहा कि फसल की खरीद में कुछ देरी हो सकती है, लेकिन खरीद अवश्य की जाएगी. वर्तमान परिस्थितियों में 14 अप्रैल, 2020 तक खरीद करना संभव नहीं है, इसलिए परिस्थितियों के अनुकूल होते ही 15 अप्रैल और 20 अप्रैल से सरसों और गेहूं की खरीद की व्यवस्था की जाएगी.
ये भी पढे़ं- LOCKDOWN: हरियाणा के किस जिले में किस नंबर पर मिलेगी मदद, यहां लीजिए पूरी जानकारी
उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि जितना संभव हो अपनी फसल को घर में स्टोर करें और संभव न हो पाए तो मार्केटिंग बोर्ड की मदद ली जाएगी. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन और खरीद में देरी के कारण किसानों को हो रहे नुकसान की भरपाई की व्यवस्था के लिए शीघ्र ही राज्य सरकार द्वारा एक योजना घोषित की जाएगी.
हरियाणा कोरोना राहत कोष में 5.84 करोड़ रुपये का योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे मेडिकल सेवा के अधिकारी और कर्मचारी जोखिम उठाकर लोगों के लिए कार्य कर रहे हैं. इनकी और इनके परिवार की चिंता करना भी सरकार का कर्तव्य बनता है. इन लोगों के प्रति हम कृतज्ञ हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने हरियाणा कोरोना राहत कोष का गठन किया है और इस कोष में अब तक 2000 से ज्यादा लोगों ने 5.84 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिहाड़ीदार, मजदूर व भवन निर्माण कार्यों से जुड़े श्रमिक व बीपीएल परिवारों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए प्रबंध किए हैं. मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत 12.56 लाख परिवारों ने पंजीकरण करवाया. इनमें से 2.76 लाख परिवारों को 4,000 रुपये की एक मुश्त सहायता के तौर पर 84.46 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है.
इसी प्रकार, भवन निर्माण बोर्ड से पंजीकृत 3.85 लाख श्रमिकों को 1,000 रुपये प्रति सप्ताह देने का निर्णय है. बीपीएल परिवारों को भी 1,000 रुपये प्रति सप्ताह दिए जाएंगे और जो परिवार बीपीएल सूची में नहीं हैं, उनके पंजीकरण की अलग से व्यवस्था की जाएगी.
ऑनलाइन भरें बिजली बिल
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बिजली के बिल भरने पर कैश कांऊटर पर लगने वाली भीड़ से बचने के लिए बिजली निगमों ने 14 अप्रैल, 2020 कैश काऊंटर बंद करने का निर्णय लिया है. लोगों की सुविधा के लिए डिजिटल बिल की व्यवस्था की गई है. लोग चाहे आरटीजीएस या वीवीपीएपैट या एनईएफटी के माध्यम से भी बिजली बिलों का भुगतान कर सकते हैं.