चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की ओर से गठित की गई हाई पावर कमेटी ने शुक्रवार को किसानों को बातचीत का न्योता (Haryana High Power Committee invited farmers) दिया है. कमेटी ने 19 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) समेत 43 किसान नेताओं को न्योता भेजा है, लेकिन कमेटी की तरफ से भेजी गई किसानों की लिस्ट में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait Farmer Leader) का नाम नहीं है. जब इस बारे में सीएम मनोहर लाल से सवाल किया गया कि राकेश टिकैत में बातचीत में क्यों नहीं शामिल किया गया तो वे इस सवाल को टाल गए.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रशासन ने अपने हिसाब से 47 आधिकारिक के लोगों को नोटिस भेजा है, इनमें से कितने लोग मीटिंग में आते हैं यह रविवार को ही पता चलेगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद हम सब की जिम्मेदारी बनती है. आंदोलनकारियों द्वारा जो रास्ते सील किए गए हैं उन्हें खुलवाया जाए. सीएम ने कहा कि किसान संगठनों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए इन रास्तों को खोलें.
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बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर एक तरफ का रास्ता खुलवाने को लेकर सरकार द्वारा गठित हाईपावर कमेटी में किसान नेताओं से बातचीत करेगी. सोनीपत जिले के मुरथल में इस बैठक का आयोजन होगा. सरकार की तरफ से गठित इस हाई पावर कमेटी में हरियाणा डीजीपी, गृह सचिव समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे. ये हाई पावर कमेटी पहले संयुक्त किसान मोर्चा के करीब 43 प्रतिनिधियों से बात करेगी, उसके बाद सड़क अवरोध को हटाने को लेकर फैसला किया जाएगा.
![High Power Committee invited farmers](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13098719_list.jpg)
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को रास्ता खुलवाने के लिए किसानों से बातचीत कर समाधान निकालने के आदेश दिए थे. 9 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर किसान सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. किसानों ने बॉर्डर पर दोनों तरफ का रास्ता बंद किया हुआ है. मोनिका अग्रवाल की जनहित याचिका (सिविल) नंबर-249/2021 पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि कुंडली-सिंघू बॉर्डर पर धरनारत किसानों से एक तरफ मार्ग छुड़वाया जाए. जिसके बाद प्रशासन से किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि वो इस बात पर सकारात्मक विचार करेंगे.
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