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हरियाणा में VIP कल्चर की वापसी, जनप्रतिनिधि लाल बत्ती की जगह लगा सकते हैं मेहरून झंडी

विधानसभा स्पीकर की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया है. हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता का कहना है कि विधायकों की लगातार यह शिकायतें आ रही थी कि रास्ते में कई जगह नाकों पर या फिर खासतौर पर टोल प्लाजा पर विधायकों से रोक टोक की जाती है.

Haryana bjp government has given red flags of vehicles to legislators to maintain VIP status
हरियाणा में वीआईपी कल्चर की हुई वापसी
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Published : Oct 14, 2020, 12:04 PM IST

Updated : Oct 14, 2020, 1:58 PM IST

चंडीगढ़: नेता जनता की सेवा के लिए होते हैं, लेकिन भारत में नेता तभी नेता माने जाते हैं जब उनका भौकाल बना रहे, वरना नेता की नेतागिरी कोई मायने नहीं रहती. साल 2017 में बीजेपी सरकार ने नेताओं के इसी भौकाल को खत्म करने के लिए एक सराहनीय कदम उठाया. देश में वीआईपी कल्चर का प्रतीक 'लाल बत्ती' पर प्रतिबंध लगा दिया, इस कदम की हर तरफ तारीफ हुई, लेकिन अब लगता है कि माननीयों को वीआईपी कल्चर के जाने से दिल में मलाल रह गया था.

लाल बत्ती गई तो मैरून झंडी ही सही

अक्टूबर 2020 में हरियाणा की मनोहर सरकार ने वीआईपी स्टेट्स बनाए रखने के लिए एक नया तोड़ निकाला. 13 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता और सीएम मनोहर लाल ने विधायकों को गाड़ी पर लगाने के लिए मैरून झंडी दी गई.

विधायकों के लिए गाड़ी पर मैरून झंडी का प्रावधान, देखिए वीडियो

सभी विधायक लगा सकते हैं गाड़ियों पर झंडी

मुख्यमंत्री ने विधायकों के वाहनों पर लगने वाली झंडी के बारे में कहा कि हरियाणा विधानसभा द्वारा अधिकृत मौजूदा विधायक इस झंडी का इस्तेमाल अपने उन वाहनों पर कर सकेंगे, जो उनके नाम पर पंजीकृत हैं. अगर मौजूदा विधायक के पास अपने नाम से पंजीकृत कोई वाहन नहीं है, तो झण्डी का इस्तेमाल निजी या किराए के वाहनों पर किया जा सकता है.

विधायकों से टोल पर रोक-टोक से होता था समय बर्बाद- स्पीकर

आपको बता दें कि इस झंडी को लेकर विधानसभा स्पीकर की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया है. हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता का कहना है कि विधायकों की लगातार यह शिकायतें आ रही थी कि रास्ते में कई जगह नाकों पर या फिर खासतौर पर टोल प्लाजा पर विधायकों से रोक टोक की जाती है. जिससे विधायकों का ना केवल समय बर्बाद होता था, बल्कि उनको परेशानी भी झेलनी पड़ती थी.

Haryana bjp government has given red flags of vehicles to legislators to maintain VIP status
विधानसभा में सीएम मनोहर लाल ने की मैरून झंडी का अनावरण

अब सरकार को विधायकों की दिक्कत समझ आई- गीता भुक्कल

कांग्रेस की पूर्व मंत्री और विधायक गीता भुक्कल ने बातों ही बातों में इस पहल का समर्थन किया, बल्कि गीता भूक्कल ने सरकार का लाल बत्ती हटाने वाले फैसले का विरोध किया. गीता भूक्कल ने कहा कि पहले सरकार तो ये बोलती थी कि वो सधारण तरीके से सरकार चलाएंगे, लेकिन अब इन्हें समझ आया कि वास्तव में विधायकों को दिक्कत होती है. ऐसे में प्रदेश सरकार को ये कदम उठाना पड़ा.

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का स्टेटमेंट

जनवरी,2020 में एक मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में गाड़ियों पर वीआईपी पदों के स्टिकर हटाने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर स्टिकर नहीं हटाया जाता तो तगड़ा चालान काटा जाएगा. हाईकोर्ट के आदेश में अहम बात यह है कि गाड़ी पर सेना, डॉक्टर, प्रेस, पुलिस, डीसी, मेयर, विधायक, चेयरमैन व अन्य कोई वीआईपी पद लिखने पर पूरी तरह प्रतिबंध होगा. एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड को जरूर छूट मिलेगी.

ये पढ़ें- बरोदा उपचुनाव के लिए 15 अक्टूबर को इनेलो का उम्मीदवार करेगा नामांकन- अभय चौटाला

चंडीगढ़: नेता जनता की सेवा के लिए होते हैं, लेकिन भारत में नेता तभी नेता माने जाते हैं जब उनका भौकाल बना रहे, वरना नेता की नेतागिरी कोई मायने नहीं रहती. साल 2017 में बीजेपी सरकार ने नेताओं के इसी भौकाल को खत्म करने के लिए एक सराहनीय कदम उठाया. देश में वीआईपी कल्चर का प्रतीक 'लाल बत्ती' पर प्रतिबंध लगा दिया, इस कदम की हर तरफ तारीफ हुई, लेकिन अब लगता है कि माननीयों को वीआईपी कल्चर के जाने से दिल में मलाल रह गया था.

लाल बत्ती गई तो मैरून झंडी ही सही

अक्टूबर 2020 में हरियाणा की मनोहर सरकार ने वीआईपी स्टेट्स बनाए रखने के लिए एक नया तोड़ निकाला. 13 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता और सीएम मनोहर लाल ने विधायकों को गाड़ी पर लगाने के लिए मैरून झंडी दी गई.

विधायकों के लिए गाड़ी पर मैरून झंडी का प्रावधान, देखिए वीडियो

सभी विधायक लगा सकते हैं गाड़ियों पर झंडी

मुख्यमंत्री ने विधायकों के वाहनों पर लगने वाली झंडी के बारे में कहा कि हरियाणा विधानसभा द्वारा अधिकृत मौजूदा विधायक इस झंडी का इस्तेमाल अपने उन वाहनों पर कर सकेंगे, जो उनके नाम पर पंजीकृत हैं. अगर मौजूदा विधायक के पास अपने नाम से पंजीकृत कोई वाहन नहीं है, तो झण्डी का इस्तेमाल निजी या किराए के वाहनों पर किया जा सकता है.

विधायकों से टोल पर रोक-टोक से होता था समय बर्बाद- स्पीकर

आपको बता दें कि इस झंडी को लेकर विधानसभा स्पीकर की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया है. हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता का कहना है कि विधायकों की लगातार यह शिकायतें आ रही थी कि रास्ते में कई जगह नाकों पर या फिर खासतौर पर टोल प्लाजा पर विधायकों से रोक टोक की जाती है. जिससे विधायकों का ना केवल समय बर्बाद होता था, बल्कि उनको परेशानी भी झेलनी पड़ती थी.

Haryana bjp government has given red flags of vehicles to legislators to maintain VIP status
विधानसभा में सीएम मनोहर लाल ने की मैरून झंडी का अनावरण

अब सरकार को विधायकों की दिक्कत समझ आई- गीता भुक्कल

कांग्रेस की पूर्व मंत्री और विधायक गीता भुक्कल ने बातों ही बातों में इस पहल का समर्थन किया, बल्कि गीता भूक्कल ने सरकार का लाल बत्ती हटाने वाले फैसले का विरोध किया. गीता भूक्कल ने कहा कि पहले सरकार तो ये बोलती थी कि वो सधारण तरीके से सरकार चलाएंगे, लेकिन अब इन्हें समझ आया कि वास्तव में विधायकों को दिक्कत होती है. ऐसे में प्रदेश सरकार को ये कदम उठाना पड़ा.

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का स्टेटमेंट

जनवरी,2020 में एक मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में गाड़ियों पर वीआईपी पदों के स्टिकर हटाने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर स्टिकर नहीं हटाया जाता तो तगड़ा चालान काटा जाएगा. हाईकोर्ट के आदेश में अहम बात यह है कि गाड़ी पर सेना, डॉक्टर, प्रेस, पुलिस, डीसी, मेयर, विधायक, चेयरमैन व अन्य कोई वीआईपी पद लिखने पर पूरी तरह प्रतिबंध होगा. एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड को जरूर छूट मिलेगी.

ये पढ़ें- बरोदा उपचुनाव के लिए 15 अक्टूबर को इनेलो का उम्मीदवार करेगा नामांकन- अभय चौटाला

Last Updated : Oct 14, 2020, 1:58 PM IST
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