चंडीगढ़ : पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा विधानसभा में चंडीगढ़ पर एकाधिकार के लिए पास किए प्रस्ताव के जवाब में हरियाणा कैबिनेट ने पांच अप्रैल को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया. मंगलवार सुबह विशेष सत्र शुरू होगा. इससे पहले बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक होगी.
स्पीकर की अध्यक्षता में होने वाली बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सीएम मनोहर लाल खट्टर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला, विपक्ष के नेता व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा, गृह मंत्री अनिल विज तथा संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल गुर्जर मौजूद रहेंगे. पंजाब सरकार के फैसले के विरोध में हरियाणा के सभी दल विधानसभा में एकजुट नजर आ सकते हैं.
5 अप्रैल को होने वाले हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र में चंडीगढ़ पर राज्य का दावा और एसवाईएल नहर के पानी के सही हिस्से पर प्रस्ताव पास संभावना है. विधानसभा द्वारा पारित होने के बाद, राज्य के राज्यपाल के माध्यम से इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी भेजा जाएगा. प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया जाना तय है क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन, कांग्रेस और इनेलो सहित सभी दलों ने चंडीगढ़ पर पंजाब के प्रस्ताव का विरोध करने के लिए एक विशेष सत्र की मांग की थी.
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पंजाब विधानसभा में पास हुआ प्रस्ताव
इस मामले को लेकर अगर पूरे घटनाक्रम पर नजर डालें तो, पंजाब सरकार ने विधानसभा के विशेष सत्र का आयोजन किया और बीते शुक्रवार को विधानसभा में चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब को देने का प्रस्ताव (proposal to give chandigarh to punjab) पास कर दिया. इस प्रस्ताव का कांग्रेस, अकाली दल और बसपा ने समर्थन किया. वहीं बीजेपी ने इसका विरोध किया और मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए. पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद सीएम भगवंत मान ने कहा कि पंजाब को बचाने के लिए वे संसद के अंदर-बाहर और सड़कों पर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. इस बारे में वे जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे.
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