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हरियाणा में निकाय चुनावों में बीसी (ए) को आरक्षण देने की तैयारी, मानसून सत्र के दूसरे दिन CM ने सदन में कही ये बात

हरियाणा में पंचायतों के बाद अब निकाय चुनावों में बीसी (ए) को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन हरियाणा के सीएम और सदन के नेता मनोहर लाल ने यह बात कही. (Reservation to BC(A) in civic elections)

haryana cm manohar lal
सदन में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 29, 2023, 7:00 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन यानी सोमवार, 28 अगस्त को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में स्पष्ट किया कि स्थानीय निकायों में वार्डबंदी का कार्य हरियाणा राज्य पिछड़ा आयोग की सिफारिशों के अनुरूप किया जा रहा है. वार्डबंदी के लिए 2 आधार माने गए हैं. निकायों में वार्डों की संख्या निमित करने के लिए फैमिली इंफॉर्मेशन डाटा रिपॉजिटरी (FIDR) या मतदाताओं की 140 प्रतिशतता अनुसार प्राप्त जनसंख्या, दोनों में से जो भी अधिक होगा उसे आधार माना जाएगा. इसके अलावा, वार्डों में जनसंख्या की भिन्नता को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी किया है. इस तरह से पंचायतों के बाद अब निकाय चुनावों में भी बीसी (ए) को रिजर्वेशन का लाभ दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल कुरुक्षेत्र में बनेंगे 100-100 बिस्तर के 2 नए ब्लॉक, 162 पीएचसी को बनाया जाएगा नया

सदन में हरियाणा नगर निगम (संशोधन) और हरियाणा नगर पालिका (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा नगर निगम (संशोधन), अध्यादेश में जनसंख्या के लिए एफआईडीआर, जोकि एक रिपॉजिटरी है. उसे परिवार पहचान पत्र अधिनियम के तहत तैयार किया गया है.

सीएम ने कहा कि, आरक्षण के संबंध में सरकार ने हरियाणा राज्य पिछड़ा आयोग बनाया जिसने कुछ सिफारिशें की है. जनसंख्या के संबंध में की गई सिफारिशों के अनुरूप जिले में एक निकाय में बीसी (ए) जनसंख्या की प्रतिशतता का 50 फीसदी आरक्षित की जाएगी. यदि 20 सीटें हैं तो 5 फीसदी जनसंख्या के हिसाब से बीसी (ए) के लिए एक सीट आरक्षित होगी. बीसी (ए) जनसंख्या 2 प्रतिशत होने पर भी कम से कम एक सीट आरक्षित रखना सुनिश्चित किया है. सीएम ने कहा कि, पहले चेयरमैन का चुनाव पार्षद ही करते थे, इसलिए 2 सीटें आरक्षित की गई थी, ताकि उनमें से चुनाव किया जा सके. लेकिन, अब चेयरमैन का चुनाव सीधा होता है, इसलिए बीसी (ए) जनसंख्या 2 फीसदी होने पर भी कम से कम एक सीट आरक्षित रखना सुनिश्चित किया है.

ये भी पढ़ें: नूंह हिंसा पर बोले सीएम मनोहर लाल- विधायक का नाम आने पर कांग्रेस की चुप्पी बता रही दाल में कुछ काला है

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि, हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में 6-7 सीटें ऐसी बच गई, जहां पर वार्ड बीसी (ए) का था. लेकिन, बीसी (ए) का एक भी मतदाता नहीं था, इसलिए उन सीटों पर उप चुनाव करवाने पड़े, जिसमें दूसरे वार्डों के लोगों ने चुनाव लड़ना पड़ा. सीएम ने कहा कि, राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने बीसी (ए) को आरक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है.

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन यानी सोमवार, 28 अगस्त को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में स्पष्ट किया कि स्थानीय निकायों में वार्डबंदी का कार्य हरियाणा राज्य पिछड़ा आयोग की सिफारिशों के अनुरूप किया जा रहा है. वार्डबंदी के लिए 2 आधार माने गए हैं. निकायों में वार्डों की संख्या निमित करने के लिए फैमिली इंफॉर्मेशन डाटा रिपॉजिटरी (FIDR) या मतदाताओं की 140 प्रतिशतता अनुसार प्राप्त जनसंख्या, दोनों में से जो भी अधिक होगा उसे आधार माना जाएगा. इसके अलावा, वार्डों में जनसंख्या की भिन्नता को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी किया है. इस तरह से पंचायतों के बाद अब निकाय चुनावों में भी बीसी (ए) को रिजर्वेशन का लाभ दिया जाएगा.

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सदन में हरियाणा नगर निगम (संशोधन) और हरियाणा नगर पालिका (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा नगर निगम (संशोधन), अध्यादेश में जनसंख्या के लिए एफआईडीआर, जोकि एक रिपॉजिटरी है. उसे परिवार पहचान पत्र अधिनियम के तहत तैयार किया गया है.

सीएम ने कहा कि, आरक्षण के संबंध में सरकार ने हरियाणा राज्य पिछड़ा आयोग बनाया जिसने कुछ सिफारिशें की है. जनसंख्या के संबंध में की गई सिफारिशों के अनुरूप जिले में एक निकाय में बीसी (ए) जनसंख्या की प्रतिशतता का 50 फीसदी आरक्षित की जाएगी. यदि 20 सीटें हैं तो 5 फीसदी जनसंख्या के हिसाब से बीसी (ए) के लिए एक सीट आरक्षित होगी. बीसी (ए) जनसंख्या 2 प्रतिशत होने पर भी कम से कम एक सीट आरक्षित रखना सुनिश्चित किया है. सीएम ने कहा कि, पहले चेयरमैन का चुनाव पार्षद ही करते थे, इसलिए 2 सीटें आरक्षित की गई थी, ताकि उनमें से चुनाव किया जा सके. लेकिन, अब चेयरमैन का चुनाव सीधा होता है, इसलिए बीसी (ए) जनसंख्या 2 फीसदी होने पर भी कम से कम एक सीट आरक्षित रखना सुनिश्चित किया है.

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हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि, हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में 6-7 सीटें ऐसी बच गई, जहां पर वार्ड बीसी (ए) का था. लेकिन, बीसी (ए) का एक भी मतदाता नहीं था, इसलिए उन सीटों पर उप चुनाव करवाने पड़े, जिसमें दूसरे वार्डों के लोगों ने चुनाव लड़ना पड़ा. सीएम ने कहा कि, राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने बीसी (ए) को आरक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है.

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