चंडीगढ़: महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव का आज ऐलान हो गया. दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को मतदान और 24 अक्टूबर को मतगणना होगी. चुनाव आयोग के ऐलान के साथ ही दोनों राज्यों में चुनावी आचार संहिता लागू हो गई.
एक तरफ महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार है. जबकि हरियाणा में बीजेपी अपने दमपर सरकार में है. बीजेपी एक बार फिर दोनों राज्यों में कमल खिलाने की कवायद में है. वहीं, विपक्षी दल सत्ता में वापसी के लिए बेताब नजर आ रहे हैं.
हरियाणा का सियासी मिजाज
हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करीब एक करोड़ 83 लाख मतदाता करेंगे. इसमें 98 लाख 33 हजार 323 पुरुष और 84 लाख 65 हजार 152 महिला वोटर्स हैं.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में बीजेपी लगातार दूसरी बार सत्ता में आने की कवायद में जुटी है. बीजेपी मिशन-75 प्लस के लक्ष्य को लेकर चल रही है. वहीं, कांग्रेस ने चुनाव से ऐन वक्त पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा को आगे रखा है और इनके जरिए सत्ता में वापसी करने को बेताब है. कांग्रेस ने दलित-जाट कार्ड खेला है.
इसके अलावा अभय चौटाला की इनेलो और दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के बीच दो धड़ों में बंटा चौटाला परिवार अपने राजनीतिक वजूद को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है. वहीं, मायावती ने सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और योगेंद्र यादव की स्वराज इंडिया पार्टी भी चुनावी मैदान में हैं.
साल 2014 में कब हुआ मतदान?
बता दें कि साल 2014 में 20 सितंबर को चुनाव की घोषणा हुई थी और 15 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी. वहीं चुनाव के नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित हुए थे.
क्या है हरियाणा का समीकरण?
हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 33.20 फीसदी वोट के साथ 47 सीटें जीतने में कामयाब रही थी और सत्ता की कमान पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर को सौंपी थी. जबकि कांग्रेस 24.20 फीसदी वोट के साथ 17 सीट, इनेलो 24.10 फीसदी वोट के साथ 19 सीट, बसपा 4.40 फीसदी वोट के साथ एक सीट और अकाली दल ने 0.60 फीसदी वोट के साथ एक सीट जीती थी. वहीं, 10.60 फीसदी वोट के साथ पांच सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे थे.