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दो विधायकों के कम होने से बदला हरियाणा विधानसभा का समीकरण, क्या सरकार के लिए खतरा होगा अविश्वास प्रस्ताव?

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Published : Jan 31, 2021, 3:41 PM IST

नियमों के अनुसार 18 विधायक अगर सरकार पर अविश्वास जताते हैं, तो विधानसभा स्पीकर को 10 दिन के भीतर अविश्वास प्रस्ताव चर्चा के लिए स्वीकार करना होगा.

Haryana vidhan sabha budget session 2021
Haryana vidhan sabha budget session 2021

चंडीगढ़: कृषि कानूनों के विरोध में 67 दिन से किसान दिल्ली से लगती सीमाओं पर डटे हैं. सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि विपक्षी दल के नेता भी कृषि कानून के खिलाफ रोष जाहिर कर चुके हैं. सत्ता पक्ष के कुछ नेता भी इन कानूनों को लेकर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर चुके हैं. एक तरफ नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग कर रही हैं, तो दूसरी तरफ हरियाणा के मुख्यमंत्री भी बजट सत्र में विपक्ष को चुनौती दे चुके हैं.

ये भी पढ़ें- अविश्वास प्रस्ताव से कई चेहरे बेनकाब होंगे: भूपेंद्र सिंह हुड्डा

हरियाणा का बजट सत्र फरवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू हो सकता है. दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए चुनौती काफी बड़ी है. अविश्वास प्रस्ताव की बात कर रही कांग्रेस की एक और सीट कम हो गई है. कालका विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता को रद्द कर दिया गया है.

Haryana vidhan sabha budget session 2021
कालका से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द

वहीं इनेलो नेता अभय चौटाला कृषि कानूनों के विरोध में इस्तीफा दे चुके हैं. यानी हरियाणा में अब 90 विधानसभा सीटों में से दो सीटें खाली हो गई है. अब हरियाणा में 88 विधायक हैं, सरकार चलाने के लिए बहूमत के लिए 45 सीटें जरूरी हैं. बीजेपी के पास फिलहाल 40 और जेजेपी के 10 विधायक है. दोनों की मिलाकर 50 सीटें बनती है. जो कि बहुमत के आंकड़े से कहीं ज्यादा है. ऐसे में कांग्रेस के लिए अविश्वास पसताव लेकर सरकार को गिराना मुश्किल लग रहा है.

Haryana vidhan sabha budget session 2021
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने का किया दवा

ये भी पढ़ें- सरकार के खिलाफ अश्विास प्रस्ताव आता है तो सबसे पहले हस्ताक्षर करूंगा- सोमबीर सांगवान

विधानसभा के मौजूदा समीकरण को देखते हुए बजट सत्र में अगर कांग्रेस की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो, कांग्रेस को अब 45 विधायकों का बहुमत दिखाना होगा. जो अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में हो. 90 विधायकों वाली विधानसभा में 46 का आंकड़ा बहुमत का रहत है, जोकि अब 45 का रह गया है. 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधान सभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या अब 31 से घट कर 30 रह गई है. अभय सिंह चौटाला के त्याग पत्र देने बाद अब इनेलो की एक भी संख्या विधानसभा में नहीं रही.

Haryana vidhan sabha budget session 2021
विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं इनेलो नेता अभय चौटाला

हरियाणा में विधायकों की संख्या हुई 88

विधानसभा सदस्यों की संख्या 90 से घटकर 88 रह जाने के बाद अब बहुमत का आंकड़ा 46 की बजाय 45 हो गया है. बीजेपी विधायकों की संख्या 40 है जबकि उन्हें 10 जेजेपी के विधायकों का समर्थन प्राप्त है. इसके इलावा 5 निर्दलीयों का समर्थन सरकार को प्राप्त है. इनमें लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा का भी सरकार को समर्थन है. इस तरह से 56 विधायकों का समर्थन सरकार के पास है.

ये भी पढ़ें- अल्पमत में है हरियाणा सरकार, अविश्वास प्रस्ताव से तस्वीर हो जाएगी साफ- आफताब अहमद

दूसरी तरफ निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान और बलराज कुंडू सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं. अगर कांग्रेस के 30 विधायकों समेत 2 निर्दलीय भी सरकार को समर्थन देते हैं, तो भी आंकड़ा कांग्रेस के लिए काफी दूर नजर आ रहा है. किसान आंदोलन के बीच विपक्ष के हमलावर होने से डिफेंसिव मोड में आई सरकार अब विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से मजबूत हो गई है.

Haryana vidhan sabha budget session 2021
सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू

अविश्वास प्रस्ताव से सरकार पर नहीं पड़ेगा असर!

कुल मिलाकर बात ये है कि अगर कांग्रेस बजट सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाती भी है तो उससे सरकार के ऊपर कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा. क्योंकि बीजेपी-जेजेपी गठबंधन से सरकार के पास संख्याबल पहले से ही मजबूत है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बिजली मंत्री एवं निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला समेत 3 निर्दलीय विधायकों के साथ लंच किया था. जिसके बाद भी ये निर्दलीय सरकार के साथ ही मजबूती से खड़े होने की बात कहते नजर आए थे. इससे पहले दिल्ली में उपमुख्यमंत्री सीएम दुष्यंत चौटाला ने अपने विधायकों के साथ चर्चा की थी.

Haryana vidhan sabha budget session 2021
निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान सरकार से वापस ले चुके हैं समर्थन

ये भी पढ़ें- दीपेंद्र हुड्डा का बड़ा बयान- अल्पमत में है हरियाणा सरकार, हमने की अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग

जेजेपी के विधायक रामकरण काला और जोगी राम सिहाग भी कृषि कानून का समर्थन कर चुके हैं. जेजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक रामकुमार गौत्तम भी जेजेपी के खिलाफ मुखर रहते हैं. इस बीच अगर कुछ जेजेपी विधायक खुलकर अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हैं तो भी सरकार पूरी तरफ से बहुमत में नजर आ रही है. फिलहाल तो हर एंगल से हरियाणा सरकार सेफ जोन में नजर आ रही है. नियमों के अनुसार 18 विधायक अगर सरकार पर अविश्वास जताते हैं तो विधानसभा स्पीकर को 10 दिन के भीतर अविश्वास प्रस्ताव चर्चा के लिए स्वीकार करना होगा.

Haryana vidhan sabha budget session 2021
जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम कई बार दिखा चुके हैं बागी तेवर

ये भी पढे़ं- बड़ी खबर: कालका से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द

चंडीगढ़: कृषि कानूनों के विरोध में 67 दिन से किसान दिल्ली से लगती सीमाओं पर डटे हैं. सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि विपक्षी दल के नेता भी कृषि कानून के खिलाफ रोष जाहिर कर चुके हैं. सत्ता पक्ष के कुछ नेता भी इन कानूनों को लेकर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर चुके हैं. एक तरफ नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग कर रही हैं, तो दूसरी तरफ हरियाणा के मुख्यमंत्री भी बजट सत्र में विपक्ष को चुनौती दे चुके हैं.

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हरियाणा का बजट सत्र फरवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू हो सकता है. दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए चुनौती काफी बड़ी है. अविश्वास प्रस्ताव की बात कर रही कांग्रेस की एक और सीट कम हो गई है. कालका विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता को रद्द कर दिया गया है.

Haryana vidhan sabha budget session 2021
कालका से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द

वहीं इनेलो नेता अभय चौटाला कृषि कानूनों के विरोध में इस्तीफा दे चुके हैं. यानी हरियाणा में अब 90 विधानसभा सीटों में से दो सीटें खाली हो गई है. अब हरियाणा में 88 विधायक हैं, सरकार चलाने के लिए बहूमत के लिए 45 सीटें जरूरी हैं. बीजेपी के पास फिलहाल 40 और जेजेपी के 10 विधायक है. दोनों की मिलाकर 50 सीटें बनती है. जो कि बहुमत के आंकड़े से कहीं ज्यादा है. ऐसे में कांग्रेस के लिए अविश्वास पसताव लेकर सरकार को गिराना मुश्किल लग रहा है.

Haryana vidhan sabha budget session 2021
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने का किया दवा

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विधानसभा के मौजूदा समीकरण को देखते हुए बजट सत्र में अगर कांग्रेस की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो, कांग्रेस को अब 45 विधायकों का बहुमत दिखाना होगा. जो अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में हो. 90 विधायकों वाली विधानसभा में 46 का आंकड़ा बहुमत का रहत है, जोकि अब 45 का रह गया है. 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधान सभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या अब 31 से घट कर 30 रह गई है. अभय सिंह चौटाला के त्याग पत्र देने बाद अब इनेलो की एक भी संख्या विधानसभा में नहीं रही.

Haryana vidhan sabha budget session 2021
विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं इनेलो नेता अभय चौटाला

हरियाणा में विधायकों की संख्या हुई 88

विधानसभा सदस्यों की संख्या 90 से घटकर 88 रह जाने के बाद अब बहुमत का आंकड़ा 46 की बजाय 45 हो गया है. बीजेपी विधायकों की संख्या 40 है जबकि उन्हें 10 जेजेपी के विधायकों का समर्थन प्राप्त है. इसके इलावा 5 निर्दलीयों का समर्थन सरकार को प्राप्त है. इनमें लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा का भी सरकार को समर्थन है. इस तरह से 56 विधायकों का समर्थन सरकार के पास है.

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दूसरी तरफ निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान और बलराज कुंडू सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं. अगर कांग्रेस के 30 विधायकों समेत 2 निर्दलीय भी सरकार को समर्थन देते हैं, तो भी आंकड़ा कांग्रेस के लिए काफी दूर नजर आ रहा है. किसान आंदोलन के बीच विपक्ष के हमलावर होने से डिफेंसिव मोड में आई सरकार अब विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से मजबूत हो गई है.

Haryana vidhan sabha budget session 2021
सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू

अविश्वास प्रस्ताव से सरकार पर नहीं पड़ेगा असर!

कुल मिलाकर बात ये है कि अगर कांग्रेस बजट सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाती भी है तो उससे सरकार के ऊपर कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा. क्योंकि बीजेपी-जेजेपी गठबंधन से सरकार के पास संख्याबल पहले से ही मजबूत है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बिजली मंत्री एवं निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला समेत 3 निर्दलीय विधायकों के साथ लंच किया था. जिसके बाद भी ये निर्दलीय सरकार के साथ ही मजबूती से खड़े होने की बात कहते नजर आए थे. इससे पहले दिल्ली में उपमुख्यमंत्री सीएम दुष्यंत चौटाला ने अपने विधायकों के साथ चर्चा की थी.

Haryana vidhan sabha budget session 2021
निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान सरकार से वापस ले चुके हैं समर्थन

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जेजेपी के विधायक रामकरण काला और जोगी राम सिहाग भी कृषि कानून का समर्थन कर चुके हैं. जेजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक रामकुमार गौत्तम भी जेजेपी के खिलाफ मुखर रहते हैं. इस बीच अगर कुछ जेजेपी विधायक खुलकर अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हैं तो भी सरकार पूरी तरफ से बहुमत में नजर आ रही है. फिलहाल तो हर एंगल से हरियाणा सरकार सेफ जोन में नजर आ रही है. नियमों के अनुसार 18 विधायक अगर सरकार पर अविश्वास जताते हैं तो विधानसभा स्पीकर को 10 दिन के भीतर अविश्वास प्रस्ताव चर्चा के लिए स्वीकार करना होगा.

Haryana vidhan sabha budget session 2021
जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम कई बार दिखा चुके हैं बागी तेवर

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