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जूनियर खिलाड़ियों के साथ हरियाणा सरकार कर रही भेदभाव? HC ने मांगा जवाब

याचिका में कहा गया कि खेल नीति में एक ऐसा प्रावधान है जिसके तहत खिलाडियों के साथ अन्याय हो रहा है. प्रावधान के मुताबिक जूनियर खिलाड़ी को सीनियर खिलाड़ी की तुलना में प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पर कम ग्रेड दिया जाता है.

क्या जूनियर खिलाड़ियों के साथ हरियाणा सरकार कर रही भेदभाव? हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : Jul 2, 2019, 11:48 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एचएसएससी की भर्तियों में खिलाड़ियों के ग्रेडिंग से जुड़ी खेल नीति पर सरकार से जवाब मांगा है.

'खिलाड़ियों के साथ भेदभाव कर रही सरकार'
हाईकोर्ट में हरियाणा सरकार की खेल नीति एक प्रावधान के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में कहा गया था कि सरकार जूनियर और सीनियर खिलाड़ियों के बीच भेदभाव कर रही है.

जूनियर खिलाड़ियों को मिलेते है कम ग्रेड
याचिका में कहा गया कि खेल नीति में एक ऐसा प्रावधान है जिसके तहत खिलाडियों के साथ अन्याय हो रहा है. प्रावधान के मुताबिक जूनियर खिलाड़ी को सीनियर खिलाड़ी की तुलना में प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पर कम ग्रेड दिया जाता है. याची की ओर से कहा गया कि ऐसा करना सीधे तौर पर खिलाडियों से भेद भाव करना है और इस प्रावधान को तुरंत रोक देना चाहिए.

हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.

चंडीगढ़: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एचएसएससी की भर्तियों में खिलाड़ियों के ग्रेडिंग से जुड़ी खेल नीति पर सरकार से जवाब मांगा है.

'खिलाड़ियों के साथ भेदभाव कर रही सरकार'
हाईकोर्ट में हरियाणा सरकार की खेल नीति एक प्रावधान के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में कहा गया था कि सरकार जूनियर और सीनियर खिलाड़ियों के बीच भेदभाव कर रही है.

जूनियर खिलाड़ियों को मिलेते है कम ग्रेड
याचिका में कहा गया कि खेल नीति में एक ऐसा प्रावधान है जिसके तहत खिलाडियों के साथ अन्याय हो रहा है. प्रावधान के मुताबिक जूनियर खिलाड़ी को सीनियर खिलाड़ी की तुलना में प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पर कम ग्रेड दिया जाता है. याची की ओर से कहा गया कि ऐसा करना सीधे तौर पर खिलाडियों से भेद भाव करना है और इस प्रावधान को तुरंत रोक देना चाहिए.

हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.

जूनियर और सीनियर स्तर प्रतियोगिता खेलने वालों से भेद-भाव पर हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस 
-जूनियर  स्तर की प्रतियोगिताओं में ग्रेडिंग के समय एक स्तर कम करने का किया गया है प्रावधान 


एचसीएस में भर्ती के लिए खिलाडिय़ों की ग्रेडिंग के लिए बनाई हरियाणा की खेल नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 
याचिका दाखिल करते हुए दिग्विजय ने हाईकोर्ट को बताया कि हरियाणा सरकार ने खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए खेल नीति तैयार की थी। इस खेल नीति में एक ऐसा प्रावधान कर दिया गया जिससे खिलाडिय़ों के साथ अन्याय हो रहा है। हरियाणा सरकार ने प्रावधान किया है कि स्तर सात से उपर की प्रतियोगिताएं खेलने वाली खिलाडिय़ों को बी ग्रेड दिया जाएगा। यहां तक तो याची संतुष्टï है लेकिन इसमें नियम 6.2 जोड़ दिया गया है जिसके अनुसार जूनियर स्तर की प्रतियोगिता खेलने वाले खिलाडिय़ों की ग्रेडिंग करते हुए उनका एक ग्रेड कम कर दिया जाएगा। याची अगर कोई खिलाड़ी सीनियर स्तर की 7 स्तर की प्रतियोगिता खेला है तो उसका ग्रेड बी ही रहेगा लेकिन यदि वह 7 स्तर की प्रतियोगिता जूनियर श्रेणी में खेला है तो उसका स्तर आठ गिना जाएगा और उसकी ग्रेड सी हो जाएगी। याची ने कहा कि ऐसा करना सीधे तौर पर खिलाडिय़ों से भेद भाव करना है और ऐसे में इस प्रावधान पर तुरंत रोक लगाते हुए इसे खारिज किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने याचिका पर प्राथमिक सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही याचिकाकर्ता का नाम प्रोविजनल तौर पर नियुक्ति के लिए आगे बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं।
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