चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने 1 मई 2018 से चिकित्सा अधिकारी, सहायक चिकित्सा अधिकारी, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, डेंटल सर्जन और ईएसआई स्वास्थ्य देखभाल विभाग के निदेशक की 20 प्रतिशत की दर से ‘नॉन प्रैक्टिसिंग अलाऊंस’(एनपीए) को संशोधित करने का फैसला किया है.
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, इस फैसले से राज्य में 272 लाभार्थियों को फायदा होगा. इस संशोधन के कारण वार्षिक वित्तीय देयता 4.21 करोड़ रुपये से अधिक होगी.
उन्होंने बताया कि इस भत्ते के लिए केवल वही सरकारी कर्मचारी पात्र होंगे जो एक क्लिनिकल पोस्ट, पूर्णकालिक पोस्ट और जिसके मामले में निजी प्रैक्टिस करने का पर्याप्त क्षेत्र है, के विरुद्ध तैनात हैं. ये भत्ता केवल ऐसे मामलों और परिस्थितियों में स्वीकार्य होगा जहां सार्वजनिक हित में प्राइवेट प्रेक्टिस आवश्यक रूप से प्रतिबंधित हैं. उन्होंने बताया कि वेतन एवं एनपीए समेत कुल राशि 2 लाख 24 हजार 550 प्रति माह से अधिक नहीं होनी चाहिए.