चंडीगढ़: माइनिंग माफिया पर सरकार कड़ा शिकंजा कसने जा रही है. अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए सेटेलाइट और ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी. इसके अलावा भी कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं. खनन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने जानकरी देते हुए बताया कि खनन विभाग ने हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (HSAC) से करार किया है.
अवैध खनन को रोकने के लिए सरकार की सख्ती
इसके तहत हर महीने खनन विभाग को डेटा उपलब्ध करवाया जाएगा. इसी डेटा के आधार पर खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं अब खनन विभाग ने नया नियम शुरू किया है, जिसके तहत अवैध खनन के मामलों में जब्त वाहनों को छुड़ाने के लिए वाहन की कुल कीमत का 50 फीसदी जुर्माना देना होगा.
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'ड्रोन से ली जा रही हैं थ्री डी इमेज'
खनन विभाग ने 2 महीने में अवैध खनन में लगे करीब 200 वाहनों को जब्त किया है. पीके दास ने कहा कि कई बार ऐसा होता था कि माइनिंग साइट में कोई निजी और पंचायती जमीन भी शामिल हो जाती थी. इसलिए अब पंचायती जमीनों के भी रेट तय किए जाएंगे. वहीं ड्रोन बेस थ्री डी इमेज पत्थर के खदान की ली जा रही है.
'ठेकेदारों पर बकाया हैं 500 करोड़ रुपये'
पीके दास ने कहा कि हरियाणा में करीबन 200 माइनिंग साइट्स हैं, जिनमें से करीब 59 साइट्स बंद पड़ी हैं. सरकार ने इन्हें फिर से चालू करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि माइनिंग ठेकेदारों पर विभाग का करीबन 500 करोड़ों पर बकाया है. जिसकी भरपाई ठेकेदारों की ओर से दी जाने वाली सिक्योरिटी राशि से कर ली जाएगी.