चंडीगढ़: अब नौकरी की तैयारी करने वाले गांवों के विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए शहर नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि प्रदेश सरकार उनके लिए गांव में ही ऐसी व्यवस्था स्थापित कर देगी कि वो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि गांवों में इस व्यवस्था के स्थापित होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को किताबें और कोचिंग लेने के लिए शहर नहीं जाना पड़ेगा और वो अपने गांव में ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे.
इसके लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेशभर के हर गांवों में कोचिंग सेंटर के तर्ज पर मॉडर्न लाइब्रेरी स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. डिप्टी सीएम ने सभी ग्राम पंचायतों से आह्वान किया है कि वो अपने-अपने गांव में लाइब्रेरी बनाने के लिए कमरा देने का कार्य करें, राज्य सरकार वहां अपने खर्चे पर मॉडर्न लाइब्रेरी बनाएगी.
डिप्टी सीएम ने बताया कि वो गांवों में बनने वाली आधुनिक लाइब्रेरी में बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा के लिए कंप्यूटर, नौकरी की तैयारी के लिए संबंधित प्रतियोगी परीक्षा की सभी किताबें उपलब्ध करवाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी गांवों में सामूहिक जगह चौपाल या जहां भी ग्राम पंचायत लाइब्रेरी के लिए कमरा उपलब्ध करवाएगी वहां जितना भी खर्चा आएगा, उसे सरकार वहन करते हुए मॉडर्न लाइब्रेरी बनाएगी.
ये भी पढ़ें- क्या होती है इम्यूनिटी और हमें कैसे बचाती है कोरोना से? सुनिए डॉक्टर की राय
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए ये लंबे समय से आवश्यकता थी और वो इसके लिए बतौर सांसद से लेकर अब उप मुख्यमंत्री के तौर पर निरंतर जोर दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि बतौर सांसद उन्होंने अपने क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल में आधुनिक लाइब्रेरी बनाई थी और अब बतौर उप मुख्यमंत्री उन्होंने जींद और उचाना हलके के गांव करसिंधु में मॉडर्न लाइब्रेरी स्थापित करने का कार्य शुरू किया है.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए आगामी समय में अन्य और भी कई अहम कदम उठाने जा रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के आधारभूत ढांचे को बदलने के लिए हमें टेक्नोलॉजी की तरफ तेजी के साथ आगे बढ़ना होगा और इस पर सरकार निरंतर कार्य कर रही है.