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प्रदेश में ढीले-ढाले अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देगी सरकार- सूत्र - हरियाणा सरकार

सरकार प्रदेश में ढीले-ढाले अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट देने कि योजना बना रही है. रिटायरमेंट देने का मापदंड ACR रिपोर्ट के तहत तय किया जाएगा.

रिटायरमेंट. फाइल फोटो
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Published : Feb 26, 2019, 12:10 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार अपने ढीले-ढाले अधिकारियों व कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने की योजना पर काम कर रही है. सरकार की योजना के तहत पिछले दस साल के सेवाकाल में ACR रिपोर्ट में कम से कम सात बार अच्छा या बहुत अच्छा की टिप्पणी होने पर ही कार्य को संतोषजनक माना जाएगा. इससे कम स्कोर वाले 25 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी व अफसर को रिटायरमेंट दे दी जाएगी.

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रिटायरमेंट. फाइल फोटो

ढीले-ढाले कर्मचारियों पर गिरेगी गाज
सरकार ने विभागो में ढीले-ढाले अधिकारियों कि लिए समय से पूर्व रिटारमेंट पॉलिसी बनाई है. मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने सभी प्रशासनिक सचिवों, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, मंडलायुक्त और उपायुक्तों को 20 पेज की संशोधित पॉलिसी भेज दी है.

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इसमें ग्रुप ए और बी कैटेगरी के 50 साल से अधिक उम्र वाले अफसरों और ग्रुप सी में 55 साल की आयु वाले कर्मचारियों के काम-काज की समीक्षा विभाग के अध्यक्ष करेंगे. दस साल की समीक्षा के बाद अगर किसी कर्मचारी की ACR में सात बार गुड या वेरी गुड से कम टिप्पणी मिली तो उसे रिटायर कर दिया जाएगा.

आपको बता दें कि प्रदेश में करीब ढाई लाख सरकारी कर्मचारी हैं. गैर जिम्मेदार कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट के कदम को कर्मचारी आंदोलनों से जोड़कर देखा जा रहा है.

सरकार का मानना है कि बड़ी संख्या में कर्मचारी नेता ऐसे हैं, जो ड्यूटी की बजाय दूसरे कर्मचारियों को हड़ताल के लिए उकसाते रहते हैं. इससे दफ्तरों में काम प्रभावित होता है, वहीं लोगों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. नई पॉलिसी से न केवल इन कर्मचारियों को काम करना पड़ेगा, बल्कि विभाग के अध्यक्ष की टिप्पणी से उनकी नौकरी भी जा सकती है.

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कर्मचारी वर्ग को बड़ी राहत
आपको बता दें कि वर्ष 2006 से बंद एक्सग्रेसिया पॉलिसी फिर शुरू होगी, जिसमें मृतक के उपर निर्भर होने वाले किसी को एक पद नीचे नौकरी दी जाएगी.

अगर किसी कर्मचारी की 48 साल से पहले मृत्यु हो जाती है, तो परिवार के सामने किसी एक सदस्य को नौकरी या दस साल तक पूरा वेतन लेने का विकल्प रहेगा. 48 साल से अधिक उम्र वाले कर्मचारी की मौत पर निर्भर को दिवंगत कर्मचारी की उम्र 58 साल होने तक पूरा वेतनमान दिया जाएगा.

साथ ही आपको बता दें कि नई पॅालिसी के तहत निर्भर को किसी और विभाग में नौकरी दी जाएगी अथवा पहले उसी विभाग में नौकरी देने का प्रावधान था. निर्भर व्यक्तियों को मिलने वाले पांच फीसदी के आरक्षण की शर्त भी समाप्त कर दी गई है. इसके लिए ड्रॉफ्ट तैयार है जिस पर बजट सत्र में मुहर लग सकती है.

कर्मचारी कर रहे रिटायरमेंट का विरोध और एक्सग्रेसिया का स्वागत
सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि जबरन रिटायरमेंट की पॉलिसी कर्मचारियों के हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि एक्सग्रेसिया पॅलिसी का हम समर्थन करते हैं, लेकिन एक पद नीचे नौकरी देने की शर्त हटाई जाए और निर्भर व्यक्ति को उसी पद पर नौकरी दी जाए जिस पर रहते हुए कर्मचारी की मौत हुई.

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चंडीगढ़: हरियाणा सरकार अपने ढीले-ढाले अधिकारियों व कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने की योजना पर काम कर रही है. सरकार की योजना के तहत पिछले दस साल के सेवाकाल में ACR रिपोर्ट में कम से कम सात बार अच्छा या बहुत अच्छा की टिप्पणी होने पर ही कार्य को संतोषजनक माना जाएगा. इससे कम स्कोर वाले 25 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी व अफसर को रिटायरमेंट दे दी जाएगी.

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रिटायरमेंट. फाइल फोटो

ढीले-ढाले कर्मचारियों पर गिरेगी गाज
सरकार ने विभागो में ढीले-ढाले अधिकारियों कि लिए समय से पूर्व रिटारमेंट पॉलिसी बनाई है. मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने सभी प्रशासनिक सचिवों, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, मंडलायुक्त और उपायुक्तों को 20 पेज की संशोधित पॉलिसी भेज दी है.

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इसमें ग्रुप ए और बी कैटेगरी के 50 साल से अधिक उम्र वाले अफसरों और ग्रुप सी में 55 साल की आयु वाले कर्मचारियों के काम-काज की समीक्षा विभाग के अध्यक्ष करेंगे. दस साल की समीक्षा के बाद अगर किसी कर्मचारी की ACR में सात बार गुड या वेरी गुड से कम टिप्पणी मिली तो उसे रिटायर कर दिया जाएगा.

आपको बता दें कि प्रदेश में करीब ढाई लाख सरकारी कर्मचारी हैं. गैर जिम्मेदार कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट के कदम को कर्मचारी आंदोलनों से जोड़कर देखा जा रहा है.

सरकार का मानना है कि बड़ी संख्या में कर्मचारी नेता ऐसे हैं, जो ड्यूटी की बजाय दूसरे कर्मचारियों को हड़ताल के लिए उकसाते रहते हैं. इससे दफ्तरों में काम प्रभावित होता है, वहीं लोगों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. नई पॉलिसी से न केवल इन कर्मचारियों को काम करना पड़ेगा, बल्कि विभाग के अध्यक्ष की टिप्पणी से उनकी नौकरी भी जा सकती है.

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कर्मचारी वर्ग को बड़ी राहत
आपको बता दें कि वर्ष 2006 से बंद एक्सग्रेसिया पॉलिसी फिर शुरू होगी, जिसमें मृतक के उपर निर्भर होने वाले किसी को एक पद नीचे नौकरी दी जाएगी.

अगर किसी कर्मचारी की 48 साल से पहले मृत्यु हो जाती है, तो परिवार के सामने किसी एक सदस्य को नौकरी या दस साल तक पूरा वेतन लेने का विकल्प रहेगा. 48 साल से अधिक उम्र वाले कर्मचारी की मौत पर निर्भर को दिवंगत कर्मचारी की उम्र 58 साल होने तक पूरा वेतनमान दिया जाएगा.

साथ ही आपको बता दें कि नई पॅालिसी के तहत निर्भर को किसी और विभाग में नौकरी दी जाएगी अथवा पहले उसी विभाग में नौकरी देने का प्रावधान था. निर्भर व्यक्तियों को मिलने वाले पांच फीसदी के आरक्षण की शर्त भी समाप्त कर दी गई है. इसके लिए ड्रॉफ्ट तैयार है जिस पर बजट सत्र में मुहर लग सकती है.

कर्मचारी कर रहे रिटायरमेंट का विरोध और एक्सग्रेसिया का स्वागत
सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि जबरन रिटायरमेंट की पॉलिसी कर्मचारियों के हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि एक्सग्रेसिया पॅलिसी का हम समर्थन करते हैं, लेकिन एक पद नीचे नौकरी देने की शर्त हटाई जाए और निर्भर व्यक्ति को उसी पद पर नौकरी दी जाए जिस पर रहते हुए कर्मचारी की मौत हुई.

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चंडीगढ़। हरियाणा सरकार अपने ढीले-ढाले अधिकारियों व कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने की योजना पर काम कर रही है। पिछले दस साल के सेवाकाल में ACR (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) में कम से कम सात बार अच्छा या बहुत अच्छा की टिप्पणी होने पर ही कार्य को संतोषजनक माना जाएगा। इससे कम स्कोर वाले 25 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी व अफसर को रिटायरमेंट दी जाएगी।



सरकार ने समय पूर्व सेवानिवृत्ति पॉलिसी बनाई है। मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्ष, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, मंडलायुक्त और उपायुक्तों को 20 पेज की संशोधित पॉलिसी भेज दी है। इसके मुताबिक ग्रुप ए और बी कैटेगरी के 50 साल से अधिक उम्र वाले अफसरों और ग्रुप सी में 55 साल की आयु वाले कर्मचारियों के काम-काज की समीक्षा विभागाध्यक्ष करेंगे। दस साल की समीक्षा में अगर किसी कर्मचारी की ACR में सात बार गुड या वेरी गुड से कम टिप्पणी मिली तो उसे रिटायर कर दिया जाएगा।



प्रदेश में करीब ढाई लाख सरकारी कर्मचारी हैं। गैर जिम्मेदार कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति के कदम को कर्मचारी आंदोलनों से जोड़कर देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में कर्मचारी नेता ऐसे हैं जो ड्यूटी की बजाय दूसरे कर्मचारियों को हड़ताल के लिए उकसाते रहते हैं। इससे जहां दफ्तरों में काम प्रभावित होता है, वहीं लोगों को भी भारी परेशानी होती है। नई पॉलिसी से न केवल इन कर्मचारियों को काम करना पड़ेगा, बल्कि विभागाध्यक्ष की प्रतिकूल टिप्पणी से उनकी नौकरी पर भी बन आएगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ऐसे मामलों को निपटाएगी।







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ढीले कर्मचारियों पर शिकंजा कसने के साथ ही सरकार ने कर्मचारी वर्ग को बड़ी राहत दी है। वर्ष 2006 से बंद एक्सग्रेसिया पॉलिसी फिर शुरू होगी जिसमें मृतक के आश्रितों को एक पद नीचे नौकरी दी जाएगी। अगर किसी कर्मचारी की 48 साल से पहले मृत्यु हो जाती है तो परिवार के सामने किसी एक सदस्य को नौकरी या दस साल तक पूरा वेतन लेने का विकल्प रहेगा। 48 साल से अधिक उम्र वाले कर्मचारी की मौत पर आश्रितों को दिवंगत कर्मचारी की उम्र 58 साल होने तक पूरा वेतनमान दिया जाएगा।



नई पॉलिसी में आश्रित को दूसरे विभागों में भी नौकरी दी जाएगी, जबकि पहले उसी महकमे में नियुक्ति का प्रावधान था। मृतक कर्मचारियों के आश्रितों के लिए पांच फीसद सीटों के आरक्षण की शर्त भी खत्म कर दी गई है। अब सभी कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी दी जाएगी। इसके लिए ड्रॉफ्ट तैयार है जिस पर बजट सत्र में मुहर लग सकती है।







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सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि जबरन सेवानिवृत्ति की पॉलिसी कर्मचारियों के हित में नहीं। इसे वापस लिया जाना चाहिए। मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को एक्सग्रेसिया का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि एक पद नीचे नौकरी देने की शर्त हटाई जाए। आश्रित को उसी पद पर नौकरी दी जाए जिस पर रहते कर्मचारी की मौत हुई।


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