चंडीगढ़: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में 15 जिलों के अत्यधिक कोरोना वायरस प्रभावित इलाकों को 15 अप्रैल तक सील करने के आदेश दिए हैं. सील बंदी उन जिलों में की गई है जहां कोविड-19 संक्रमण के छह या उससे अधिक मामले सामने आए हैं. योगी सरकार के इस फैसले का सोशल मीडिया पर सही कदम बताया जा रहा है, ऐसे में अगर यूपी के बाद हरियाणा ने भी इस फैसले को लागू कर दिया तो चार जिलों को सील कर दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश ने जिन जिलों में अब तक छह से ज्यादा मामले सामने आए हैं. उन्हें हॉटस्पॉट घोषित किया गया है.
हरियाणा में मुख्य रूप से चार जिलों में कोरोना वायरस का संक्रमण देखने को मिला है. पलवल और नूंह जिलों में निजामुद्दीन मरकज से लोटे जमातियों की वजह से अचानक संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी. 9 अप्रैल तक हरियाणा के नूंह में अब तक सबसे ज्यादा 38 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं. वहीं गुरुग्राम में भी 32, पलवल और फरीदाबाद जिले में 28-28 मरीज कोरोना संक्रमित मिले.
नूंह के 36 गांव कंटेनमेंट घोषित- उपायुक्त नूंह
उपायुक्त पंकज यादव ने बताया- स्वास्थ्य विभाग किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. जिला स्तर पर सभी मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को कोरोना- 19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया गया है. मंगलवार(7 अप्रैल) शाम तक हमारे जिले में 37 केस सामने आ चुके हैं. इनमें एक ड्राइवर यहीं का है, बाकी सभी बाहर के केस हैं. ऐसे 36 गांव हैं जिनमें डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग की जा रही है. इन गांवों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है.'
पलवल में 600 से ज्यादा लोग निगरानी में
पलवल जिला मेवात इलाके में ही आता है. जिले के एसएमओ डॉ. अजय माम ने मुताबिक '600 से ज्यादा लोगों को निगरानी में रखा गया है. लोग इस बीमारी को हल्के में ना लें. पलवल नूंह के बाद प्रदेश का दूसरा जिला है जिला बन गया है जहां सबसे अधिक कोरोना पॉजिटिव केस मिल चुके हैं. पलवल पुलिस ने 89 जमातियों को पकड़ा था. विभाग ने इनकी कोरोना जांच करवाई तो पहले तीन लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए और फिर बाद में एक के बाद एक मामले बढ़ते गए.
हथीन के 9 गांव कंटेनमेंट और 27 गांव बफर जोन घोषित
पलवल जिले में कोरोना पॉजिटिव मामलों की बढ़ोत्तरी को देखते हुए जिला प्रशासन ने हथीन क्षेत्र के 9 गांवों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है. इन गावों के साथ लगते 27 गांव बफर जोन घोषित किए गए हैं. कंटेनमेंट और बफर जोन में आने वाले सभी गांवों की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है. कंटेनमेंट एरिया के गांवों में डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग की जा रही है.
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