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पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला को मिली 14 दिन की फरलो, दोपहर तक जेल से आएंगे बाहर - ओपी चौटाला को 14 दिन की फरलो

भ्रष्टाचार के मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व सीएम ओपी चौटाला की फरलो मंजूर कर ली गई है. चौटाला औपचारिकताएं पूरी होने के बाद किसी भी वक्त बाहर आ सकते हैं.

former chief minister op chautala get farlo for 14 days
ओपी चौटाला को मिली 14 दिन की फरलो
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Published : Dec 28, 2019, 1:09 PM IST

चंडीगढ़: इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला 14 दिनों के लिए तिहाड़ जेल से बाहर आए हैं. उन्हें 14 दिनों की फरलो मिल गई है. चौटाला आज दोपहर तक जेल से आने वाले हैं. इनेलो की अधिकारिक ट्विटर हैंडल पेज से इस बारे में जानकारी दी गई है.

ओपी चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला और आईएएस अधिकारी संजीव कुमार सहित 53 अन्य को साल 2000 में 3,206 जूनियर बेसिक टीचर्स (जेबीटी) की अवैध भर्ती के मामले में दोषी पाया गया था और सजा सुनाई गई थी.

10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने जनवरी 2013 में इन सभी को कैद की अलग-अलग सजा सुनाई थी. हरियाणा में प्राथमिक शिक्षा के तत्कालीन निदेशक संजीव कुमार ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद शुरुआती तौर पर इस घोटाले का पर्दाफाश किया था.

बाद में सीबीआई की जांच के दौरान वह भी इस घोटाले में शामिल पाए गए थे. ओम प्रकाश चौटाला, अजय चौटाला और कुमार के अलावा, चौटाला के पूर्व ओएसडी विद्याधर और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बड़शामी को भी 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी.

ये भी पढ़िए: कथित धान घोटाले में दूसरे राउंड की जांच जारी, सीएम और गृहमंत्री के जिले में पाई गई स्टॉक में भारी कमी

इसके अलावा इस मामले में जिन अन्य लोगों को 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी उनमें मदन लाल कालरा, दुर्गा दत्त प्रधान, बानी सिंह, राम सिंह और दया सैनी शामिल है. इनके अलावा, एक दोषी को पांच साल की सजा सुनाई गई थी और अन्य 44 लोगों को चार साल की सजा मिली थी. कुल 55 दोषियों में से 16 महिला अधिकारी थीं.

चंडीगढ़: इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला 14 दिनों के लिए तिहाड़ जेल से बाहर आए हैं. उन्हें 14 दिनों की फरलो मिल गई है. चौटाला आज दोपहर तक जेल से आने वाले हैं. इनेलो की अधिकारिक ट्विटर हैंडल पेज से इस बारे में जानकारी दी गई है.

ओपी चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला और आईएएस अधिकारी संजीव कुमार सहित 53 अन्य को साल 2000 में 3,206 जूनियर बेसिक टीचर्स (जेबीटी) की अवैध भर्ती के मामले में दोषी पाया गया था और सजा सुनाई गई थी.

10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने जनवरी 2013 में इन सभी को कैद की अलग-अलग सजा सुनाई थी. हरियाणा में प्राथमिक शिक्षा के तत्कालीन निदेशक संजीव कुमार ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद शुरुआती तौर पर इस घोटाले का पर्दाफाश किया था.

बाद में सीबीआई की जांच के दौरान वह भी इस घोटाले में शामिल पाए गए थे. ओम प्रकाश चौटाला, अजय चौटाला और कुमार के अलावा, चौटाला के पूर्व ओएसडी विद्याधर और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बड़शामी को भी 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी.

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इसके अलावा इस मामले में जिन अन्य लोगों को 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी उनमें मदन लाल कालरा, दुर्गा दत्त प्रधान, बानी सिंह, राम सिंह और दया सैनी शामिल है. इनके अलावा, एक दोषी को पांच साल की सजा सुनाई गई थी और अन्य 44 लोगों को चार साल की सजा मिली थी. कुल 55 दोषियों में से 16 महिला अधिकारी थीं.

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