चंडीगढ़: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब एवं चंडीगढ के प्रभारी हरीश रावत वीरवार को चंडीगढ़ पहुंचे. यहां उन्होंने कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. इस मौके पर ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने चंडीगढ़ में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की है. कार्यकर्ताओं में आगामी नगर निगम चुनाव को लेकर काफी उत्साह है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे कुछ दिनों बाद फिर से चंडीगढ़ आएंगे और वार्ड स्तर पर लोगों से संवाद करेंगे.
इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार जो खेती कानून लेकर आई है. वह खेती को बर्बाद करने वाला और अन्य सुरक्षा व्यवस्था को खत्म करने वाला है. सरकार का यह कदम किसानों के पेट पर लात मारने जैसा है. सरकार यह कानून सिर्फ पूंजी पतियों की जेबे भरने के लिए लेकर आई है.
'मंडी व्यवस्था के लिए सरकार लिखित में दें'
पंजाब एवं चंडीगढ के प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि अगर सरकार अपने मुंह से यह बोल रही है कि इस कानून से मंडी व्यवस्था या न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा, तो उन्होंने ऐसा कानून में क्यों नहीं लिखा. अगर सरकार किसानों की हितैषी है तो सभा में मंडी व्यवस्था और एमएसपी को लेकर भी नियम पारित करें और किसानों को यह लिखित में दे.
'सरकार को इन कानूनों के मुद्दे पर झुकना ही होगा'
राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस का संघर्ष जारी है और सरकार को इन कानूनों के मुद्दे पर झुकना ही होगा. इस आंदोलन का ही असर है कि केंद्र सरकार अब किसान प्रतिनिधियों से बातचीत कर रही है अगर सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेती तो 2024 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार आएगी और तब हम इन कानूनों को खत्म कर देंगे.
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