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भिवानी में किसानों को पराली न जलाने के प्रति किया गया जागरूक - भिवानी पराली प्रबंधन जागरूकता

किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से कई तरह के कदम उठाए गए हैं. इसी कड़ी में भिवानी में किसानों को कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी दी गई.

farmers were made aware of not burning stubble in bhiwani
भिवानी में किसानों को पराली न जलाने के प्रति किया गया जागरूक
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Published : Nov 5, 2020, 5:37 PM IST

भिवानी: कृषि विभाग के सहायक कृषि अभियंता नसीब सिंह धनखड़ ने गुरुवार को भिवानी के गांव तालु, धनाना, जताई, कुगड़, खेड़ी दौलतपुर में जाकर धान कटाई कर रहें किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन और कृषि यंत्रों के बारे में जागरूक किया. उन्होंने इस दौरान किसानों को कृषि यंत्रों का डेमों भी दिया.

इस दौरान उन्होंने बताया कि भिवानी के 49 गांवों में धान की बिजाई की जाती है. भिवानी में धान की कटाई का लगभग 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जिसमें से अधिकतर धान की कटाई लेबर द्वारा की गई है. पिछले कुछ वर्षों में किसानों को धान की कटाई के बाद पराली प्रबंधन और गेहूं की बिजाई से संबंधित समस्यों का सामना करना पड़ता था. इन समस्यों से निजात पाने के लिए किसानों को केंद्र सरकार की फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत कई प्रकार के कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध करवाए गए गैं.

उन्होंने बताया कि इस स्कीमों के तहत इस वर्ष किसानों द्वारा कृषि विभाग के पोर्टल पर नौ कस्टम हायरिंग सेंटर, 177 सुपर सीडर, 149 जीरो ड्रील, 25 स्ट्रा चौपर, 10 एसएमएस और एक हैप्पी सीडर का बिल अपलोड किए गए है. जिनका शीघ्र ही भौतिक सत्यापन करने उपरांत किसानों को अनुदान का लाभ दिया जाएगा.

ये भी पढ़िए: अनिल विज ने कसा राहुल गांधी पर तंज, बोले- राहुल गांधी अभी बच्चे हैं,उन्हें कुछ समझ नहीं

इस दौरान उप कृषि निदेशक आत्माराम गोदारा ने किसानों से आह्वान किया है कि अधिक से अधिक किसान फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्रों का उपयोग करके फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाएं ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़े और जिले में जीरो बर्निंग के लक्ष्य को हासिल किया जा सके.

भिवानी: कृषि विभाग के सहायक कृषि अभियंता नसीब सिंह धनखड़ ने गुरुवार को भिवानी के गांव तालु, धनाना, जताई, कुगड़, खेड़ी दौलतपुर में जाकर धान कटाई कर रहें किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन और कृषि यंत्रों के बारे में जागरूक किया. उन्होंने इस दौरान किसानों को कृषि यंत्रों का डेमों भी दिया.

इस दौरान उन्होंने बताया कि भिवानी के 49 गांवों में धान की बिजाई की जाती है. भिवानी में धान की कटाई का लगभग 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जिसमें से अधिकतर धान की कटाई लेबर द्वारा की गई है. पिछले कुछ वर्षों में किसानों को धान की कटाई के बाद पराली प्रबंधन और गेहूं की बिजाई से संबंधित समस्यों का सामना करना पड़ता था. इन समस्यों से निजात पाने के लिए किसानों को केंद्र सरकार की फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत कई प्रकार के कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध करवाए गए गैं.

उन्होंने बताया कि इस स्कीमों के तहत इस वर्ष किसानों द्वारा कृषि विभाग के पोर्टल पर नौ कस्टम हायरिंग सेंटर, 177 सुपर सीडर, 149 जीरो ड्रील, 25 स्ट्रा चौपर, 10 एसएमएस और एक हैप्पी सीडर का बिल अपलोड किए गए है. जिनका शीघ्र ही भौतिक सत्यापन करने उपरांत किसानों को अनुदान का लाभ दिया जाएगा.

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इस दौरान उप कृषि निदेशक आत्माराम गोदारा ने किसानों से आह्वान किया है कि अधिक से अधिक किसान फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्रों का उपयोग करके फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाएं ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़े और जिले में जीरो बर्निंग के लक्ष्य को हासिल किया जा सके.

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