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7:30 घंटे चली बातचीत के बाद भी नहीं निकला हल, बॉर्डर पर ही डटे रहेंगे किसान

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Published : Dec 3, 2020, 9:13 PM IST

कृषि मंत्री ने MSP को लेकर भी किसानों को भरोसा दिया. उन्होंने कहा कि MSP में कोई बदलाव नहीं होगा. ये जारी है और आगे भी जारी रहेगा.

farmer protest delhi haryana singhu border
farmer protest delhi haryana singhu border

1 दिसंबर को लगभग 6 घंटे चली बातचीत के बाद आज भी सरकार और किसानों के बीच लगभग 7:30 घंटे तक बातचीत हुई लेकिन कोई हल नहीं निकल सका और 5 दिसबंर को अगली मीटिंग के लिए 2 बजे का वक्त रख दिया गया.

मीटिंग के बाद कृषि मंत्री ने क्या कहा ?

किसानों के साथ लंबी बातचीत के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई है और सरकार खुले मन से बात कर रही है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर बिंदुओं पर किसानों के साथ सहमति बनी है. सरकार APMC को सशक्त बनाने पर भी विचार करेगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसानों को अपना आंदोलन खत्म कर देना चाहिए क्योंकि दिल्ली के लोगों को इससे काफी परेशानी हो रही है. हालांकि कृषि मंत्री ने माना कि किसानों से आंदोलन खत्म करने को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. कृषि मंत्री ने पहले की तरह आज भी किसानों को भरोसा दिलाया कि एमएसपी जारी है और आगे भी जारी रहेगी.

  • MSP (Minimum Support Price) will not be touched, no changes will be made to it: Agriculture Minister Narendra Singh Tomar replies to farmer leaders during their meeting at Vigyan Bhavan in Delhi

    (File photo) pic.twitter.com/LDW0v6ya59

    — ANI (@ANI) December 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गुरनाम चढ़ूनी ने क्या कहा ?

सरकार के साथ मीटिंग के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कोई बात बन पाएगी क्योंकि हमारी मांग है कि ये तीन नए कानून वापस लिए जाएं और एमएसपी पर कानून लाया जाये जो सरकार ने मानना नहीं है. और जब तक ये तीनों कानून वापस नहीं होंगे तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे. बाकी किसान भी अड़े हैं कि हमें संशोधन नहीं चाहिए बल्कि ये तीनों कानून रद्द होने चाहिए.

किसानों ने सरकार कौ सौंपा 10 पेज का ड्राफ्ट

किसानों ने आज सरकार के सामने अपनी आपत्तियों का 10 पेज का ड्राफ्ट रखा जिसमें बिंदवार बताया गया था कि उन्हें किस प्वाइंट से दिक्कत है और क्यों है, साथ ही उसकी जगह किसान क्या चाहते हैं. जिनमें से मुख्य बिंदु थे-:

⦁ तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं

⦁ वायु प्रदूषण के कानून में बदलाव वापस हो

⦁ बिजली बिल के कानून में जो बदलाव किया गया है, वो गलत है

⦁ एमएसपी पर लिखित में सरकार भरोसा दे

⦁ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर किसानों को ऐतराज है

  • We are hopeful. The laws are wrong. In the next meeting, we will put pressure on the government. They will have to say that they will take back the laws. In my opinion, it will be finalised in the meeting day after tomorrow: Harjinder Singh Tanda, Azaad Kisan Sangharsh Committee https://t.co/hM9GOKT5Zk

    — ANI (@ANI) December 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

किसानों ने सरकार का खाना ठुकराया

सरकार और किसानों के बीच चल रही बातचीत में लंच का समय हुआ तो सरकार ने किसानों के लिए भी खाने का इंतजाम किया गया. लेकिन किसानों ने सरकार का खाने से इनकार कर दिया और उन्होंने अपने साथ लाया हुआ खाना खाया.

जेजेपी खुलकर किसानों के समर्थन में आई

हरियाणा में बीजेपी सरकार की सरकार में सहयोगी जननायक जनता पार्टी अब खुलकर किसानों के मुद्दे पर बोल रही है. जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला ने कहा कि दिल्ली कूच के वक्त हरियाणा में जिन किसानों पर भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं वो रद्द होने चाहिए. इसके लिए हम गृह मंत्री से भी बात करेंगे और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी बात करेंगे.

प्रकाश सिंह बादल ने सम्मान लौटाया

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और एक वक्त एनडीए के सबसे पुराने साथी रहे प्रकाश सिंह बादल ने किसानों का समर्थन करते हुए अपना पद्म विभूषण लौटा दिया. इससे पहले अकाली दल ने केंद्र सरकार से किसानों के मुद्दे पर ही अपना समर्थन भी वापस ले लिया था. प्रकाश सिंह बादल के फैसले पर केंद्रीय राज्यमंतत्री रत्नलाल कटारिया ने कहा कि ये उनकी अंतरात्मा की आवाज नहीं है.

कंगना रनौत को महिला किसानों की चुनौति

कंगना ने एक महिला किसान के फोटो पर 100 रुपये मेहनताने की पोस्ट लिखना भारी पड़ गया. दिनभर एक्टर दलजीत दोसांझ से उनकी ट्विटर पर बहस चलती रही उधर झज्जर की महिला किसानों ने कंगना रनौत को चुनौति दे दी कि हमारे साथ खेत में काम करके दिखाएं.

गुरुग्राम से दिल्ली जाने के लिए रूट डायवर्ट किए गए

⦁ कापड़ीवास बॉर्डर से दिल्ली के लिए वाया पटौदी-झज्जर रोड निर्धारित किया गया है

⦁ हीरो होंडा चौक से अगर दिल्ली जा रहे हैं तो फरूखनगर-झज्जर-बादली रोड से जाना होगा

⦁ राजीव चौक से अगर दिल्ली की ओर जा रहे हैं तो एनएच-48 से यू टर्न लेकर हीरो होंडा चौक से जाना होगा

⦁ शंकर चौक से अगर दिल्ली की ओर जाना है तो तो एनएच-48 से यू टर्न लेना होगा

⦁ बिलासपुर चौक से पटौदी की ओर से दिल्ली के लिए फरूखनगर-झज्जर रोड निर्धारित किया गया है

⦁ पंचगांव चौक से दिल्ली के लिए फरूखनगर-झज्जर रोड निर्धारित किया गया है

⦁ मानेसर चौक से यू-टर्न वाया केएमपी के लिए निर्धारित किया गया है

⦁ खेड़की दौला टोल प्लाजा यू टर्न वाया केएमपी की तरफ निर्धारित किया गया है

कई खापें प्रदर्शन में शामिल होने के लिए रवाना हुई

खापें पिछले कई दिनों से किसानों को अपना समर्थन देने का ऐलान कर रही हैं. आज हरियाणा के अलग-अलग जिलों से खापों के जत्थे किसानों को समर्थन देने के लिए टीकरी बॉर्डर और सिंधू बॉर्डर के लिए निकले.

ये भी पढ़ें- प्रकाश सिंह बादल के पद्म विभूषण लौटाने पर बोले कटारिया, 'ये उनकी अंतरआत्मा की आवाज नहीं'

किसान आंदोलन को अब डॉक्टरों का भी समर्थन

किसानों को अब डॉक्टर्स का भी साथ मिल रहा है. सिंघू बॉर्डर पर किसानों के लिए डॉक्टरों ने फ्री मेडिकल कैंप लगाया है ताकि अगर किसी किसान की तबीयत बिगड़ती है तो उसे दवा मुहैया कराई जा सके. गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि गृह मंत्री से किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान निकालने की अपील की है. इस मुद्दे से पंजाब की इकोनॉमी और देश की सुरक्षा प्रभावित हो रही है. उन्होंने ये भी कहा कि इससे देश की सुरक्षा पर असर पड़ रहा है.

1 दिसंबर को लगभग 6 घंटे चली बातचीत के बाद आज भी सरकार और किसानों के बीच लगभग 7:30 घंटे तक बातचीत हुई लेकिन कोई हल नहीं निकल सका और 5 दिसबंर को अगली मीटिंग के लिए 2 बजे का वक्त रख दिया गया.

मीटिंग के बाद कृषि मंत्री ने क्या कहा ?

किसानों के साथ लंबी बातचीत के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई है और सरकार खुले मन से बात कर रही है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर बिंदुओं पर किसानों के साथ सहमति बनी है. सरकार APMC को सशक्त बनाने पर भी विचार करेगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसानों को अपना आंदोलन खत्म कर देना चाहिए क्योंकि दिल्ली के लोगों को इससे काफी परेशानी हो रही है. हालांकि कृषि मंत्री ने माना कि किसानों से आंदोलन खत्म करने को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. कृषि मंत्री ने पहले की तरह आज भी किसानों को भरोसा दिलाया कि एमएसपी जारी है और आगे भी जारी रहेगी.

  • MSP (Minimum Support Price) will not be touched, no changes will be made to it: Agriculture Minister Narendra Singh Tomar replies to farmer leaders during their meeting at Vigyan Bhavan in Delhi

    (File photo) pic.twitter.com/LDW0v6ya59

    — ANI (@ANI) December 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गुरनाम चढ़ूनी ने क्या कहा ?

सरकार के साथ मीटिंग के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कोई बात बन पाएगी क्योंकि हमारी मांग है कि ये तीन नए कानून वापस लिए जाएं और एमएसपी पर कानून लाया जाये जो सरकार ने मानना नहीं है. और जब तक ये तीनों कानून वापस नहीं होंगे तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे. बाकी किसान भी अड़े हैं कि हमें संशोधन नहीं चाहिए बल्कि ये तीनों कानून रद्द होने चाहिए.

किसानों ने सरकार कौ सौंपा 10 पेज का ड्राफ्ट

किसानों ने आज सरकार के सामने अपनी आपत्तियों का 10 पेज का ड्राफ्ट रखा जिसमें बिंदवार बताया गया था कि उन्हें किस प्वाइंट से दिक्कत है और क्यों है, साथ ही उसकी जगह किसान क्या चाहते हैं. जिनमें से मुख्य बिंदु थे-:

⦁ तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं

⦁ वायु प्रदूषण के कानून में बदलाव वापस हो

⦁ बिजली बिल के कानून में जो बदलाव किया गया है, वो गलत है

⦁ एमएसपी पर लिखित में सरकार भरोसा दे

⦁ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर किसानों को ऐतराज है

  • We are hopeful. The laws are wrong. In the next meeting, we will put pressure on the government. They will have to say that they will take back the laws. In my opinion, it will be finalised in the meeting day after tomorrow: Harjinder Singh Tanda, Azaad Kisan Sangharsh Committee https://t.co/hM9GOKT5Zk

    — ANI (@ANI) December 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

किसानों ने सरकार का खाना ठुकराया

सरकार और किसानों के बीच चल रही बातचीत में लंच का समय हुआ तो सरकार ने किसानों के लिए भी खाने का इंतजाम किया गया. लेकिन किसानों ने सरकार का खाने से इनकार कर दिया और उन्होंने अपने साथ लाया हुआ खाना खाया.

जेजेपी खुलकर किसानों के समर्थन में आई

हरियाणा में बीजेपी सरकार की सरकार में सहयोगी जननायक जनता पार्टी अब खुलकर किसानों के मुद्दे पर बोल रही है. जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला ने कहा कि दिल्ली कूच के वक्त हरियाणा में जिन किसानों पर भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं वो रद्द होने चाहिए. इसके लिए हम गृह मंत्री से भी बात करेंगे और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी बात करेंगे.

प्रकाश सिंह बादल ने सम्मान लौटाया

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और एक वक्त एनडीए के सबसे पुराने साथी रहे प्रकाश सिंह बादल ने किसानों का समर्थन करते हुए अपना पद्म विभूषण लौटा दिया. इससे पहले अकाली दल ने केंद्र सरकार से किसानों के मुद्दे पर ही अपना समर्थन भी वापस ले लिया था. प्रकाश सिंह बादल के फैसले पर केंद्रीय राज्यमंतत्री रत्नलाल कटारिया ने कहा कि ये उनकी अंतरात्मा की आवाज नहीं है.

कंगना रनौत को महिला किसानों की चुनौति

कंगना ने एक महिला किसान के फोटो पर 100 रुपये मेहनताने की पोस्ट लिखना भारी पड़ गया. दिनभर एक्टर दलजीत दोसांझ से उनकी ट्विटर पर बहस चलती रही उधर झज्जर की महिला किसानों ने कंगना रनौत को चुनौति दे दी कि हमारे साथ खेत में काम करके दिखाएं.

गुरुग्राम से दिल्ली जाने के लिए रूट डायवर्ट किए गए

⦁ कापड़ीवास बॉर्डर से दिल्ली के लिए वाया पटौदी-झज्जर रोड निर्धारित किया गया है

⦁ हीरो होंडा चौक से अगर दिल्ली जा रहे हैं तो फरूखनगर-झज्जर-बादली रोड से जाना होगा

⦁ राजीव चौक से अगर दिल्ली की ओर जा रहे हैं तो एनएच-48 से यू टर्न लेकर हीरो होंडा चौक से जाना होगा

⦁ शंकर चौक से अगर दिल्ली की ओर जाना है तो तो एनएच-48 से यू टर्न लेना होगा

⦁ बिलासपुर चौक से पटौदी की ओर से दिल्ली के लिए फरूखनगर-झज्जर रोड निर्धारित किया गया है

⦁ पंचगांव चौक से दिल्ली के लिए फरूखनगर-झज्जर रोड निर्धारित किया गया है

⦁ मानेसर चौक से यू-टर्न वाया केएमपी के लिए निर्धारित किया गया है

⦁ खेड़की दौला टोल प्लाजा यू टर्न वाया केएमपी की तरफ निर्धारित किया गया है

कई खापें प्रदर्शन में शामिल होने के लिए रवाना हुई

खापें पिछले कई दिनों से किसानों को अपना समर्थन देने का ऐलान कर रही हैं. आज हरियाणा के अलग-अलग जिलों से खापों के जत्थे किसानों को समर्थन देने के लिए टीकरी बॉर्डर और सिंधू बॉर्डर के लिए निकले.

ये भी पढ़ें- प्रकाश सिंह बादल के पद्म विभूषण लौटाने पर बोले कटारिया, 'ये उनकी अंतरआत्मा की आवाज नहीं'

किसान आंदोलन को अब डॉक्टरों का भी समर्थन

किसानों को अब डॉक्टर्स का भी साथ मिल रहा है. सिंघू बॉर्डर पर किसानों के लिए डॉक्टरों ने फ्री मेडिकल कैंप लगाया है ताकि अगर किसी किसान की तबीयत बिगड़ती है तो उसे दवा मुहैया कराई जा सके. गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि गृह मंत्री से किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान निकालने की अपील की है. इस मुद्दे से पंजाब की इकोनॉमी और देश की सुरक्षा प्रभावित हो रही है. उन्होंने ये भी कहा कि इससे देश की सुरक्षा पर असर पड़ रहा है.

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