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छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा कितनी कारगर? जानें एक्सपर्ट्स की राय

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Published : May 9, 2020, 3:43 PM IST

Updated : May 11, 2020, 1:09 PM IST

कई शिक्षा संस्थाओं ने ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से समेस्टर को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी है, लेकिन क्या ये सटीक माध्यम है बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने का. इसको लेकर ईटीवी भारत ने कुछ एक्सपर्ट्स से खास बातचीत की है.

experts view on online education in chandigarh
छात्रों के लिए Online Education कितनी कारगर? जानें एक्सपर्ट्स की राय

चंडीगढ़ः कोविड-19 के चलते सभी वर्ग बूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. इस दौरान स्कूल-कॉलेज भी बंद पड़े हैं. ऐसे में यही चर्चा है कि बच्चों की पढ़ाई कैसे संभव होगी. हालांकि कई शिक्षा संस्थाओं ने ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से समेस्टर को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी है, लेकिन क्या ये सटीक माध्यम है बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने का. इसको लेकर ईटीवी भारत ने कुछ एक्सपर्ट्स से खास बातचीत की है.

कब खुलेंगे स्कूल और कॉलेज ?

पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. गुरमीत ने कहा कि यूजीसी ने भी नए सेमेस्टर के लिए सितंबर से दाखिलों की घोषणा की है. यानी कि ये मानकर चला जा रहा है कि इस कोविड-19 महामारी से जो समस्या उत्पन्न हुई है वो कम से कम अभी और तीन चार महीने तक खत्म नहीं हो पाएगी. उन्होंने कहा कि स्कूल और यूनिवर्सिटीज में सिनेमा हॉल और मॉल आदि से भी ज्यादा बच्चे इकट्ठा होते हैं जिसके चलते इनको खोलना सबसे आखरी में ही संभव हो पाएगा.

छात्रों के लिए Online Education कितनी कारगर? जानें एक्सपर्ट्स की राय

ऑनलाइन शिक्षा कितनी कारगर?

विद्यार्थियों की शिक्षा में कोई बाधा ना आए इसके लिए कई स्कूल और कॉलेजों ने ऑनलाइन शिक्षा का प्रावधान शुरू किया है. जिसको लेकर प्रोफेसर ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से भी शिक्षकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जैसे कि अगर 40 से 45 बच्चों की कक्षा है तो उस में से केवल 20 से 25 बच्चे ही कक्षा को अटैंड कर पा रहे हैं और बाकी बच्चे उस विषय से वंचित रह जाते हैं तो कैसे इन सब बच्चों को अगले सेमेस्टर में दाखिला दिया जा पाएगा. ये भी एक बहुत बड़ी परेशानी है.

ये भी पढ़ेंः सोनीपत शराब घोटाले की जांच के लिए SIT गठित, अशोक खेमका कर सकते हैं जांच

क्या कहते हैं शिक्षाविद विमल अंजुम

वहीं इसी विषय पर जब शिक्षाविद विमल अंजुम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हरियाणा में 61 से भी अधिक यूनिवर्सिटीज हैं और लगभग 20 हजार स्कूल है, लेकिन किसी भी यूनिवर्सिटी, कॉलेज या स्कूल में ऑनलाइन शिक्षा मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसा कोई बेव पोर्टल नहीं है जिससे कि सुरक्षित ढंग से शिक्षा उपलब्ध करवाई जा सके.

ऑनलाइन शिक्षा का आइडिया फ्लॉप!

शिक्षाविद विमल अंजुम ने कहा कि प्राइवेट स्कूल जो ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध करवा रहे हैं उनके साथ उन स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के अभिभावक फीस को लेकर मुद्दा बनाकर कॉर्पोरेट नहीं कर रहे तो इस प्रकार देखा जाए तो ये ऑनलाइन माध्यम से दी जा रही शिक्षा केवल एक छलावा है. शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा देने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है. ऑनलाइन प्रणाली एक पूरी तरह से टेक्नोलॉजी देश प्रणाली है और सरकार इस विषय में कुछ भी नहीं कर पा रही है.

चंडीगढ़ः कोविड-19 के चलते सभी वर्ग बूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. इस दौरान स्कूल-कॉलेज भी बंद पड़े हैं. ऐसे में यही चर्चा है कि बच्चों की पढ़ाई कैसे संभव होगी. हालांकि कई शिक्षा संस्थाओं ने ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से समेस्टर को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी है, लेकिन क्या ये सटीक माध्यम है बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने का. इसको लेकर ईटीवी भारत ने कुछ एक्सपर्ट्स से खास बातचीत की है.

कब खुलेंगे स्कूल और कॉलेज ?

पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. गुरमीत ने कहा कि यूजीसी ने भी नए सेमेस्टर के लिए सितंबर से दाखिलों की घोषणा की है. यानी कि ये मानकर चला जा रहा है कि इस कोविड-19 महामारी से जो समस्या उत्पन्न हुई है वो कम से कम अभी और तीन चार महीने तक खत्म नहीं हो पाएगी. उन्होंने कहा कि स्कूल और यूनिवर्सिटीज में सिनेमा हॉल और मॉल आदि से भी ज्यादा बच्चे इकट्ठा होते हैं जिसके चलते इनको खोलना सबसे आखरी में ही संभव हो पाएगा.

छात्रों के लिए Online Education कितनी कारगर? जानें एक्सपर्ट्स की राय

ऑनलाइन शिक्षा कितनी कारगर?

विद्यार्थियों की शिक्षा में कोई बाधा ना आए इसके लिए कई स्कूल और कॉलेजों ने ऑनलाइन शिक्षा का प्रावधान शुरू किया है. जिसको लेकर प्रोफेसर ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से भी शिक्षकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जैसे कि अगर 40 से 45 बच्चों की कक्षा है तो उस में से केवल 20 से 25 बच्चे ही कक्षा को अटैंड कर पा रहे हैं और बाकी बच्चे उस विषय से वंचित रह जाते हैं तो कैसे इन सब बच्चों को अगले सेमेस्टर में दाखिला दिया जा पाएगा. ये भी एक बहुत बड़ी परेशानी है.

ये भी पढ़ेंः सोनीपत शराब घोटाले की जांच के लिए SIT गठित, अशोक खेमका कर सकते हैं जांच

क्या कहते हैं शिक्षाविद विमल अंजुम

वहीं इसी विषय पर जब शिक्षाविद विमल अंजुम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हरियाणा में 61 से भी अधिक यूनिवर्सिटीज हैं और लगभग 20 हजार स्कूल है, लेकिन किसी भी यूनिवर्सिटी, कॉलेज या स्कूल में ऑनलाइन शिक्षा मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसा कोई बेव पोर्टल नहीं है जिससे कि सुरक्षित ढंग से शिक्षा उपलब्ध करवाई जा सके.

ऑनलाइन शिक्षा का आइडिया फ्लॉप!

शिक्षाविद विमल अंजुम ने कहा कि प्राइवेट स्कूल जो ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध करवा रहे हैं उनके साथ उन स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के अभिभावक फीस को लेकर मुद्दा बनाकर कॉर्पोरेट नहीं कर रहे तो इस प्रकार देखा जाए तो ये ऑनलाइन माध्यम से दी जा रही शिक्षा केवल एक छलावा है. शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा देने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है. ऑनलाइन प्रणाली एक पूरी तरह से टेक्नोलॉजी देश प्रणाली है और सरकार इस विषय में कुछ भी नहीं कर पा रही है.

Last Updated : May 11, 2020, 1:09 PM IST
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