चंडीगढ़: इस समय पूरे देश में केंद्र सरकार की तरफ से लाए जाने वाले बिजली संशोधन बिल को लेकर हंगामा मचा हुआ है. बिजली कर्मियों समेत देश की प्रमुख राजनैतिक पार्टियों ने भी इस बिल का विरोध किया है. वहीं हरियाणा में इस बिल को लेकर विरोध के सुर उठने शुरू हो चुके हैं. हरियाणा कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने खुल कर इस बिल का विरोध किया. सैलजा का कहना है कि सरकार देश की आम जनता की नहीं सुनती, वो सिर्फ निजी कंपनियों की फायदे के बारे में सोचती है.
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जो भी कानून लेकर आती है उनका सबसे पहला मकसद निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाना होता है, हालांकि उन्होंने अपनी बात में ये भी जोड़ा कि वो निजी कंपनियों के विरोध में नहीं हैं. निजी कंपनियों का अपना एक स्थान है, लेकिन सरकार आम उपभोक्ताओं को दरकिनार कर केवल निजी कंपनियों के बारे में सोचती है और उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए योजना तैयार करती है जो सरासर गलत है.
ये पढ़ें- पेगासस जासूसी पर हरियाणा में जंग! कुमारी सैलजा बोली- 2019 के चुनाव में इस तरह की गई जासूसी
कुमारी सैलजा ने कहा कि इस देश में मुनाफाखोरी बढ़ रही है. आम उपभोक्ता का हाथ खाली है. उन्होंने इस बिल का पूरी तरह से आम जनता के खिलाफ बताया. कुमारी सैलजा ने कहा कि अगर सदन में यह बिल आता है तो इसका वहां पर भी विरोध किया जाएगा और सदन के बाहर विरोध किया जाएगा.
ये पढ़ें- मानसून सत्र के बीच आज से जंतर-मंतर पर किसानाें का प्रदर्शन
बता दें कि, राजनीतिक दलों की माने तो बिजली संशोधन विधेयक से राज्य सरकार के अधिकार केंद्र के पास चले जाएंगे. इस समय कई राज्यों में किसानों को मुफ्त में बिजली मिलती है, या फिर मामूली शुल्क देना पड़ता है. हालांकि सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि कि हम विधेयक नहीं लाएंगे, लेकिन हाल ही में ये बात सामने आई है कि इस मानसून सत्र में विधेयक लाया जा सकता है. इसके बाद से ही मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है.
ये पढ़ें- किसान आंदोलन बहाना था, मकसद राजनीति चमकाना था! ये है चढ़ूनी की अगली रणनीति