चंडीगढ़: जीएमसीएच-32 में मनोरोगियों (psychiatric patients in Chandigarh) की जांच के लिए इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रो एन्सेफेलोग्राम मशीन जल्द शुरू हो जाएगी. ईईजी यानी इलेक्ट्रो एन्सेफेलोग्राम मशीन अब दोबारा काम करने लग गई है. कोरोना काल के दौरान इस मशीन का काम प्रभावित हुआ था. ऐसे में इसे कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था. जीएमसीएच-32 के अस्पताल (GMCH-32 hospitals in Chandigarh) की मशीन बहुत पुरानी होने के बावजूद आज भी मनोरोगियों के इलाज में इस्तेमाल की जाती है.
उसकी मरम्मत के लिए विदेश से पार्ट मंगाए गए हैं. इसके बाद इस मशीन से जुड़े हर छोटे पुर्जे को ठीक करके इसे काम में लाया गया है. जानकारी के अनुसार जीएमसीएच-32 व सेक्टर-48 के अस्पताल में मनोरोगियों की जांच की जाती है. इन अस्पतालों में मरीजों को भर्ती भी किया जाता है. सेक्टर-48 के अस्पताल की भी कुछ मशीनें पिछले कुछ दिनों से खराब चल रही थी. जीएमसीएच-32 की मशीनों की मरम्मत होने के बाद अब सेक्टर- 48 के अस्पताल के मरीजों को भी उम्मीद है कि उनकी समस्या भी जल्द दूर होगी. जांच का इंतजार कर रहे मरीजों को इससे काफी राहत मिलेगी.
चंडीगढ़ के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा के कई मनोरोगियों का इलाज जीएमसीएच-32 और सेक्टर- 48 के अस्पताल में होता है. ऐसे में इन मशीनों के सही होने पर मरीजों का इलाज करवाने में मदद मिलेगी. जिन मरीजों को व्यवहार में बदलाव, सिर पर लगी चोट, अनिद्रा, मिर्गी, दिमाग में इंफेक्शन, ब्रेन ट्यूमर, याददाश्त में कमी, स्ट्रोक जैसी समस्या होती है, उन मरीजों के इलाज में यह मशीन लाभदायक है.
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इलेक्ट्रो एन्सेफेलोग्राम (ईईजी) टेस्ट मरीजों के मस्तिष्क में विद्युत तरंगों और इस अंग से जुड़ी बीमारियों को जानने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ये तरंगें चार तरह (अल्फा, बीटा, डेल्टा और थीटा) की अलग-अलग फ्रीक्वेंसी की होती हैं. ऐसे में मरीज को माइक्रो वोल्ट वोल्टेज का करंट दिया जाता है, जिससे उसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता. लेकिन उसकी दिमागी स्थिति को जानने के लिए यह सहायक टेस्ट है.