चंडीगढ़: हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार के दौरान 2005 में नियमों को ताक पर रखकर पंचकूला में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को प्लॉट अलॉट किए जाने के मामले में हाल ही में ईडी ने पंचकूला सेक्टर 6 के प्लॉट को अटैच कर दिया था. एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की तरफ से पंचकूला के प्लॉट को अटैच किए जाने के आदेशों पर दिल्ली की अपीलेंट ट्रिब्यूनल की तरफ से यथास्थिति बनाए रखे जाने के आदेशों के खिलाफ ईडी ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से एजेएल सहित मोतीलाल वोहरा को 7 नवंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया गया है. साथ ही हाईकोर्ट की तरफ से पूछा गया है कि क्यों ना अपीलेंट अथॉरिटी के आदेशों पर रोक लगा दी जाए.
ईडी की तरफ से पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट में बताया गया कि 1 दिसंबर को पंचकूला के प्लॉट को अटैच करने के अंतरिम आदेश दे दिए थे. इस प्लॉट को अटैच करने के आदेशों पर अथॉरिटी ने 21 जून को अपनी मंजूरी भी दे दी थी. प्लॉट अटैच किए जाने के ईडी के आदेशों पर एजेएल ने दिल्ली की अपीलेंट ट्रिब्यूनल में चुनौती दे दी थी, जिस पर अपीलेंट ट्रिब्यूनल ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे.
इस मामले में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने हाईकोर्ट में कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 26 के तहत अपीलेंट अथॉरिटी के पास कोई अंतरिम आदेश जारी करने का अधिकार ही नहीं है. यह सिर्फ आदेशों में संशोधन कर सकती है, उन्हें रदद् कर सकती है, लेकिन कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं कर सकती. जिस पर हाईकोर्ट की तरफ से 7 नवंबर के लिए नोटिस का जवाब मांग गया है. साथ ही पूछा गया है कि क्यों ना अपीलेंट अथॉरिटी की तरफ से 4 जून को जारी अंतरिम आदेशों पर रोक लगा दी जाए.
क्या है मामला ?
साल 1982 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल की तरफ से एजेएल को पंचकूला सेक्टर 6 में प्लॉट नंबर सी-17 आवंटित किया गया था. नियमों के तहत इस प्लॉट पर 10 साल तक कोई निर्माण नहीं किए जाने के चलते हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने यह प्लॉट वापस ले लिया था. हालांकि 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान एजेएल को फिर से प्लॉट आवंटित कर दिया गया. हुड्डा सरकार की तरफ से रि-अलॉट किए गए, इस प्लॉट को नियमों को ताक पर रखते हुए 1982 में दिए गई कीमत पर ही आवंटित करने का आरोप है. इस मामले में ईडी की तरफ से 2016 में मामला दर्ज किया गया था.