चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल बतौर वित्त मंत्री हरियाणा का बजट (Haryana budget 2022) तीसरी बार पेश करेंगे. हर वर्ग इस बजट को लेकर काफी उम्मीद लगा बैठा है. इस बार का बजट कैसा होगा? सरकार के सामने क्या बड़ी चुनौती होगी? बजट में किन क्षेत्रों पर जोर देने की जरूरत है? इन्ही सब सवालों को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा से अर्थशास्त्री प्रोफेसर बिमल अंजुम (Economist Professor Vimal Anjum) ने खास बातचीत की.
प्रोफेसर बिमल अंजुम ने कहा कि किसी भी बजट में सबसे महत्वपूर्ण दो चीजें होती हैं. पहला शिक्षा और दूसरा स्वास्थ्य. सरकार को सबसे पहले इन दोनों मुद्दों पर बात करनी चाहिए और उन्हें बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहिए, लेकिन हरियाणा में फिलहाल इन दोनों चीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है. आने वाले बजट से भी शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा बड़ी घोषणाएं होती नहीं दिख रही हैं.
कृषि पर केंद्रित होगा बजट? उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार के कामकाज को देखकर ये लग रहा है कि बजट कृषि पर केंद्रित रह सकता है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो इसका असर दूसरे क्षेत्रों पर पड़ेगा और सरकार का उन क्षेत्रों पर संतुलन बिगड़ना तय है, क्योंकि जब हम एक चित्र के बारे में ज्यादा सोचते हैं या एक भरत को खुश करने के बारे में ज्यादा काम किया जाता है तो इसका असर दूसरे क्षेत्रों पर अवश्य पड़ता है.
केंद्र की तर्ज पर होगा बजट? इसके अलावा ये भी संभावनाएं हैं कि बजट हाल ही में जारी किए गए केंद्रीय बजट की तरह ही रहेगा. जिससे आम लोगों को कोई खास घोषणाएं सुनने को शायद ना मिले. मात्र कृषि पर ध्यान देने और किसानों को सब्सिडी या अन्य सुविधाएं देने से प्रदेश की जीडीपी नहीं बढ़ेगी. जीडीपी के लिए नौकरियां और उद्योग धंधों को भी बढ़ाना होगा. सरकार ने हरियाणा के युवाओं को प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसदी का आरक्षण देने की घोषणा की है.
उद्योग के लिए क्या होगा? ये कानून प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है, क्योंकि इस कानून के रहते अगर हम ये सोचे कि बड़ी विदेशी कंपनियां हरियाणा में अपने उद्योग धंधे शुरू करेंगे तो ऐसा नहीं होगा. कोई भी कंपनी इस कानून के साथ हरियाणा में आने से कतराएगी. सरकार को प्रदेश में आने वाले कंपनियों को सुविधाएं देनी चाहिए. टैक्सेशन को आसान बनाना चाहिए और पाबंदियों को जितना हो सके कम किया जाना चाहिए.
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विमल अंजुम ने कहा कि (Expert opinion on Haryana budget) सरकार को किसी एक क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित ना करके बल्कि सभी क्षेत्रों पर अपना ध्यान लाना चाहिए जैसे सोशल सिक्योरिटी, नौकरियां, सुरक्षा व्यवस्था, पुलिस, प्रबंधन उद्योग इत्यादि. इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रदेश में पेंशन का मुद्दा भी एक बड़ा मुद्दा है. सरकार को चाहिए कि वो 2004 से पहले की पेंशन स्कीम को लागू करें और उनके साथ कोई छेड़छाड़ ना करें.
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