चंडीगढ़: बदलते समय के साथ रिश्तों की पकड़ भी कम होती जा रही है. पहले के मुकाबले अब तलाक के मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं. शहरी परिवेश में हाई क्लास यानी पढ़े-लिखों लोगों में इसकी संख्या थोड़ी ज्यादा है. भले ही पढ़े-लिखे जोड़ों के पास वित्तीय संसाधन की कोई कमी ना हो. इसके बाद भी तलाक के मामले बढ़ रहे हैं.
इस बारे में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में अधिवक्ता अशोक शर्मा ने कहा कि वो बहुत समय से तलाक से जुड़े मामले लड़ चुके हैं. ये बात सही है कि ज्यादातर तालाक के मामले पढ़े-लिखे युवा जोड़ों के सामने आते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है अलग रहना.
क्या हैं तलाक की वजहें?
- पढ़ी-लिखी लड़कियां न्यूक्लियर फैमिली में रहना पसंद करती हैं
- उन्हें ज्वाइंट फैमिली में रहना अच्छा नहीं लगता
- लड़कियां अपने सास ससुर से अलग रहना चाहती हैं
- ऐसे में लड़का अपने माता-पिता से अलग नहीं होना चाहता
- यही वजह फिर तलाक की वजह बनती है
- एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर भी पति-पत्नी के बीच तलाक का कारण बनता है
क्योंकि दोनों घर से बाहर कामकाज में ज्यादा समय बिताते हैं. इस बीच वो ज्यादा लोगों के संपर्क में आते हैं. यही वजह होती है कि कुछ लोग एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में पड़ जाते हैं. यही वजह फिर तलाक का कारण बनती है.
ये भी पढ़ें- भिवानी: कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसानों को लेकर विवादित बयान पर मांगी माफी
एक पहलु ये भी है कि पढ़े-लिखे युवा अच्छी नौकरियां करते हैं. अच्छी सैलरी की वजह से उनमें घमंड आ जाता है और वो रिश्तों से ज्यादा पैसे को अहमियत देते हैं. तब उनके रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच जाते हैं. कई बार प्रॉपर्टी के लालच में लोग दूसरे लोगों के चक्कर में फंस जाते हैं. किसी अमीर व्यक्ति से जानबूझकर संपर्क बनाना शुरू करते हैं. जिससे पति-पत्नी में तलाक हो जाता है. आजकल विदेश जाने के लिए फर्जी शादियां भी की जा रही है. जहां पर पहले लोग शादी कर लेते हैं और विदेश जाने के बाद एक दूसरे से तलाक ले लेते हैं. इससे भी तलाक की दर बढ़ रही है.
ये भी पढ़ें- भिवानी में मनाया गया पुलिस दृश्यता दिवस, नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई
निजी एनजीओ संचालिका पूजा बक्शी तलाक की कगार पर पहुंच चुके लोगों को वापस जोड़ने के लिए उनकी सहायता करती हैं. इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आजकल सभी लोग पढ़े-लिखे हैं और आर्थिक तौर पर मजबूत हैं. इसलिए भी एक दूसरे पर निर्भर नहीं होते. जिससे उनके बीच दूरियां बढ़ने लगती है. वो जैसा लाइफस्टाइल चाहते हैं. वैसा ही अपना लेते हैं. उन्हें इस इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके लाइफस्टाइल से उनका साथी खुश है या नहीं. जिस वजह से उनका रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है.
नौकरी पेशा होने की वजह से पति-पत्नी एक दूसरे को समय नहीं दे पाते. जिस वजह से उनके बीच बात नहीं हो पाती. वो एक दूसरे से अपनी बात सांझा नहीं कर पाते और उनके बीच दूरियां बढ़ने लगती हैं. उन्होंने बताया कि उनके एनजीओ में इस तरह के कई मामले आते हैं. वो लड़का और लड़की दोनों की समस्याएं सुनते हैं और उन पर फोकस करते हैं. जिससे की वजह से उनके रिश्ते पर संकट आया हो तो उस समस्या को दूर करने की कोशिश करते हैं और उनकी काउंसलिंग करते हैं.
ये भी पढ़ें- वैलेंटाइन डे 2021 : जवां दिलों की धड़कन बढ़ाने वाला दिन
अगर पति-पत्नी में प्यार होता है तो काउंसलिंग के बाद ऐसे मामले सुलझ भी जाते हैं, लेकिन अगर पति-पत्नी एक दूसरे के साथ रहना ही नहीं चाहते तो वो तलाक ले लेते हैं. कहा जा सकता है कि पढ़े-लिखे युवाओं में तलाक की दर बढ़ रही है. आधुनिकता के दौर में कहीं ना कहीं हमारे संस्कार और संस्कृति पीछे छूट दी जा रही है. जिस वजह से लोगों में रिश्तों की अहमियत कम हो गई है और वह अपने आप को और अपने कमाए पैसे को देख तो से ज्यादा अहमियत देने लगे हैं. जिस वजह से रिश्ते टूट रहे हैं.