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चंडीगढ़: किसानों की आर्थिक हालत को सुधारने के लिए MSP पर हुई चर्चा - Manohar lal khattar

चंडीगढ़ में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की ओर से एक मीटिंग आयोजित की गई. इस मीटिंग में किसानों की आय बढ़ाने पर चर्चा की गई.

किसानों की आय बढ़ाने के लिए चंडीगढ़ में की गई चर्चा
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Published : Jul 27, 2019, 10:11 AM IST

चंडीगढ़: फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अधिकारियों ने हरियाणा का दौरा किया. इस दौरान अधिकारियों ने चंडीगढ़ में हरियाणा के कृषि अधिकारियों और प्रगतिशील किसानों से मुलाकात कर अगले सीजन के लिए निर्धारित की जाने वाली एमएसपी के लिए सुझाव भी लिए.

विजयपाल शर्मा, चेयरमैन, कृषि लागत एवं मूल्य आयोग

पत्रकारों से बातचीत करते हुए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के चेयरमैन विजय पाल शर्मा ने बताया कि हरियाणा के दौरे का मकसद किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना है. बैठक के दौरान किसानों की आर्थिक स्थिति सुधार के लिए कई सुझाव आए, जिसमें किसानों को फसलों के विविधीकरण की ओर मोड़ना, जरूरत के हिसाब से नगदी फसलों की पैदावार के लिए प्रोत्साहित करना और कम लागत पर अधिक पैदावार दिलाना जैसी बातों पर चर्चा की गई.

शर्मा ने बताया कि आज किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या पानी की उपलब्धता है. इसके लिए किसानों को ऐसी फसलों को पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसमें कम पानी लगता हो जैसे कि धान की फसल की बजाय किसानों को दलहन तिलहन आदि की फसलें हैं.

आयोग के चेयरमैन ने बताया कि खेती में सबसे बड़ी समस्या छिपी हुई बेरोजगारी है. आज कृषि कार्य में जरूरत से अधिक लोग लगे हुए हैं. आयोग का मकसद लोगों को खेती से हटाकर अन्य तरह के कार्यों में लगाना है. जिससे इनका सही उपयोग हो सके.

इसलिए आयोग अपनी सिफारिशों में सरकार को किसानों के लिए कौशल विकास जैसी योजना शुरू करने की सिफारिश करेगा, ताकि लोग अपनी खेती की पैदावार से उत्पाद बनाकर मार्केट में बेच सकें. जिससे न केवल इसकी आय बढ़ेगी बल्कि खेती से छिपी हुई बेरोजगारी का भी समाधान हो पाएगा.

चंडीगढ़: फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अधिकारियों ने हरियाणा का दौरा किया. इस दौरान अधिकारियों ने चंडीगढ़ में हरियाणा के कृषि अधिकारियों और प्रगतिशील किसानों से मुलाकात कर अगले सीजन के लिए निर्धारित की जाने वाली एमएसपी के लिए सुझाव भी लिए.

विजयपाल शर्मा, चेयरमैन, कृषि लागत एवं मूल्य आयोग

पत्रकारों से बातचीत करते हुए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के चेयरमैन विजय पाल शर्मा ने बताया कि हरियाणा के दौरे का मकसद किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना है. बैठक के दौरान किसानों की आर्थिक स्थिति सुधार के लिए कई सुझाव आए, जिसमें किसानों को फसलों के विविधीकरण की ओर मोड़ना, जरूरत के हिसाब से नगदी फसलों की पैदावार के लिए प्रोत्साहित करना और कम लागत पर अधिक पैदावार दिलाना जैसी बातों पर चर्चा की गई.

शर्मा ने बताया कि आज किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या पानी की उपलब्धता है. इसके लिए किसानों को ऐसी फसलों को पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसमें कम पानी लगता हो जैसे कि धान की फसल की बजाय किसानों को दलहन तिलहन आदि की फसलें हैं.

आयोग के चेयरमैन ने बताया कि खेती में सबसे बड़ी समस्या छिपी हुई बेरोजगारी है. आज कृषि कार्य में जरूरत से अधिक लोग लगे हुए हैं. आयोग का मकसद लोगों को खेती से हटाकर अन्य तरह के कार्यों में लगाना है. जिससे इनका सही उपयोग हो सके.

इसलिए आयोग अपनी सिफारिशों में सरकार को किसानों के लिए कौशल विकास जैसी योजना शुरू करने की सिफारिश करेगा, ताकि लोग अपनी खेती की पैदावार से उत्पाद बनाकर मार्केट में बेच सकें. जिससे न केवल इसकी आय बढ़ेगी बल्कि खेती से छिपी हुई बेरोजगारी का भी समाधान हो पाएगा.

Intro:चंडीगढ, वर्ष 2,000 1920 के सीजन के दौरान फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए आज केंद्रीय खेती मूल्य एवं लागत आयोग ने हरियाणा का दौरा किया दौरे के दौरान आयोग चंडीगढ़ में हरियाणा के कृषि अधिकारियों और प्रगतिशील किसानों से मुलाकात कर अगले सीजन के लिए निर्धारित की जाने वाली एमएसपी के लिए सुझाव भी लिए ।


Body:पत्रकारों से बातचीत करते हुए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के चेयरमैन विजय पाल शर्मा ने बताया कि हरियाणा के दौरे का मकसद किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना है आज बैठक के दौरान किसानों की आर्थिक स्थिति सुधार के लिए कई सुझाव आए जिसमें किसानों को फसल विविधीकरण की ओर मोड़ना जरूरत के हिसाब से नगदी फसलों की पैदावार के लिए प्रोत्साहित करना कम लागत पर अधिक पैदावार दिलाना जैसी बातों पर बातों पर विशेष चर्चा की गई ।


Conclusion:शर्मा ने बताया कि आज किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या पानी की उपलब्धता है इसके लिए किसानों को ऐसी फसलों को पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जिसमें कम पानी लगता हो जैसे कि धान की फसल की बजाय किसानों को दलहन तिलहन आदि की फसलें पैदा करने के लिए आर्थिक मदद देना उन्होंने बताया कि खेती में सबसे बड़ी समस्या छिपी हुई बेरोजगारी है आज कृषि कार्य में जरूरत से अधिक लोग लगे हुए हैं आयोग का मकसद लोगों को खेती से हटाकर अन्य तरह के कार्यों में लगाना है जिससे इनका सही उपयोग हो सके इसलिए आयोग अपनी सिफारिशों में सरकार को किसानों के लिए स्किल डेवलपमेंट जैसी योजना शुरू करने की सिफारिश करेगा ताकि यह लोग अपनी खेती की पैदावार से उत्पाद बनाकर मार्केट में बेच सकें जिससे ना केवल इसकी आय बढ़ेगी बल्कि खेती से छिपी हुई बेरोजगारी का भी समाधान हो पाएगा ।
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