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चंडीगढ़ में मेयर चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, पार्षद पत्नी के साथ बबला बीजेपी में हुए शामिल

चंडीगढ़ में मेयर चुनाव से पहले सियासत गरमा गई है. कांग्रेस से निष्कासित होते ही देवेंद्र सिंह बबला (Devendra singh babla) रविवार को अपनी पार्षद पत्नी हरप्रीत कौर बबला के साथ भाजपा में शामिल हो गए हैं.

Devendra singh babla
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Published : Jan 2, 2022, 3:43 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में शनिवार को नगर निगम के नवनिर्वाचित पार्षदों के शपथ ग्रहण के बाद सेक्टर-17 स्थित नगर निगम कार्यालय में कांग्रेस के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ था. जिसके बाद कांग्रेस ने रविवार को कांग्रेस के उपाध्यक्ष देवेंद्र बबला (Devendra singh babla) को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. वहीं कांग्रेस से निष्कासित होते ही देवेंद्र सिंह बबला रविवार को ही अपनी पार्षद पत्नी हरप्रीत कौर बबला के साथ भाजपा (chandigarh bjp) में शामिल हो गए हैं.

कांग्रेस से निष्कासित होते ही बबला अपनी पार्षद पत्नी हरप्रीत कौर बबला के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे और पार्टी में शामिल हो गए. इस दौरान हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, चंडीगढ़ से बीजेपी सांसद किरण खेर और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन समेत कई नेता मौजूद रहे. बता दें कि, बबला की पत्नी हरप्रीत कौर बबला ने कांग्रेस के टिकट पर पार्षद का चुनाव जीता है. अब उनके बीजेपी में जाने से चंडीगढ़ मेयर पद का चुनाव और दिलचस्प हो गया है.

Devendra singh babla
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, चंडीगढ़ से बीजेपी सांसद किरण खेर और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन समेत कई नेता मौजूद रहे

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ कांग्रेस ने देवेंद्र बबला को पार्टी से निकाला, पार्टी अध्यक्ष के साथ हुआ था विवाद

बता दें कि, चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी 14 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. वहीं भाजपा को 12 सीटें मिली थीं. बीजेपी की सांसद किरण खेर को मिलाकर भाजपा के पास 13 वोट हैं. अब बबला की पत्नी के भाजपा का दामन थाम लेने से भाजपा और आप के पास 14-14 पार्षद हो गए हैं. अब मेयर पद का चुनाव काफी दिलचस्प हो जाएगा. बता दें कि निगम में दल बदल कानून लागू नहीं होता यानी पार्षद बनने के बाद पार्टी छोड़ देने पर भी पार्षद पद कायम रहता है.

गौरतलब है कि नगर निगम चुनाव में मिली करारी हार के बाद चंडीगढ़ कांग्रेस (chandigarh congress) में आपसी बवाल देखने को मिल रहा है. इसी के चलते कांग्रेस के उपाध्यक्ष देवेंद्र बबला को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. उनको पार्टी से बाहर निकालने का पत्र पार्टी प्रभारी हरीश चौधरी ने जारी किया. दरअसल शनिवार को बबला और पार्टी अध्यक्ष सुभाष चावला के बीच विवाद हुआ था. बबला और सुभाष चावला के बीच विवाद उस वक्त हुआ जब शनिवार को पार्षदों का शपथ ग्रहण हो रहा था. देवेंद्र बबला ने पार्टी के अध्यक्ष सुभाष चावला पर चंडीगढ़ उपचुनाव में पार्टी को हराने के आरोप लगाए थे और उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था.

ये भी पढ़ें- Chandigarh Mayor Election: AAP का भाजपा पर गंभीर आरोप, बोली- बीजेपी कर रही हमारे पार्षदों को खरीदने की कोशिश

नगर निगम कार्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला और देवेंद्र सिंह बबला आपस में उलझ गए थे. नौबत हाथापाई तक पहुंच गई थी. अन्य नेता बीच बचाव में आए. हंगामा इतना हो गया है कि बबला और चावला ने एक-दूसरे को नगर निगम से बाहर आकर देखने की धमकी दी. इन दोनों के बीच हुए विवाद के बाद ये चर्चा तेज हो गई थी कि पार्टी बबला के खिलाफ कोई ना कोई कार्रवाई जरूर करेगी और जिसके बाद आज चंडीगढ़ कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया. बहरहाल अब बबला और उनकी पत्नी के बीजेपी में शामिल होने पर नगर निगम में मेयर, डिप्टी मेयर, सीनियर मेयर का मुकाबला दिलचस्प मोड़ लेता हुआ दिखाई दे रहा है.

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चंडीगढ़: चंडीगढ़ में शनिवार को नगर निगम के नवनिर्वाचित पार्षदों के शपथ ग्रहण के बाद सेक्टर-17 स्थित नगर निगम कार्यालय में कांग्रेस के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ था. जिसके बाद कांग्रेस ने रविवार को कांग्रेस के उपाध्यक्ष देवेंद्र बबला (Devendra singh babla) को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. वहीं कांग्रेस से निष्कासित होते ही देवेंद्र सिंह बबला रविवार को ही अपनी पार्षद पत्नी हरप्रीत कौर बबला के साथ भाजपा (chandigarh bjp) में शामिल हो गए हैं.

कांग्रेस से निष्कासित होते ही बबला अपनी पार्षद पत्नी हरप्रीत कौर बबला के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे और पार्टी में शामिल हो गए. इस दौरान हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, चंडीगढ़ से बीजेपी सांसद किरण खेर और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन समेत कई नेता मौजूद रहे. बता दें कि, बबला की पत्नी हरप्रीत कौर बबला ने कांग्रेस के टिकट पर पार्षद का चुनाव जीता है. अब उनके बीजेपी में जाने से चंडीगढ़ मेयर पद का चुनाव और दिलचस्प हो गया है.

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हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, चंडीगढ़ से बीजेपी सांसद किरण खेर और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन समेत कई नेता मौजूद रहे

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बता दें कि, चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी 14 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. वहीं भाजपा को 12 सीटें मिली थीं. बीजेपी की सांसद किरण खेर को मिलाकर भाजपा के पास 13 वोट हैं. अब बबला की पत्नी के भाजपा का दामन थाम लेने से भाजपा और आप के पास 14-14 पार्षद हो गए हैं. अब मेयर पद का चुनाव काफी दिलचस्प हो जाएगा. बता दें कि निगम में दल बदल कानून लागू नहीं होता यानी पार्षद बनने के बाद पार्टी छोड़ देने पर भी पार्षद पद कायम रहता है.

गौरतलब है कि नगर निगम चुनाव में मिली करारी हार के बाद चंडीगढ़ कांग्रेस (chandigarh congress) में आपसी बवाल देखने को मिल रहा है. इसी के चलते कांग्रेस के उपाध्यक्ष देवेंद्र बबला को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. उनको पार्टी से बाहर निकालने का पत्र पार्टी प्रभारी हरीश चौधरी ने जारी किया. दरअसल शनिवार को बबला और पार्टी अध्यक्ष सुभाष चावला के बीच विवाद हुआ था. बबला और सुभाष चावला के बीच विवाद उस वक्त हुआ जब शनिवार को पार्षदों का शपथ ग्रहण हो रहा था. देवेंद्र बबला ने पार्टी के अध्यक्ष सुभाष चावला पर चंडीगढ़ उपचुनाव में पार्टी को हराने के आरोप लगाए थे और उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था.

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नगर निगम कार्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला और देवेंद्र सिंह बबला आपस में उलझ गए थे. नौबत हाथापाई तक पहुंच गई थी. अन्य नेता बीच बचाव में आए. हंगामा इतना हो गया है कि बबला और चावला ने एक-दूसरे को नगर निगम से बाहर आकर देखने की धमकी दी. इन दोनों के बीच हुए विवाद के बाद ये चर्चा तेज हो गई थी कि पार्टी बबला के खिलाफ कोई ना कोई कार्रवाई जरूर करेगी और जिसके बाद आज चंडीगढ़ कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया. बहरहाल अब बबला और उनकी पत्नी के बीजेपी में शामिल होने पर नगर निगम में मेयर, डिप्टी मेयर, सीनियर मेयर का मुकाबला दिलचस्प मोड़ लेता हुआ दिखाई दे रहा है.

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