चंडीगढ़/दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 40वीं बैठक हुई. इस बैठक में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी शामिल हुए. जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मीडिया से बात की.
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में हरियाणा, बिहार और गुजरात की ओर से कहा गया है कि फुटवेयर्स और फर्टिलाइजर्स पर जीएसटी कम किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई कि जिन राज्यों ने पिछले 3 वर्षों में जीएसटी भुगतान समय पर नहीं किया उन पर पेनल्टी हटाई जाए.
ये भी पढ़ें- 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना: मंडियों में मक्का सुखाने के लिए ड्रायर लगाने का ऐलान
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इनकम टैक्स की तर्ज पर ही जीएसटी कम करने के लिए कदम उठाए जाएंगे. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि केंद्र सरकार ने 5 करोड़ से कम जीएसटी भुगतान करने की सीमा को जून महीने से बढ़ाकर सितंबर किया था, अब उसे अगले साल मार्च तक करने पर चर्चा हुई.
'राज्यों के हिस्से का पैसा जल्द मिलना चाहिए'
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि 2017 में 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये केंद्रीय पूल में आए थे. जिसमें 88 हजार करोड़ रुपये केंद्र के थे और 88 हजार करोड़ रुपये राज्यों के थे. उस 88 हजार करोड़ में से 34 हजार करोड़ राज्यों को बांट दिया गया है, लेकिन अभी भी 54,600 करोड़ रुपये राज्यों का केंद्र के पास है.
उन्होंने कहा कि अब ये प्रस्ताव ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के पास भेजा गया है कि केंद्र ने सेस का पैसा राज्यों को दिया है, लेकिन मैं ये मानता हूं कि 54 हजार 600 करोड़ राज्यों को मिलेगा तो राज्यों की परिस्थितियां सुधरेंगी.
कोरोना मरीजों के इलाज पर क्या बोले दुष्यंत चौटाला
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा के अस्पतालों में कहीं से भी मरीज आए उसका इलाज अच्छे से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि झज्जर के एम्स अस्पताल में हरियाणा से नहीं बल्कि सभी मरीज दिल्ली से आकर इलाज करवा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हरियाणा में सभी निजी अस्पतालों में 25% रिजर्वेशन कोरोना मरीजों के लिए रखा गया है. कुछ निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों को भर्ती ना करने की शिकायतें मिली हैं. अगर कोई निजी अस्पताल किसी भी कोविड मरीज का इलाज करने से मना करता है तो उनका लाइसेंस भी रद्द करना पड़ा तो सरकार करेगी.