चंडीगढ़: बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा बिजली चोरी के मामले में लगाए गए छोटे से जुर्माने को लेकर ईटीवी भारत ने इस कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए खबर चलाई थी. इस मामले को लेकर चलाई खबर का अब असर होता दिख रहा है. इन अधिकारी के खिलाफ प्रदेश सरकार जल्द ही विभागीय कार्रवाई करने जा रही है.
थर्मल प्लांट में बिजली विभाग में चोरी का मामला
पानीपत के थर्मल प्लांट में बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा बिजली चोरी का एक मामला खुद बिजली मंत्री ने पकड़ा था. जिस पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संज्ञान लिया. सरकारी अधिकारियों ने चोरी के लिए मुख्यमंत्री ने इन अधिकारियों पर वीरवार को नाम मात्र जुर्माना लगाया गया था, जबकि ऐसे कई मामलों में एफआईआर भी दर्ज की जाती है.
इसके बाद खानापूर्ति नुमा कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े करते हुए ईटीवी भारत ने इस विषय पर खबर लगाई थी. खबर के बाद अब सरकार की ओर से इन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई को भी अमल में लाया जा रहा है.
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ये हो सकती है कार्रवाई
पानीपत थर्मल प्लांट में बिजली चोरी करने के आरोप में 5 एससी, 3 चीफ इंजीनियर और 1 फाइनेंस एडवाइजर, टोटल 9 अधिकारियों पर ₹7 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया गया था. इन अधिकारियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.
ऐसे मामले में उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एससीआर) में दर्ज करने की तैयारी भी की जा रही है. बिजली मंत्री ने इस मामले में मुख्यमंत्री द्वारा मिली मंजूरी के बाद अधिकारियों पर एक्शन का मन बना लिया है.
उस समय क्या कहा था बिजली मंत्री ने?
इस विषय पर बिजली मंत्री रंजीत सिंह चौटाला से पत्रकारों द्वारा सवाल भी किया गया था कि बिजली विभाग आप के अधीन आता है और ये चोरी भी आपके ही द्वारा पकड़ी गई तो फिर कार्रवाई या जुर्माना आपके द्वारा क्यों नहीं लगाया गया.
इस पर रंजीत सिंह चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के संज्ञान में ये मामला लाया गया था और मामले की रिपोर्ट उन्हें सौंप दी गई थी. कार्रवाई के लिए भी उन्हीं को कहा गया था.