चंडीगढ़: बरोदा उपचुनाव के चलते सूबे की राजनीति में सियासी पारा बढ़ता जा रहा है. राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप और जीत के दावों का दौर जारी है. भले ही बरोदा उपचुनाव की तारीखों का ऐलान होना बाकि हो, लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियों ने उपचुनाव की तैयारी तेज कर दी हैं. दरअसल कांग्रेस विधायक कृष्ण हुड्डा के निधन के बाद बरोदा सीट खाली हो गई है. अगले 3 महीने में यहां पर चुनाव होना है. चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने दावं-पेंच लड़ाना शुरू कर दिया है. बीजेपी ने बरोदा विधानसभा में अपनी सक्रीयता बढ़ा दी है. वहीं कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो रही है.
आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 6 साल से बीजेपी को बरोदा विधानसभा की याद नहीं आई और अब वो लोगों की जान जोखिम में डालकर वहां का दौरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के मंत्री सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए बरोदा विधानसभा का दौरा कर रहे हैं. अगर उन्हें बरोदा की जनता की इतनी ही चिंता थी तो वो 6 साल में पहले क्यों नहीं इस विधानसभा क्षेत्र आए. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अभी प्रदेश पर कोरोना महामारी सबसे बड़ा संकट है. बीजेपी इस संकट की घड़ी में लोगों की जान जोखिम में डालकर अपनी उपबल्धियों का जश्न मना रही है.
बता दें कि बरोदा विधानसभा सीट पर तीन बार से कांग्रेस का कब्जा है और कांग्रेस इसे बरकरार रखने की पूरी कोशिश कर रही है. बरोदा विधानसभा क्षेत्र हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है. उनकी इस इलाके में मजबूत पकड़ भी है. फिलहाल तो बरोदा उपचुनाव सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए नाक का सवाल बनता जा रहा है. हरियाणा में अपना जनाधार खोती इंडियन नेशनल लोकदल इस उपचुनाव के जरिए एक बार फिर अपने आप को स्थापित करने की कोशिश करेगी. पार्टी अध्यक्ष ओपी चौटाला ने तो जीत का दावा भी पेश किया.
जीत के कितने दावेदार?
पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला ने साफ किया इनेलो बरोदा की सीट पर अपना दमदार उम्मीदवार उतारेगी. बरोदा उपचुनाव में ओपी चौटाला ने जीत का दावा भी किया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर तंज कसते हुए ओपी चौटाला ने कहा कि वो करनाल छोड़कर किसी दूसरी विधानसभा से चुनाव लड़ें. तब उन्हें असलियत का पता चलेगा. बता दें कि इनेलो नेता अभय चौटाला भी पार्टी के रूख को साफ कर कह चुके हैं कि बरोदा उपचुनाव में इनेलो जीत दर्ज करेगी.
वहीं बीजेपी किसी भी सूरत में इस उपचुनाव में फतह हासिल कर अपना रिकॉर्ड दुरुस्त करना चाहेगी. क्योंकि प्रदेश में हाल फिलहाल में जींद उपचुनाव, नगर निगम चुनाव, पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव हुए हैं. जिनमें बीजेपी को हर बार कामयाबी मिली है. अब बरोदा उपचुनाव में जीत दर्ज कर बीजेपी अपने रिकॉर्ड को दुरुस्त करने की कोशिश करेगी. वहीं इस चुनाव में गठबंधन सरकार की सहयोगी पार्टी जननायक जनता पार्टी पर भी सबकी निगाहें हैं. दोनों पार्टी चुनाव में अलग-अलग उम्मीदवार उतारेगी या फिर बीजेपी उम्मीदवार को जेजेपी का समर्थन रहेगा. इसपर अभी सस्पेंस बना हुआ है.
ये भी पढ़ें- क्या बरोदा उपचुनाव में बीजेपी का होगा उम्मीदवार और जेजेपी करेगी समर्थन? जानिए इनसाइड स्टोरी
उपचुनाव नजदीक आते ही दलबदल का दौर भी शुरू हो चुका है. पिछले हफ्ते कई चेहरों ने इंडियन नेशनल लोक दल का दामन थामा है. इनमें कोसली से दो बार कांग्रेस से विधायक रहे नरेश शर्मा और बसपा प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश भारती और नरेश सारण कई नेता शामिल हैं. वहीं बीजेपी में नीना राठी और सतपाल राठी ने शामिल होकर कांग्रेस को झटका दिया था. अब कौन किसपर भारी पड़ेगा. ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.