चंडीगढ़: कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा (deepender hooda) ने बढ़ते पेट्रोल डीजल के दामों को लेकर सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि एक तरफ रिकॉर्ड बेरोजगारी है तो दूसरी तरफ महंगाई से हाहाकार मचा हुआ है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार जल्द से जल्द पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाकर आम लोगों को महंगाई के चंगुल से छुटकारा दिलाए.
दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से सवाल पूछा कि महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रहे हिंदुस्तान के आम आदमी को सरकार कब तक कोरोना महामारी की आड़ लेकर बहकाती रहेगी. देश के कई शहरों में डीजल-पेट्रोल 100 रुपये के पार बिक रहा तो भाजपा चुप क्यों है. महंगाई रोकने में विफल सरकार तर्कहीन दलीलें देकर लोगों के जख्मों पर नमक छिड़क रही है.
महंगाई ने लोगों का जीना किया मुश्किल
राज्यसभा सांसद ने कहा कि लोगों की आमदनी के रास्ते बंद हो गए हैं, सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाना बंद कर दिया है. गरीब और मध्यम वर्ग कोरोना महामारी की मार से पहले ही तबाह हो चुका है. उस पर महंगाई को रोक पाने में सरकार की विफलता ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. सरकार भी मान रही है कि महंगाई बढ़ने का प्रमुख कारण पेट्रोलियम उत्पादों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में वृद्धि होना है.
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उन्होंने याद दिलाया कि जब डीजल के दाम 50 रुपये लीटर से ऊपर हुए थे तो इसी भाजपा ने देश भर में प्रदर्शन कर खूब शोर मचाया था, लेकिन आज देश के कई शहरों में डीजल-पेट्रोल 100 रुपये के पार बिक रहा है तो यही भाजपा अब चुप है. इसी प्रकार जब डॉलर का भाव रुपये के मुकाबले 60 पर पहुंचा तो आज सत्ता में बैठे लोगों ने कहा था कि देश बर्बाद कर दिया, रुपये की कोई कीमत नहीं रही. वही डॉलर अब 73 रुपये का हो गया है और सत्ता में बैठी भाजपा चुप है.
सरकार को देनी होगी लोगों को राहत
दीपेंद्र ने कहा सरकार जब कोरोना के आंकड़ों के सम्बन्ध में देश की तुलना अमेरिका के साथ कर रही है तो देश के रुपये की तुलना अमेरिका के डॉलर से क्यों नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े बताते हैं कि खाद्य तेल, फल, अंडा जैसे खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से खुदरा महंगाई मई में बढ़कर 6.3 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. सरकार को लोगों को राहत देनी ही होगी.
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