पानीपत: देशभर के लोगों में क्रिकेट का क्रेज रहता है. भारत का राष्ट्रीय खेल भले ही हॉकी हो, लेकिन क्रिकेट के लिए लोगों की दीवानगी सबसे ज्यादा है. क्रिकेट पुरुषों का खेल है, इस धारणा को खत्म करने के लिए लड़कियां भी लड़कों से कम नहीं है. क्रिकेट में देश की बेटियां भी जबरदस्त प्रदर्शन कर रही हैं. पानीपत की बेटी कनिका खर्ब ने भी पिता के सपने को पूरा करते हुए हरियाणा क्रिकेट टीम में हिस्सा लिया. कनिका खर्ब ने क्रिकेट टूर्नामेंट में बतौर ऑलराउंडर खिलाड़ी अपने स्कूल और ग्रामीणों का दिल जीता.
पानीपत गांव नारा की बेटी कनिका खर्ब ने हरियाणा क्रिकेट टीम में ऑल राउंडर खिलाड़ी के रूप में लोगों का दिल जीता है. पंचकूला में आयोजित 68वें नेशनल स्कूल गेम्स क्रिकेट टूर्नामेंट में खेलकर टीम को गोल्ड मेडल जीतने में अहम योगदान दिया है. कनिका की इस सफलता को देखते हुए स्कूल और ग्रामीणों ने सम्मानित किया है.
ऑलराउंडर बेटी को सम्मान: कनिका खर्ब के सम्मान में नारा गांव स्थित शिव मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रबंधन ने स्कूल में सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया. जहां कनिका खर्ब को स्कूल प्रबंधन और ग्रामीणों ने पैसों की मालाएं पहनाकर और मिठाई खिलाकर सम्मानित किया. कनिका खर्ब ने बताया कि वह हरियाणा क्रिकेट टीम में ऑलराउंडर खिलाड़ी के रूप में खेली. जहां उन्होंने फाइनल मैच में चंडीगढ़ की टीम को हराकर गोल्ड मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की. जिसमें उनका भी अहम योगदान रहा.
7 वीं कक्षा में पढ़ती है कनिका: कनिका ने लड़की होकर क्रिकेट के खेल को क्यों चुना इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि यह उनके पिता का सपना था कि वह भारत की टीम में खेले. लेकिन उनका सपना पूरा नहीं हो पाया. इसलिए वह अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए क्रिकेट के खेल से जुड़े हैं. कनिका खर्ब ने बताया कि उनका सपना है कि वह भारत की महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा बने और एक दिन इस टीम का प्रतिनिधित्व भी कप्तान के रूप में करें. कनिका खर्ब शिव मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ती हैं और वह पढ़ाई के साथ-साथ क्रिकेट के खेल को मैनेज करती हैं. उन्होंने बताया कि वह स्कूल के 5-6 घंटे क्रिकेट की प्रैक्टिस करती हैं.
घर-स्कूल-ग्रामीणों को बेटी पर गर्व: पिता विनोद खर्ब ने बताया कि बेटी ने गांव और हरियाणा का नाम रोशन किया है. उन्होंने कहा कि बेटी हरियाणा की तरफ से कैंप में गई थी. लेकिन फाइनल 11 में वह नहीं खेल पाई. उन्होंने कहा कि वह भी भारत की टीम में खेलना चाहते थे. लेकिन नहीं खेल पाए और पिछले 15 साल से क्रिकेट की कोचिंग लाइन से जुड़े हैं. स्कूल प्रिसिंपल रविंदर शर्मा ने बताया कि उन्हें बेहद खुशी है कि उनकी बेटी हरियाणा की टीम में खेलकर आई है. कनिका खर्ब बच्चों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी है. इसलिए ग्रामीण और स्कूल की तरफ से बेटी को सम्मानित किया गया है.
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