चंडीगढ़: मंगलवार को हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक का आयोजन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में किया गया. हरियाणा मंत्रिमंडल विस्तार के बाद यह कैबिनेट की पहली बैठक थी. बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि बैठक में किन-किन मुद्दों पर चर्चा की गई. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी से पहले के 20 पुराने कानून को राज्य सरकार रिपील करेगी. ये वो कूानून है जिनकी कोई उपयोगिता नहीं है. इस बार के विधानसभा में इसको लेकर बिल लाया जाएगा.
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 2 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होगा. ये प्रस्ताव अब महामहिम राज्यपाल और विधानसभा स्पीकर को भेजा जाएगा. इसके अलावा हरियाणा गैरकानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक 2022 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. अब विधेयक विधानसभा में पेश किया जाएगा. प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान सीएम ने धर्मांतरण के मुद्दे पर भी बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने कहा कि जबरदस्ती या पैसों के लालच देकर धर्मांतरण करने के मामलों को देखते हुए सरकार इस बार इसके खिलाफ अधिनियम लाने जा रही है. इसमें सजा और जुर्माना दोनों होंगे. अगर कोई धर्मांतरण अपनी इच्छा से करना चाहता है तो उसके लिए पहले से आवेदन देना होगा. सीएम ने बताया कि कई बार हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में ऐसे मामले सामने आए हैं. सरकार नहीं चाहती कि इस प्रकार के मुद्दों से सामाजिक ताना-बाना खराब हो या कोई दिक्कतें पेश आएं.
60 साल के बाद खुद शुरू हो जाएगी पेंशन- इसके अलावा हरियाणा में बुजुर्गों को अब पेंशन के लिए कोई परेशानी नहीं होगी. पेंशन को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा जा रहा है. जो भी व्यक्ति 60 वर्ष की आयु पूरी कर लेगा और वह पात्र होगा तो उसकी खुद ब खुद पेंशन शुरू हो जाएगी.
हरियाणा जनसुविधापरिवर्तन निषेध बिल 2022 को मिली मंजूरी- कैबिनेट की बैठक में हरियाणा जनसुविधा परिवर्तन निषेध बिल, 2022 तैयार करने के संबंध में प्रशासनिक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. कई दशकों से निजी व्यक्तियों/संस्थाओं की भूमि पर जन सुविधाएं जैसे सडके, सरकारी भवन जैसे कि दफ्तर, शैक्षणिक संस्थान, सिंचाई/जल चैनल आदि का निर्माण हुआ है. यह बिना किसी मुआवजे या किसी भी रूप में प्रतिफल के दावे के बिना मौखिक समझौते या मौखिक उपहार आदि के रूप में निजी व्यक्तियों की उदारता के कारण हो सका.
हरियाणा अग्निशमन सेवा नियम में संशोधन करने के प्रस्ताव को मिली स्वीकृति- बैठक में हरियाणा अग्निशमन (ग्रुप-ए,बी और सी) सेवा नियम 2016 में संशोधन करने के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई. इन नियमों को हरियाणा अग्निशमन(ग्रुप ए) सेवा(संशोधन) नियम, 2022, हरियाणा अग्निशमन(ग्रुप बी) सेवा(संशोधन) नियम, 2022 और हरियाणा अग्निशमन (ग्रुप सी) सेवा(संशोधन) नियम, 2022 कहा जाएगा.
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पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने को भी मिली मंजूरी- कैबिनेट बैठक में 4 और 5 नवंबर 2021 की रात से पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर वैट कम करने के संबंध में एक प्रस्ताव में कमी को स्वीकृति प्रदान की गई है. केंद्र सरकार ने 3 नवंबर, 2021 की आधी रात से पेट्रोल एवं डीजल पर आबकारी शुल्क में क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये की कटौती करने की घोषणा की थी. क्योंकि पेट्रोल एवं डीजल के मूल्य उपभोक्ताओं की दिन-प्रतिदिन की व्यावसायिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं.
कैबिनेट ने एमएमपीएसवाई एसओपी को लागू करने की दी मंजूरी- बैठक में मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना (एमएमपीएसवाई) के कार्यान्वयन को संशोधित स्वीकृति प्रदान की गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार एमएमपीएसवाई के तहत, एमएमपीएसवाई पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के अनुसार स्व-घोषणा के आधार पर 2019-20 और 2020-21 के दौरान 8,77,538 परिवारों को 270.84 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई. नागरिक संसाधन सूचना विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 31 जनवरी, 2022 को एमएमपीएसवाई के तहत प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना के 2,83,772 लाभार्थियों को प्रीमियम की प्रतिपूर्ति के रूप में 3,54,77,472 वितरित किए गए.
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कैबिनेट ने निरसन विधेयक 2021 के मसौदे को दी मंजूरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में निरसन विधेयक 2021 के मसौदे को मंजूरी दी गई. विधेयक को अब विधानसभा के समक्ष रखा जाएगा. मसौदा विधेयक के अनुसार राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के ऐसे 20 अधिनियमों को निरस्त किया जाएगा, जो पुराने हैं और अब उपयोग में नहीं हैं. विभागीय समिति ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के विभिन्न पुराने एवं अप्रचलित अधिनियमों को निरस्त करने के संबंध में अपनी रिपोर्ट दी है.
मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिए पेंशन योजना में संशोधन को मिली स्वीकृति- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आज हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिए पेंशन योजना में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इस योजना के पात्रता मानदंड में संशोधन किया गया है, ताकि उन सत्याग्रहियों को शामिल किया जा सके जो जेल में बंद हुए थे, लेकिन जेलों में उनके कारावास का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है.
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खुदरा शराब लाइसेंस धारकों को 2 करोड़ रुपये से अधिक का लाइसेंस प्राप्त करने की छूट- मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमण्डल की बैठक में खुदरा शराब लाइसेंसधारियों को साल 2020-21 के लिए लाइसेंस फीस में 2 करोड़ 19 लाख 56 हजार 524 रुपए की छूट के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन के कारण फाइनेसियल ईयर 2020-21 के लिए आवंटित की गई खुदरा शराब की दुकानें पहली अप्रैल, 2020 से अपना संचालन शुरू नहीं कर सकीं थी. कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति में मंत्रिपरिषद की स्वीकृति से संशोधन किया गया है. संशोधित आबकारी नीति के अनुसार खुदरा लाइसेंस और अन्य सहवर्ती लाइसेंसों के संचालन की अवधि में संशोधन कर इसे 6 मई 2020 से 19 मई, 2021 तक निर्धारित किया गया था.
इसके अलावा लाइसेंसधारियों को कई अन्य छूट भी दी गई थीं ताकि उन्हें कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने में मदद करने के लिए मुआवजा दिया जा सके. इसी बीच, शराब लाइसेंसधारियों से कई अप्लीकेशन प्राप्त हुए जिसमें यह दावा किया गया कि उन्हें कोविड-19 महामारी के कारण व्यवसाय में भारी नुकसान हुआ है. लॉकडाउन के दौरान में कम मात्रा हुई बिक्री व कम कोटा उठाने संबंधी प्राप्त शिकायतों के निवारण के लिए उपमुख्यमंत्री व आबकारी एवं कराधान मंत्री की अध्यक्षता में परिवहन मंत्री व खेल मंत्री के साथ एक समिति का गठन किया गया था. मंत्रियों की समिति ने लाइसेंसधारियों के अभ्यावेदन पर विचार करने के लिए कुल चार बैठकें करने के बाद लाइसेंसधारियों को राहत प्रदान करने संबंधी बिंदुओं को अंतिम रूप दिया है.
शराब के अवैध उत्पादन पर रोक के लिए बना नियम- मंत्रिमंडल की बैठक में पंजाब डिस्टिलरी नियम, 1932 (हरियाणा राज्य में लागू) में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई. इससे डिस्टिलरीज़ द्वारा शराब के अवैध उत्पादन पर रोक लगेगी. संशोधन के अनुसार, पंजाब डिस्टिलरी नियम, 1932 (हरियाणा राज्य में लागू) में एक नया नियम 16बी जोड़ा गया है. ताकि सभी डिस्टिलरीज़ के लिए स्वयं की लागत पर फ्लो मीटर लगाना अनिवार्य किया जा सके. फ्लो मीटर्स को आबकारी नीति में डिस्टिलरीज के स्तर पर चोरी की संभावना को कम करने के लिए एक प्रभावी उपाय के रूप में प्रस्तुत किया गया है. नए नियम 16बी के अनुसार, मास फ्लो मीटर, जो एक पाइप लाइन के माध्यम से गुजरने वाले स्पिरिट के मास फ्लो को मापने में सक्षम हैं. लाइसेंसधारी द्वारा पाइपलाइनों पर डिस्टिलरी में स्थापित किया जाएगा.
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