चंडीगढ़: प्रदेश में मंत्रियों को तबादलों का अधिकार मिलने के बाद कर्मचारी पसंद की जगह पर जाने के लिए पूरा दम लगा रहे हैं. जानकारी के अनुसार कोई अधिकारी सिफारिश लेकर आ रहा है तो कोई अपने स्तर पर चंडीगढ़ स्थित सचिवालय में मंत्रियों के ऑफिस पहुंच रहे हैं.
नीति तैयार ना करने के बाद दिया आदेश
बीजेपी-जेजेपी सरकार की ओर से प्रदेश के सभी सरकारी विभागों को ऑनलाइन तबादला नीति तैयार करने का आदेश मिला था. लेकिन प्रदेश के अंदर 2 दर्जन से ज्यादा ऐसे विभाग हैं जिन्होंने सरकार को संबंधी नीति प्रदान नहीं की है.
जिसके बाद सीएम खट्टर ने सख्त कदम उठाते हुए सरकार में मंत्रियों को अधिकारियों व कर्मचारियों का तबादले करने की शक्ति प्रदान की थी. मंत्री द्वारा संबंधित विभागों के द्वितीय श्रेणी, तृतीय श्रेणी, चतुर्थ श्रेणी के अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले कर सकते हैं.
1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक मिला अधिकार
बीजेपी-जेजेपी सरकार ने अपने मंत्रियों को 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक तबादले करने का अधिकार दिया है. वहीं जैसे-जैसे अंमित तारीख पास आ रही है, वैसे-वैसे सचिवालय में अधिकारियों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है.
जितने विभाग, उतनी भीड़
जानकारी के अनुसार प्रदेश में करीब 3.50 लाख अधिकारी व कर्मचारी हैं. वहीं मंत्रियों के करीबियों का कहना है कि अधिकारी व कर्मचारी अपने घर के पास के क्षेत्रों में अपने तबादला करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. ऐसे में जिस मंत्री के पास जितने विभाग हैं, उसके पास उतनी ही ज्यादा भीड़ लगी हुई है.
'सिफारिश लाओ घर के पास भेज दूंगा'
सूत्रों की माने तो बढ़ती भीड़ के बाद अब मंत्रियों ने अधिकारियों व कर्मचारियों को नसीहत देना शुरू कर दिया है कि वे अपने इलाके के विधायकों, पूर्व मंत्री व पूर्व विधायकों की सिफारिश लाएं. जिसके बाद उनका तबादला आसपास के क्षेत्र में हो सकता है. कई विधायक तो खुद चहेते कर्मचारियों की सिफारिश लेकर मंत्रियों के पास पहुंच रहे हैं.
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