ETV Bharat / state

मनपसंद तबादले के लिए चंडीगढ़ में अधिकारियों का जमघट, कई विधायक भी लगा रहे सिफारिश

प्रदेश में मंत्रियों को तबादला करने का अधिकार मिला था. जैसे-जैसे उसकी अंतिम तारीख पास आ रही है, वैसे-वैसे सचिवालय में स्थित मंत्रियों के कार्यालय पर अपने घर के पास तबादला कराने को लेकर अधिकारी व कर्मचारियों की भीड़ लगी हुई है.

transfer
प्रतिकात्मक फोटो
author img

By

Published : Dec 11, 2019, 11:46 AM IST

चंडीगढ़: प्रदेश में मंत्रियों को तबादलों का अधिकार मिलने के बाद कर्मचारी पसंद की जगह पर जाने के लिए पूरा दम लगा रहे हैं. जानकारी के अनुसार कोई अधिकारी सिफारिश लेकर आ रहा है तो कोई अपने स्तर पर चंडीगढ़ स्थित सचिवालय में मंत्रियों के ऑफिस पहुंच रहे हैं.

नीति तैयार ना करने के बाद दिया आदेश
बीजेपी-जेजेपी सरकार की ओर से प्रदेश के सभी सरकारी विभागों को ऑनलाइन तबादला नीति तैयार करने का आदेश मिला था. लेकिन प्रदेश के अंदर 2 दर्जन से ज्यादा ऐसे विभाग हैं जिन्होंने सरकार को संबंधी नीति प्रदान नहीं की है.

जिसके बाद सीएम खट्टर ने सख्त कदम उठाते हुए सरकार में मंत्रियों को अधिकारियों व कर्मचारियों का तबादले करने की शक्ति प्रदान की थी. मंत्री द्वारा संबंधित विभागों के द्वितीय श्रेणी, तृतीय श्रेणी, चतुर्थ श्रेणी के अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले कर सकते हैं.

1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक मिला अधिकार
बीजेपी-जेजेपी सरकार ने अपने मंत्रियों को 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक तबादले करने का अधिकार दिया है. वहीं जैसे-जैसे अंमित तारीख पास आ रही है, वैसे-वैसे सचिवालय में अधिकारियों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है.

जितने विभाग, उतनी भीड़
जानकारी के अनुसार प्रदेश में करीब 3.50 लाख अधिकारी व कर्मचारी हैं. वहीं मंत्रियों के करीबियों का कहना है कि अधिकारी व कर्मचारी अपने घर के पास के क्षेत्रों में अपने तबादला करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. ऐसे में जिस मंत्री के पास जितने विभाग हैं, उसके पास उतनी ही ज्यादा भीड़ लगी हुई है.

'सिफारिश लाओ घर के पास भेज दूंगा'
सूत्रों की माने तो बढ़ती भीड़ के बाद अब मंत्रियों ने अधिकारियों व कर्मचारियों को नसीहत देना शुरू कर दिया है कि वे अपने इलाके के विधायकों, पूर्व मंत्री व पूर्व विधायकों की सिफारिश लाएं. जिसके बाद उनका तबादला आसपास के क्षेत्र में हो सकता है. कई विधायक तो खुद चहेते कर्मचारियों की सिफारिश लेकर मंत्रियों के पास पहुंच रहे हैं.

ये भी पढ़ें:भारतीय सेना में शामिल होने का है जज्बा तो हो जाएं तैयार, 12 नवंबर से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया

चंडीगढ़: प्रदेश में मंत्रियों को तबादलों का अधिकार मिलने के बाद कर्मचारी पसंद की जगह पर जाने के लिए पूरा दम लगा रहे हैं. जानकारी के अनुसार कोई अधिकारी सिफारिश लेकर आ रहा है तो कोई अपने स्तर पर चंडीगढ़ स्थित सचिवालय में मंत्रियों के ऑफिस पहुंच रहे हैं.

नीति तैयार ना करने के बाद दिया आदेश
बीजेपी-जेजेपी सरकार की ओर से प्रदेश के सभी सरकारी विभागों को ऑनलाइन तबादला नीति तैयार करने का आदेश मिला था. लेकिन प्रदेश के अंदर 2 दर्जन से ज्यादा ऐसे विभाग हैं जिन्होंने सरकार को संबंधी नीति प्रदान नहीं की है.

जिसके बाद सीएम खट्टर ने सख्त कदम उठाते हुए सरकार में मंत्रियों को अधिकारियों व कर्मचारियों का तबादले करने की शक्ति प्रदान की थी. मंत्री द्वारा संबंधित विभागों के द्वितीय श्रेणी, तृतीय श्रेणी, चतुर्थ श्रेणी के अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले कर सकते हैं.

1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक मिला अधिकार
बीजेपी-जेजेपी सरकार ने अपने मंत्रियों को 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक तबादले करने का अधिकार दिया है. वहीं जैसे-जैसे अंमित तारीख पास आ रही है, वैसे-वैसे सचिवालय में अधिकारियों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है.

जितने विभाग, उतनी भीड़
जानकारी के अनुसार प्रदेश में करीब 3.50 लाख अधिकारी व कर्मचारी हैं. वहीं मंत्रियों के करीबियों का कहना है कि अधिकारी व कर्मचारी अपने घर के पास के क्षेत्रों में अपने तबादला करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. ऐसे में जिस मंत्री के पास जितने विभाग हैं, उसके पास उतनी ही ज्यादा भीड़ लगी हुई है.

'सिफारिश लाओ घर के पास भेज दूंगा'
सूत्रों की माने तो बढ़ती भीड़ के बाद अब मंत्रियों ने अधिकारियों व कर्मचारियों को नसीहत देना शुरू कर दिया है कि वे अपने इलाके के विधायकों, पूर्व मंत्री व पूर्व विधायकों की सिफारिश लाएं. जिसके बाद उनका तबादला आसपास के क्षेत्र में हो सकता है. कई विधायक तो खुद चहेते कर्मचारियों की सिफारिश लेकर मंत्रियों के पास पहुंच रहे हैं.

ये भी पढ़ें:भारतीय सेना में शामिल होने का है जज्बा तो हो जाएं तैयार, 12 नवंबर से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया

Intro:Body:

             
  • अब विधायकों और पूर्व मंत्रियों की मांगने लगे सिफारिशी चिट्‌ठी

  •          
  • मंत्री कर सकते हैं क्लास-2, 3, 4 कैटेगिरी के कर्मचारियों का तबादला

  •          
  • प्रदेश में करीब 3.50 लाख रेगुलर कर्मचारी, घर के नजदीक जाने के लिए काफी लगा रहे चंडीगढ़ की दौड़



चंडीगढ़. मंत्रियों काे तबादलों का अधिकार मिलने के बाद कर्मचारी अब पसंद के स्थान पर जाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। कोई सिफारिश लेकर तो कोई खुद अपने स्तर पर हरियाणा सचिवालय में मंत्रियों के दरबार में पहुंच रहा है। मंत्रियों को 15 दिसंबर तक तबादलों का अधिकार दिया हुआ है। ऐसे में जैसे-जैसे आखिरी तारीख करीब आ रही है, वैसे-वैसे सचिवालय में भीड़ उमड़ रही है।





हाल यह है कि मंत्रियों को देर शाम तक कार्यालयों में बैठना पड़ रहा है। जिस मंत्री के पास ज्यादा विभाग हैं, उनके कार्यालयों में कर्मचारी ज्यादा पहुंच रहे हैं। प्रदेश में करीब 3.50 लाख रेगुलर कर्मचारी हैं, जिनमें अनेक अपने घर के करीब जाना चाहते हैं।



बढ़ती भीड़ के बाद अब मंत्रियों ने यह नसीहत देना शुरू कर दिया है कि वे अपने इलाके के विधायकों, पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों की सिफारिश लाएं। इससे लोकल नेताओं का भी रसूख बना रहेगा। कई विधायक तो खुद चहेते कर्मचारियों की सिफारिश लेकर मंत्रियों के पास पहुंच रहे हैं। बता दें कि मंत्रियों को क्लास-2 से 4 तक कर्मचारियों के तबादले के अधिकार दिए गए हैं।





चौथी पर कम, पांचवीं व आठवीं मंजिल फुल 



हरियाणा सचिवालय में चौथी मंजिल पर लोगों की भीड़ कम है। इस मंजिल पर मुख्यमंत्री का कार्यालय है, जबकि इससे ऊपर पांचवीं मंजिल पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का ऑफिस है, जिस पर खूब भीड़ लग रही है। सबसे ज्यादा भीड़ 8वीं मंजिल पर गृह मंत्री अनिल विज और कंवर पाल गुर्जर के कार्यालय में लग रही है, क्योंकि इनके पास अन्य मंत्रियों की अपेक्षा ज्यादा महकमे हैं। इसी मंजिल पर 8 मंत्रियों के कार्यालय हैं।





ऐसा भी... विधायकों की सलाह पर ही उनके हलके में जाएंगे मंत्री

मंत्रियों से दूसरे इलाकों से आने वाले लोगों का मिलना-जुलना भी चल रहा है। अनेक संगठन उन्हें अपने इलाके में अभिनंदन के लिए बुला रहे हैं, लेकिन मंत्री कह रहे हैं कि पहले लोकल विधायक की सहमति लेंगे, तभी दूसरे हलके में जाएंगे। हालांकि कई ऐसे राजकीय कार्य हैं, जिनको लेकर मंत्री बिना सहमति के जाएंगे। किसी तरह के अभिनंदन आदि के लिए वे लोकल विधायक से बात कर ही जाएंगे। लोग मंत्रियों से कार्यक्रम लेने के लिए सीधे आने लगे हैं। गौरतलब है कि कई इलाकों में लोग गुटबाजी के चलते विभिन्न संगठनों के लोग मंत्रियों को बुलाकर विधायकों की अनदेखी करते हैं।





जजपा नेता भी आ रहे सिफारिश लेकर

प्रदेश में इस बार गठबंधन सरकार है। इसलिए भाजपा के साथ जजपा के नेता भी अपने चहेते कर्मचारियों की सिफारिश लेकर पहुंच रहे हैं। ऐसे में तबादला कराने वालों की सूची लंबी होने वाली है। इसके अलावा निर्दलीय विधायकों को चेयरमैनी मिली है, इसलिए वे भी अपनी पावर का इस्तेमाल कर कम से कम अपने इलाके के कर्मचारियों को तबादला कराकर वोट बैंक बढ़ाने की जुगत में है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.