चंडीगढ़: इस कोरोना काल के बीच ही बिहार विधानसभा के 243 सीटों के साथ देश के 65 विधानसभाओं में उपचुनाव होने वाले हैं. हालांकि कोरोना संक्रमण के इस दौर में ढिलाई नहीं कर सकते, लेकिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव का होना भी बेहद जरूरी है. ऐसे में चुनाव आयोग ने पूरी चुनाव प्रक्रिया के लिए विशेष गाइडलाइन की घोषणा की है. तो चलिए जानते हैं कि इस बार जब वोटर अपने वोट का इस्तेमाल करने के लिए घर से निकलेंगे, तो उन्हें किन नियमों का पालन करना होगा. वहीं चुनाव आयोग की तरफ से राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए क्या विशेष दिशा निर्देश दिए गए हैं.
1. पोलिंग बूथ पर वोटिंग कैसे होगी?
- एक पोलिंग बूथ पर 1500 की बजाय 1000 वोटरों को ही बुलाया जाएगा.
- वोटिंग से एक दिन पहले पोलिंग स्टेशन सैनिटाइज किया जाएगा.
- हर पोलिंग स्टेशन के एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर साबुन, पानी, सैनिटाइजर मुहैया कराया जाएगा. बूथ के अंदर भी सैनिटाइजर रखे जाएंगे.
- जो वोटर मास्क लगाकर नहीं आएंगे उनके लिए बूथ पर रिजर्व में मास्क रखे जाएंगे.
- हर बूथ के एंट्री प्वाइंट पर थर्मल स्कैनर लगाया जाएगा. हर वोटर की एंट्री प्वाइंट पर ही थर्मल चेकिंग होगी.
2. वोट डालने जाते समय टेम्परेचर ज्यादा निकला तो क्या होगा?
- अगर किसी वोटर का पहली रीडिंग में टेम्परेचर तय पैमानों से ऊपर आता है तो दोबारा उसका टेम्परेचर लिया जाएगा. दूसरी बार भी यह ज्यादा निकले तो वोटर को टोकन/सर्टिफिकेट दिया जाएगा और उसे वोटिंग के आखिरी घंटे में बूथ पर आने को कहा जाएगा. वोटिंग के आखिरी घंटे में ऐसे वोटरों को वोट डालने दिया जाएगा.
- ज्यादा टेम्परेचर वाले वोटरों को फर्स्ट कम, फर्स्ट बेसिस के आधार पर टोकन दिया जाएगा, ताकि उन्हें लाइन में न लगना पड़े. टोकन देने के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी.
- अगर पोलिंग एजेंट या काउंटिंग एजेंट का टेम्परेचर भी ज्यादा पाया गया तो चुनाव अधिकारी उसके रिलीवर को बूथ पर आने की इजाजत दे सकेंगे.
3. अगर कोरोना पॉजिटिव हैं तो क्या वोट दे सकेंगे?
- क्वॉरंटाइन किए गए कोरोना के मरीज भी वोटिंग के आखिरी घंटे में स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में वोट डालने जा सकेंगे. कोरोना मरीजों के वोटिंग की प्रक्रिया को संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट कोऑर्डिनेट करेंगे.
- जो वोटर कंटेनमेंट जोन में रह रहे हैं, वे वोट देने कैसे पहुंचेंगे, इसके लिए अलग से गाइडलाइन जारी की जाएगी.
- कोरोना पॉजिटिव, कोरोना संदिग्ध या क्वॉरंटाइन किए गए लोग पोस्टल बैलट से भी वोट डाल सकेंगे.
4. पोलिंग बूथ पर और क्या व्यवस्थाएं होंगी?
- वोटरों की सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दो गज यानी 6-6 फीट की दूरी पर 15 से 20 सर्कल बनाए जाएंगे. वोटरों के लिए तीन कतारें होंगी. पहली पुरुषों के लिए, दूसरी महिलाओं के लिए और तीसरी दिव्यांग और सीनियर सिटिजन के लिए होगी.
- पहचान के लिए जरूरी हुआ तो वोटर से मास्क नीचे करने को कहा जाएगा.
- हर चुनाव अफसर के सामने एक बार में सिर्फ एक वोटर जा सकेगा. हर वोटर को रजिस्टर पर साइन करने और ईवीएम का बटन दबाने के लिए ग्लव्स दिए जाएंगे.
- हर चुनाव अधिकारी को मास्क, सैनिटाइजर, फेस शील्ड और ग्लव्स दिए जाएंगे.
5. पोस्टल बैलट के जरिए मतदान कौन कर सकेगा?
- कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग इस बार बैलट पेपर का भी इस्तेमाल करेगी. इस बैलट का प्रयोग, दिव्यांग, 80 साल से ज्यादा उम्र के लोग, जरूरी सेवाओं में शामिल लोग, कोरोना पॉजिटिव/कोरोना संदिग्ध/घर या बाहर क्वारैंटाइन किए गए लोग इस्तेमाल करेंगे.
7. वोटों की गिनती कैसे होगी?
- काउंटिंग हॉल में 7 से ज्यादा काउंटिंग टेबल की इजाजत नहीं दी जाएगी. ऐसे में रिटर्निंग अफसर एक निर्वाचन क्षेत्र के लिए पड़े वोटों की गिनती 3-4 हॉल में करवा सकते हैं.
- कंट्रोल यूनिट/वीवीपैट को काउंटिंग टेबल पर रखने से पहले सैनिटाइज किया जाना जरूरी है. वीवीपैट से सील हटाने का काम और कंट्रोल यूनिट पर रिजल्ट दिखाने का काम एक टेबल पर एक अधिकारी करेगा.
- कंट्रोल यूनिट पर दिखाया जाने वाला रिजल्ट बड़े स्क्रीन पर भी डिस्प्ले किया जा सकता है ताकि काउंटिंग हॉल में बड़ी संख्या में काउंटिंग एजेंट जमा ना हो सकें.
पूरे देश में होने वाले चुनाव और उपचुनाव 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को तीन चरणों में होंगे. वहीं 10 नवंबर को नतीजे की घोषणा होगी. ऐसे में ईटीवी भारत भी मतदाताओं से अपील करता है कि अपने मत का प्रयोग जरूर करें. सही उम्मीदवार को चुनें, लेकिन कोरोना गाइडलाइन्स के साथ, सावधान रहें-स्वस्थ रहें.
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