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सावधान...बहरा कर सकता है कोरोना का ये नया स्ट्रेन, मरीज इस जानलेवा बीमारी के भी हो रहे शिकार

(corona virus new delta strain) कोरोना का नया स्ट्रेन डेल्टा सबसे घातक साबित हो रहा है. इस स्ट्रेन की वजह से मरीज गैंग्रीन और सुनने की शक्ति खो रहे हैं.

corona virus new delta strain
सावधान... बहरा कर सकता है कोरोना का ये नया स्ट्रेन, मरीज इस जानलेवा बीमारी के भी हो रहे शिकार
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Published : Jun 10, 2021, 8:20 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना वायरस के नए-नए स्ट्रेन सामने आ रहे हैं, जो लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहे हैं. यूएस की नई स्टडी ( US Corona new study) के मुताबिक कोरोना का नया स्ट्रेन जो की डेल्टा स्ट्रेन (corona virus new delta strain) है, लोगों को बहरा कर रहा है.

स्टडी के मुताबिक ऐसे कई लोग हैं जो बहरेपन का शिकार हो रहे हैं, जबकि ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें लोगों को गैंग्रीन (Gangrene) हो रहा है. डेल्टा स्ट्रेन से संक्रमित कोरोना के मरीजों में सुनने की क्षमता का कमजोर होना, पेट की गड़बड़ी, गैंग्रीन जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं. अब तक ये लक्षण आमतौर पर कोरोना के मरीजों में नहीं देखे जा रहे थे.

बहरा कर सकता है कोरोना का ये नया स्ट्रेन, मरीज इस जानलेवा बीमारी के भी हो रहे शिकार

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कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूलों पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर सोनू गोयल से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि कोरोना के स्ट्रेन को अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा नाम दिया गया है. इन चारों स्ट्रेन में सबसे ज्यादा खतरनाक डेल्टा स्ट्रेन है. भारत में भी सबसे ज्यादा मौतें इसी स्ट्रेन की वजह से हुई हैं. जिन लोगों में बहरेपन की शिकायत आ रही है वो लोग भी इसी स्ट्रेन का शिकार हुए हैं, क्योंकि ये स्ट्रेन लोगों के दिल, फेफड़ों के साथ-साथ सुनने की क्षमता पर भी असर डाल रहा है.

प्रोफेसर सोनू गोयल के मुताबिक ऐसे कई ममले सामने आए हैं जिनमें लोगों को कानों में झनझनाहट या हल्का बहरापन हुआ है. ये इसी वायरस के कारण हो रहा है. हालांकि ऐसा भारत में अभी कोई मामला सामने नहीं आया है, जिसमें किसी व्यक्ति को स्थाई बहरापन हुआ हो, क्योंकि हल्का सा बहरापन और कानों में होने वाली झनझनाहट ठीक हो जाती है.

ये भी पढ़िए: 58 लाख बच्चों के लिए 450 बेड और 92 चाइल्ड स्पेशलिस्ट, ऐसे करेंगे तीसरी लहर का सामना ?

उन्होंने बताया कि कोरोना के डेल्टा स्ट्रेन से मरीजों को गैंग्रीन भी हो रहा है. यहां पर बता दें कि गैंग्रीन एक खास तरह की बीमारी है, जिसमें शरीर के कुछ खास हिस्सों में टिश्यूज यानी ऊतक नष्ट होने लगते हैं. इस कारण वहां घाव बन जाता है, जो लगातार फैलता जाता है. अगर वक्त रहते इस समस्या का इलाज ना किया जाए स्थिति बहुत अधिक भयावह हो सकती है.

ये भी पढ़िए: गुरुग्राम में कोरोना के घटते मामलों के चलते अस्पतालों में घटाई गई आरक्षित बेड की संख्या

प्रोफेसर सोनू गोयल ने कहा कि गैंग्रीन होने का कारण ये है कि कोरोना वायरस शरीर में खून के थक्के बना रहा है. अगर खून का थक्का किसी नस को ब्लॉक कर देता है तो उस नस में खून की सप्लाई रुक जाएगी और शरीर के उस हिस्से में खून की सप्लाई न होने की वजह से गैंग्रीन हो जाएगा. कई ऐसे मामले देखे गए हैं जिनमें व्यक्ति की फूड पाइप में गैंग्रीन हुआ हो. ये भी खून की सप्लाई रुकने की वजह से ही हुआ है.

चंडीगढ़: कोरोना वायरस के नए-नए स्ट्रेन सामने आ रहे हैं, जो लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहे हैं. यूएस की नई स्टडी ( US Corona new study) के मुताबिक कोरोना का नया स्ट्रेन जो की डेल्टा स्ट्रेन (corona virus new delta strain) है, लोगों को बहरा कर रहा है.

स्टडी के मुताबिक ऐसे कई लोग हैं जो बहरेपन का शिकार हो रहे हैं, जबकि ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें लोगों को गैंग्रीन (Gangrene) हो रहा है. डेल्टा स्ट्रेन से संक्रमित कोरोना के मरीजों में सुनने की क्षमता का कमजोर होना, पेट की गड़बड़ी, गैंग्रीन जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं. अब तक ये लक्षण आमतौर पर कोरोना के मरीजों में नहीं देखे जा रहे थे.

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कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूलों पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर सोनू गोयल से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि कोरोना के स्ट्रेन को अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा नाम दिया गया है. इन चारों स्ट्रेन में सबसे ज्यादा खतरनाक डेल्टा स्ट्रेन है. भारत में भी सबसे ज्यादा मौतें इसी स्ट्रेन की वजह से हुई हैं. जिन लोगों में बहरेपन की शिकायत आ रही है वो लोग भी इसी स्ट्रेन का शिकार हुए हैं, क्योंकि ये स्ट्रेन लोगों के दिल, फेफड़ों के साथ-साथ सुनने की क्षमता पर भी असर डाल रहा है.

प्रोफेसर सोनू गोयल के मुताबिक ऐसे कई ममले सामने आए हैं जिनमें लोगों को कानों में झनझनाहट या हल्का बहरापन हुआ है. ये इसी वायरस के कारण हो रहा है. हालांकि ऐसा भारत में अभी कोई मामला सामने नहीं आया है, जिसमें किसी व्यक्ति को स्थाई बहरापन हुआ हो, क्योंकि हल्का सा बहरापन और कानों में होने वाली झनझनाहट ठीक हो जाती है.

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उन्होंने बताया कि कोरोना के डेल्टा स्ट्रेन से मरीजों को गैंग्रीन भी हो रहा है. यहां पर बता दें कि गैंग्रीन एक खास तरह की बीमारी है, जिसमें शरीर के कुछ खास हिस्सों में टिश्यूज यानी ऊतक नष्ट होने लगते हैं. इस कारण वहां घाव बन जाता है, जो लगातार फैलता जाता है. अगर वक्त रहते इस समस्या का इलाज ना किया जाए स्थिति बहुत अधिक भयावह हो सकती है.

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प्रोफेसर सोनू गोयल ने कहा कि गैंग्रीन होने का कारण ये है कि कोरोना वायरस शरीर में खून के थक्के बना रहा है. अगर खून का थक्का किसी नस को ब्लॉक कर देता है तो उस नस में खून की सप्लाई रुक जाएगी और शरीर के उस हिस्से में खून की सप्लाई न होने की वजह से गैंग्रीन हो जाएगा. कई ऐसे मामले देखे गए हैं जिनमें व्यक्ति की फूड पाइप में गैंग्रीन हुआ हो. ये भी खून की सप्लाई रुकने की वजह से ही हुआ है.

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