चंडीगढ़: आगामी चुनाव को देखते हुए आज दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस की अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ-साथ राहुल गांधी भी शामिल होंगे. इसके साथ ही हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा, वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय यादव, किरण चौधरी के साथ-साथ तमाम पार्टी के विधायक और नेता इस बैठक में मौजूद रहेंगे.
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दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस की बैठक दोपहर बाद 3:00 बजे से होगी. इस बैठक में खास तौर पर लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति तैयार की जाएगी. 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था. जिसे देखते हुए लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी बेहतर रणनीति के साथ सभी 10 की 10 सीटों पर मजबूती के साथ चुनाव लड़ने को लेकर रणनीति बनाने वाली है.
भले ही कांग्रेस पार्टी हरियाणा में सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीतने के लिए रणनीति दिल्ली में बैठकर बनाने की तैयारी कर रही है. लेकिन, उसके लिए हरियाणा में सबसे बड़ी चुनौती करीब एक दशक से संगठन का ना बन पाना बनी हुई है. माना जा रहा है कि, इस बैठक में इसको लेकर भी पार्टी नेताओं के बीच चर्चा हो सकती है. साथ ही पार्टी संगठन जल्द का ऐलान भी कर सकती है.
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हरियाणा में कांग्रेस पार्टी का संगठन नहीं बन पाने की वजह से न सिर्फ 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. बल्कि, 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा था. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कई बार यह बयान दे चुके हैं कि, उन्होंने संगठन की सूची हाईकमान को दे दी है और अब हाईकमान को अंतिम फैसला करना है.
बता दें कि, कांग्रेस पार्टी जहां लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी रणनीति बनाने की तैयारी में जुटी है. वहीं, हरियाणा में पार्टी के सामने संगठन के बाद जो सबसे बड़ी चुनौती है, वह है पार्टी के अंदर की गुटबाजी. संभावना जताई जा रही है कि, दिल्ली में होने वाली इस बैठक में पार्टी की गुटबाजी को लेकर भी चर्चा हो सकती है. पार्टी के नेताओं को हाईकमान गुटबाजी खत्म करने के लिए भी कोई निर्देश दे सकता है. इसके साथ ही पार्टी की कोशिश रहेगी कि, लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी के तमाम धड़ों को एक मंच पर लाया जाए. इसके अलावा ऐसे उम्मीदवारों को लेकर भी बातचीत हो सकती है, जो लोकसभा चुनाव में हरियाणा में बीजेपी के उम्मीदवारों को हराने में सक्षम हों.
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