चंडीगढ़: केंद्र की तरफ से पारित किसानों से संबंधित बिलों ने हरियाणा में गुटों में बंटी कांग्रेस को एकजुट कर दिया है. अलग-अलग दिशाओं में चलने वाले पार्टी के दिग्गज नेता शनिवार को ना केवल एक मंच पर बैठे नजर आये, बल्कि भाजपा सरकार से खिलाफ मिल कर लड़ाई लड़ने का ऐलान भी किया. किसानों के हक में लड़ाई अगर लंबी भी चली तो कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी.
किसानों के आंदोलन को अपना पूरा समर्थन देते हुए कांग्रेस पार्टी ने इन बिलों के खिलाफ 28 सितंबर को हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को ज्ञापन देने का फैसला किया है. 2 अक्टूबर को पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और 10 अक्टूबर को एक बड़ा सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा. कांग्रेस इस बात पर जोर दे रही है कि केंद्र सरकार एक और अध्यादेश लाये, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम खरीद करने पर दंड का प्रावधान हो.
मंच पर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा, विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और सचिव आशीष दुआ मौजूद थे. पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने एक-दूसरे का समर्थन करते हुए जिस तरह से अपनी बातें रखीं हैं, उससे लगता है कि कृषि बिलों पर किसानों की नाराजगी ने कांग्रेस को एकजुट कर दिया है. उन्हें उम्मीद बंधने लगी है कि किसानों के लिए आंदोलन के जरिए पार्टी हरियाणा में अपनी खोई हुई जमीन फिर से हसिल कर सकती है.
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