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तीनों सेनाओं में अपनी सेवाएं देने वाले इकलौते जवान कर्नल पृथीपाल सिंह ने मनाया 100वां जन्मदिन - prithipal singh royal indian airforce

कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह 11 दिसंबर को अपना 100वां जन्मदिन मना रहे हैं. वो इकलौते योद्धा हैं, जिन्होंने सेना के तीनों अंगों- थल सेना, नौसेना और वायु सेना में अपनी सेवाएं दी हैं. 100 वसंत देखने के बाद भी कर्नल (रिटा.) पृथीपाल का जोश कम नहीं हुआ है. पूरा देश उनके जज्बे को सलाम करता है.

colonel retired prithipal singh
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Published : Dec 11, 2020, 6:42 PM IST

Updated : Dec 11, 2020, 7:18 PM IST

चंडीगढ़: कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह गिल भारतीय सेना के एक ऐसा योद्धा हैं जिन्होंने ना सिर्फ जंग के मैदान में अपने जौहर दिखाए बल्कि वो देश के एकमात्र ऐसे सिपाही हैं जिन्होंने सेना के तीनों अंग थल सेना, नौसेना और वायू सेना में रहकर देश की रक्षा की है. दुसरे विश्व युध्द समेत कई जंग लड़ चुके पृथीपाल सिंह गिल 11 दिसंबर को अपना 100वां जन्मदिन मना रहे हैं.

colonel retired prithipal singh
कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह

कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वो अपने परिवार से बिना पूछे ही अंग्रेजी हुकूमत में रॉयल इंडियन एयरफोर्स में भर्ती हो गए थे. इसके बाद उन्हें कराची में पायलट अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया था. उम्र के 100वें पड़ाव पर खड़े दूसरे विश्‍व युद्ध के इस वेटरन का जज्‍बा आज भी वैसा ही है, जैसा 1942 में रॉयल इंडियन एयरफोर्स में बतौर कैडेट ज्वाइन करते समय था.

colonel retired prithipal singh
कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह ने मनाया 100वां जन्मदिन.

पिता के डर से छोड़ी एयरफोर्स

पिता को डर ना होता तो शायद एयरफोर्स में ही रहते. मगर किस्‍मत को तो उनके नाम कुछ खास करना था. एयरफोर्स से नेवी में गए और फिर वहां से आर्मी में. जब रिटायर हुए तो देश के इकलौते ऐसे अधिकारी बन चुके थे जिन्होंने सेना के तीनों अंगों- थल सेना, नौसेना और वायु सेना में अपनी सेवाएं दी हों. 1965 का भारत-पाक युद्ध हो या जम्‍मू-कश्‍मीर और पंजाब के बॉर्डर, कर्नल (रिटा.) पृथीपाल ने सब देखा है. पूर्वोत्‍तर के पहाड़ी जंगलों में भी उनके कई साल गुजरे हैं.

colonel retired prithipal singh
कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह ने मनाया 100वां जन्मदिन.

पृथीपाल सिंह गिल ने अंग्रेजों की रॉयल इंडियन एयरफोर्स में बतौर पायलट अपने सैन्‍य जीवन की शुरुआत की थी. कराची में फ्लाइट कैडेट थे. वहां साल भर से ज्‍यादा ही गुजरे थे कि पिता के डर से वापस लौटना पड़ा. पिता को लगता था कि सिंह एयर क्रैश में मारे जाएंगे. उनके पिता भी सेना में कैप्‍टन रह चुके थे.

हर महत्वपूर्ण जंग का हिस्सा बने पृथीपाल सिंह

आसमान से रिश्‍ता टूटा तो सिंह ने नौसेना का दामन थाम लिया. सिर्फ 23 साल की उम्र में भारतीय नौसेना का हिस्‍सा बन गए और 1943 से 1948 तक रहे. फिर एक सरकारी एजेंसी के साथ जुड़ाव रहा. वापस लौटे तो अप्रैल 1951 में भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट का हिस्‍सा बने. 1965 में जब भारत और पाकिस्‍तान में जंग छिड़ी तो सिंह थल सेना में गनर ऑफिसर थे. मणिपुर में असम राइफल्‍स के सेक्‍टर कमांडर पद से रिटायर हुए. उन्‍होंने कर्नल की रैंक तक पहुंचने के बाद 1970 में रिटायरमेंट ले लिया थाय

colonel retired prithipal singh
कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह ने मनाया 100वां जन्मदिन.

कर्नल पृथीपाल 1965 की जंग में 71 मीडियम रेजिमेंट का नेतृत्‍व कर रहे थे. तब जंग के समय पाकिस्‍तानियों ने उनकी एक गन की बैटरियां चुरा ली थीं, लेकिन वो उनके पीछे गए और उन्‍हें वापस लेकर आए. कर्नल मानते हैं कि एक गनर के लिए उसकी गन सबसे पवित्र होती है, उसे छोड़ा नहीं जा सकता.

सैम मानेकशॉ और पृथीपाल सिंह की दोस्ती

कर्नल पृथीपाल को फील्‍ड मार्शल सैम मानेकशॉ के साथ गुजारा वक्‍त बड़े अच्‍छे से याद है. तब वो इम्‍फाल में सेक्‍टर कमांडर हुआ करते थे और वहीं पर सैम से उनकी मुलाकात हुई थी. दोनों साथ में शिकार पर जाते थे. 100 वसंत देखने के बाद भी कर्नल पृथीपाल का जोश कम नहीं हुआ है. पूरा देश उनके जज्बे को सलाम करता है.

colonel retired prithipal singh
कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह ने मनाया 100वां जन्मदिन.

ये भी पढे़ं- PMAY से नूंह के ग्रामीणों को मिल रहा सपनों का 'आशियाना', अबतक 3300 मकान हुए पक्के

चंडीगढ़: कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह गिल भारतीय सेना के एक ऐसा योद्धा हैं जिन्होंने ना सिर्फ जंग के मैदान में अपने जौहर दिखाए बल्कि वो देश के एकमात्र ऐसे सिपाही हैं जिन्होंने सेना के तीनों अंग थल सेना, नौसेना और वायू सेना में रहकर देश की रक्षा की है. दुसरे विश्व युध्द समेत कई जंग लड़ चुके पृथीपाल सिंह गिल 11 दिसंबर को अपना 100वां जन्मदिन मना रहे हैं.

colonel retired prithipal singh
कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह

कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वो अपने परिवार से बिना पूछे ही अंग्रेजी हुकूमत में रॉयल इंडियन एयरफोर्स में भर्ती हो गए थे. इसके बाद उन्हें कराची में पायलट अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया था. उम्र के 100वें पड़ाव पर खड़े दूसरे विश्‍व युद्ध के इस वेटरन का जज्‍बा आज भी वैसा ही है, जैसा 1942 में रॉयल इंडियन एयरफोर्स में बतौर कैडेट ज्वाइन करते समय था.

colonel retired prithipal singh
कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह ने मनाया 100वां जन्मदिन.

पिता के डर से छोड़ी एयरफोर्स

पिता को डर ना होता तो शायद एयरफोर्स में ही रहते. मगर किस्‍मत को तो उनके नाम कुछ खास करना था. एयरफोर्स से नेवी में गए और फिर वहां से आर्मी में. जब रिटायर हुए तो देश के इकलौते ऐसे अधिकारी बन चुके थे जिन्होंने सेना के तीनों अंगों- थल सेना, नौसेना और वायु सेना में अपनी सेवाएं दी हों. 1965 का भारत-पाक युद्ध हो या जम्‍मू-कश्‍मीर और पंजाब के बॉर्डर, कर्नल (रिटा.) पृथीपाल ने सब देखा है. पूर्वोत्‍तर के पहाड़ी जंगलों में भी उनके कई साल गुजरे हैं.

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कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह ने मनाया 100वां जन्मदिन.

पृथीपाल सिंह गिल ने अंग्रेजों की रॉयल इंडियन एयरफोर्स में बतौर पायलट अपने सैन्‍य जीवन की शुरुआत की थी. कराची में फ्लाइट कैडेट थे. वहां साल भर से ज्‍यादा ही गुजरे थे कि पिता के डर से वापस लौटना पड़ा. पिता को लगता था कि सिंह एयर क्रैश में मारे जाएंगे. उनके पिता भी सेना में कैप्‍टन रह चुके थे.

हर महत्वपूर्ण जंग का हिस्सा बने पृथीपाल सिंह

आसमान से रिश्‍ता टूटा तो सिंह ने नौसेना का दामन थाम लिया. सिर्फ 23 साल की उम्र में भारतीय नौसेना का हिस्‍सा बन गए और 1943 से 1948 तक रहे. फिर एक सरकारी एजेंसी के साथ जुड़ाव रहा. वापस लौटे तो अप्रैल 1951 में भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट का हिस्‍सा बने. 1965 में जब भारत और पाकिस्‍तान में जंग छिड़ी तो सिंह थल सेना में गनर ऑफिसर थे. मणिपुर में असम राइफल्‍स के सेक्‍टर कमांडर पद से रिटायर हुए. उन्‍होंने कर्नल की रैंक तक पहुंचने के बाद 1970 में रिटायरमेंट ले लिया थाय

colonel retired prithipal singh
कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह ने मनाया 100वां जन्मदिन.

कर्नल पृथीपाल 1965 की जंग में 71 मीडियम रेजिमेंट का नेतृत्‍व कर रहे थे. तब जंग के समय पाकिस्‍तानियों ने उनकी एक गन की बैटरियां चुरा ली थीं, लेकिन वो उनके पीछे गए और उन्‍हें वापस लेकर आए. कर्नल मानते हैं कि एक गनर के लिए उसकी गन सबसे पवित्र होती है, उसे छोड़ा नहीं जा सकता.

सैम मानेकशॉ और पृथीपाल सिंह की दोस्ती

कर्नल पृथीपाल को फील्‍ड मार्शल सैम मानेकशॉ के साथ गुजारा वक्‍त बड़े अच्‍छे से याद है. तब वो इम्‍फाल में सेक्‍टर कमांडर हुआ करते थे और वहीं पर सैम से उनकी मुलाकात हुई थी. दोनों साथ में शिकार पर जाते थे. 100 वसंत देखने के बाद भी कर्नल पृथीपाल का जोश कम नहीं हुआ है. पूरा देश उनके जज्बे को सलाम करता है.

colonel retired prithipal singh
कर्नल (रिटा.) पृथीपाल सिंह ने मनाया 100वां जन्मदिन.

ये भी पढे़ं- PMAY से नूंह के ग्रामीणों को मिल रहा सपनों का 'आशियाना', अबतक 3300 मकान हुए पक्के

Last Updated : Dec 11, 2020, 7:18 PM IST
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