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पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाला: सीएम मनोहर लाल ने दिए जांच के आदेश

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Published : Jun 1, 2019, 2:07 PM IST

मामले में अब तक प्रदेश में करीब 250 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है.

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चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में जांच के आदेश दिए हैं. सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमाशंकर ने विजिलेंस को जांच के आदेश दिए हैं.
बता दें कि अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में फर्जी छात्रों के आधार नंबर से बैंक अकाउंट लिंक करा कर फर्जीवाड़ा किया गया था. मामले में अब तक प्रदेश में करीब 250 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है.

क्या है पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाला ?

बता दें कि सोनीपत में 3 करोड़ से ज्यादा के घोटाले का मामला पहले ही सामने आ चुका है. सोनीपत जिला कार्यालय की ओर से पहले 170 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने के लिए 1 करोड़ 71 लाख 67 हजार 800 रुपये के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए आए. फिर 182 विद्यार्थियों के लिए 1 करोड़ 81 लाख 42 हजार 700 रुपये के प्रस्ताव आए. इस राशि की मंजूरी के बाद ईपीएस बैंक ने महानिदेशक कार्यालय को सूचित किया कि स्वीकृत राशि को खातों में ट्रांसफर करने के लिए कर्मचारियों ने दूसरे आधार नंबर जोड़ते हुए हेराफेरी की है.आशंका जताई जा रही कि जिन लोगों के आधार कार्ड नए जोड़े गए हैं, वो रैकेट का एक हिस्सा हैं.

SC-BC वेलफेयर डिपार्टमेंट के महानिदेशक संजीव वर्मा ने राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी से मंजूरी लेने के बाद चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की. इस कमेटी में शामिल अमिता गोयल, सतनाम खांबरा, मोहित दत्ता और रीतू गुप्ता ने रिपोर्ट दी कि 352 मामलों में सिर्फ सात केस सही हैं. दो के नाम बदले हुए हैं. मगर उनके आधार नंबर ठीक हैं. इसके बाद प्रदेश भर में चेकिंग अभियान चलाया गया कि कहां और कितने घोटाले हुए हैं. इन सभी पर सीएम ने सख्ती दिखाते हुए जांच के आदेश दिए हैं.

चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में जांच के आदेश दिए हैं. सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमाशंकर ने विजिलेंस को जांच के आदेश दिए हैं.
बता दें कि अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में फर्जी छात्रों के आधार नंबर से बैंक अकाउंट लिंक करा कर फर्जीवाड़ा किया गया था. मामले में अब तक प्रदेश में करीब 250 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है.

क्या है पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाला ?

बता दें कि सोनीपत में 3 करोड़ से ज्यादा के घोटाले का मामला पहले ही सामने आ चुका है. सोनीपत जिला कार्यालय की ओर से पहले 170 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने के लिए 1 करोड़ 71 लाख 67 हजार 800 रुपये के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए आए. फिर 182 विद्यार्थियों के लिए 1 करोड़ 81 लाख 42 हजार 700 रुपये के प्रस्ताव आए. इस राशि की मंजूरी के बाद ईपीएस बैंक ने महानिदेशक कार्यालय को सूचित किया कि स्वीकृत राशि को खातों में ट्रांसफर करने के लिए कर्मचारियों ने दूसरे आधार नंबर जोड़ते हुए हेराफेरी की है.आशंका जताई जा रही कि जिन लोगों के आधार कार्ड नए जोड़े गए हैं, वो रैकेट का एक हिस्सा हैं.

SC-BC वेलफेयर डिपार्टमेंट के महानिदेशक संजीव वर्मा ने राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी से मंजूरी लेने के बाद चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की. इस कमेटी में शामिल अमिता गोयल, सतनाम खांबरा, मोहित दत्ता और रीतू गुप्ता ने रिपोर्ट दी कि 352 मामलों में सिर्फ सात केस सही हैं. दो के नाम बदले हुए हैं. मगर उनके आधार नंबर ठीक हैं. इसके बाद प्रदेश भर में चेकिंग अभियान चलाया गया कि कहां और कितने घोटाले हुए हैं. इन सभी पर सीएम ने सख्ती दिखाते हुए जांच के आदेश दिए हैं.

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