चंडीगढ़: गुरुवार को हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दृश्या बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक (Drishya Board of Directors meeting) की. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को दिशा निर्देश भी जारी किए. बता दें कि यह तीसरी बार था जब सीएम मनोहर ड्रोन इमेज एंड इनफार्मेशन सर्विस ऑफ हरियाणा लिमिटेड यानि दृश्या की अध्यक्षता कर रहे थे. सीएम खट्टर दृश्या के चेयरमैन (Drishya Chairman CM Khattar) भी हैं. बैठक में सीएम मनोहर ने ड्रोन से भूमि के नीचे 15 मीटर तक मैपिंग करने के लिए सेंसर की खरीद को भी कहा.
अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि (CM Manohar attend Drishya board meeting) ड्रोन फ्लाइंग के लिए जल्द से जल्द नागर विमानन महानिदेशालय, भारत सरकार से अनुमति की प्रक्रिया पूरी की जाए. उन्होंने कहा कि विमानन से जुड़े अनुभवी लोगों की सेवाएं दृश्या को लेनी चाहिए. बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि दृश्या की ओर से भिवानी के खनन क्षेत्रों डाडम व खानक में वॉल्यूमेट्रिक विश्लेषण के लिए सर्वे का कार्य किया गया.
इसमें फिक्सिंग विंग ड्रोन (एफ-90) का उपयोग कर सफलता प्रयास किया गया है. इसके अलावा बहादुरगढ़-दौलताबाद हाईटेंशन बिजली लाइन का निरीक्षण का कार्य, करनाल जिले में यमुना नदी के साथ लगते 10 गांवों के 11.55 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में जलभराव क्षेत्र के सर्वे का कार्य भी किया गया है. इतनी ही नहीं, दृश्या की ओर से फरीदाबाद के सेक्टर 15-ए व सेक्टर 75 में और हिसार जिले के राखीगढ़ी हेरिटेज क्षेत्र में भी लार्ज स्केल मैपिंग का कार्य किया गया है.
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बैठक में बताया गया कि राजस्व विभाग के अलावा शहरी स्थानीय निकाय, बिजली, आपदा प्रबंधन, खनन, वन, यातायात, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, कृषि जैसे अन्य विभागों में भी सर्वे के लिए ड्रोन का उपयोग सुनिश्चित किया जाए. इससे शहरी क्षेत्रों में मानचित्रण, भूमि रिकॉर्ड, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं, विकास की योजनाओं में मदद (Drone Image and Information Service of Haryana) मिलेगी.
मुख्यमंत्री की पहल से हरियाणा यूएवी संचालित गवर्नेंस एप्लीकेशन को तीव्र गति प्रदान करने के लिए एक अलग निगम बनाने वाला पहला राज्य है. दृश्या की स्थापना से राज्य में एक अनूठी शुरुआत हुई है क्योंकि अब ड्रोन की मदद से क्षेत्र के विस्तार का पता लगाने के साथ-साथ अवैध अतिक्रमणों को भी नियंत्रित किया जा सकता है. पहले समय-समय पर मैन्युअल सर्वेक्षण किए जाते थे, जिनमें ज्यादा समय लगता था और अधिक मैनपॉवर की जरूरत होती थी.