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बॉन्ड पॉलिसी में दो साल कम करने के बाद भी सहमत नहीं छात्र, प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान

बॉन्ड पॉलिसी को लेकर चंडीगढ़ में एमबीबीएस के छात्र प्रतिनिधिमंडल और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बीच बैठक हुई. बैठक के बाद सीएम मनोहर लाल (cm manohar lal on bond policy) ने कहा कि छात्रों की लगभग सभी मांगें मान ली गई हैं.

cm manohar lal on bond policy
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Published : Nov 30, 2022, 7:44 PM IST

Updated : Nov 30, 2022, 8:03 PM IST

चंडीगढ़: बॉन्ड पॉलिसी को लेकर चंडीगढ़ में एमबीबीएस के छात्र प्रतिनिधिमंडल और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बीच बैठक हुई. बैठक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा (cm manohar lal on bond policy) कि एमबीबीएस छात्रों के साथ उनकी लंबी वार्ता हुई है. उन्होंने कहा कि छात्रों की मांगों को ध्यान में रखते हुए इस पॉलिसी में कुछ बदलाव किए गए हैं. डॉक्टर्स की काम करने की समय अवधि को 7 की जगह अब पांच साल किया गया है.

इसमें पीजी का टाइम (3 साल) इंनकल्यूड कर दिया है. 40 लाख की जगह अब बॉन्ड राशि 30 लाख रुपये कर दी गई है. मनोहर लाल ने कहा कि छात्रों को सरकारी नौकरी के लिए जॉब गारंटी दी है. 1 साल के अंदर उनको कॉन्ट्रेचुवल जॉब देंगे. सीएम ने कहा कि हमने छात्रों की अधिकांश मांगों को मान लिया है. इक्का दुक्का हैं जिन्हें एतराज है. उन्होंने कहा कि हम मेडिकल छात्रों के लिए 2 साल पहले पॉलिसी लाए थे. जिसमें बॉन्ड राशि बढ़ाई और टाइम बढ़ाया गया था.

उन्होंने कहा कि ये बात ठीक है कि बॉन्ड राशि और टाइम बाकी राज्यों से ज्यादा रखा गया था. इसका विशेष कारण था कि जीतने भी डॉक्टर पढ़ते हैं, वो हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में सेवा दें. वहीं एमबीबीएस छात्रों का कहना है कि सरकार ने पॉलिसी में जो भी बदलाव किए हैं. उनसे हम सहमत नहीं हैं. छात्र कंपलसरी गवर्नमेंट सर्विस की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी हड़ताल जारी रहेगी. छात्रों ने कहा कि वीरवार को 11 बजे हमारी सभी छात्रों की बैठक होगी.

ये भी पढ़ें- क्या है मेडिकल कॉलेज में बॉन्ड पॉलिसी, जानिए क्यों मचा है हरियाणा में बवाल

बैठक में सभी बिंदुओं पर चर्चा होगी. उसके बाद ही आगे की रणनीति के बारे में फैसला किया जाएगा. अभी हड़ताल खत्म करने पर फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज जिन बिंदुओं पर अपनी बात की है. उनको हम बाकि छात्रों को बैठक में अवगत करवाएंगे. छात्रों ने कहा कि बैठक में नौकरी की बात भी नहीं हुई. सिर्फ लोन रीपेमेंट पर चर्चा हुई. जबकि छात्र कंपलसरी जॉब की गारंटी चाह रहे हैं. छात्रों को नौकरी एक समय अवधि के अंदर दी जानी चाहिए. अगर सरकार नौकरी की 1 साल की समय अवधि के अंदर नहीं दे पाती तो फिर ये बॉन्ड खत्म माना जाना चाहिए. छात्रों ने कहा कि हमारी मांग 5 साल की नहीं, बल्कि एक साल की थी.

चंडीगढ़: बॉन्ड पॉलिसी को लेकर चंडीगढ़ में एमबीबीएस के छात्र प्रतिनिधिमंडल और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बीच बैठक हुई. बैठक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा (cm manohar lal on bond policy) कि एमबीबीएस छात्रों के साथ उनकी लंबी वार्ता हुई है. उन्होंने कहा कि छात्रों की मांगों को ध्यान में रखते हुए इस पॉलिसी में कुछ बदलाव किए गए हैं. डॉक्टर्स की काम करने की समय अवधि को 7 की जगह अब पांच साल किया गया है.

इसमें पीजी का टाइम (3 साल) इंनकल्यूड कर दिया है. 40 लाख की जगह अब बॉन्ड राशि 30 लाख रुपये कर दी गई है. मनोहर लाल ने कहा कि छात्रों को सरकारी नौकरी के लिए जॉब गारंटी दी है. 1 साल के अंदर उनको कॉन्ट्रेचुवल जॉब देंगे. सीएम ने कहा कि हमने छात्रों की अधिकांश मांगों को मान लिया है. इक्का दुक्का हैं जिन्हें एतराज है. उन्होंने कहा कि हम मेडिकल छात्रों के लिए 2 साल पहले पॉलिसी लाए थे. जिसमें बॉन्ड राशि बढ़ाई और टाइम बढ़ाया गया था.

उन्होंने कहा कि ये बात ठीक है कि बॉन्ड राशि और टाइम बाकी राज्यों से ज्यादा रखा गया था. इसका विशेष कारण था कि जीतने भी डॉक्टर पढ़ते हैं, वो हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में सेवा दें. वहीं एमबीबीएस छात्रों का कहना है कि सरकार ने पॉलिसी में जो भी बदलाव किए हैं. उनसे हम सहमत नहीं हैं. छात्र कंपलसरी गवर्नमेंट सर्विस की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी हड़ताल जारी रहेगी. छात्रों ने कहा कि वीरवार को 11 बजे हमारी सभी छात्रों की बैठक होगी.

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बैठक में सभी बिंदुओं पर चर्चा होगी. उसके बाद ही आगे की रणनीति के बारे में फैसला किया जाएगा. अभी हड़ताल खत्म करने पर फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज जिन बिंदुओं पर अपनी बात की है. उनको हम बाकि छात्रों को बैठक में अवगत करवाएंगे. छात्रों ने कहा कि बैठक में नौकरी की बात भी नहीं हुई. सिर्फ लोन रीपेमेंट पर चर्चा हुई. जबकि छात्र कंपलसरी जॉब की गारंटी चाह रहे हैं. छात्रों को नौकरी एक समय अवधि के अंदर दी जानी चाहिए. अगर सरकार नौकरी की 1 साल की समय अवधि के अंदर नहीं दे पाती तो फिर ये बॉन्ड खत्म माना जाना चाहिए. छात्रों ने कहा कि हमारी मांग 5 साल की नहीं, बल्कि एक साल की थी.

Last Updated : Nov 30, 2022, 8:03 PM IST
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