चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से राज्य की भू-संपत्तियों के संबंध में की जा रही मैपिंग की परियोजना को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया के लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गिरीश कुमार के साथ समीक्षा बैठक की. इस बैठक में उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित रहे.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से राज्य की भू-संपत्तियों की हो रही मैपिंग के काम को लॉकडाउन अवधि के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर जारी दिशा-निर्देर्शों की अनुपालना में सरकार से आवश्यक अनुमति प्राप्त कर, इसे ग्रीन जोन वाले महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और झज्जर जिलों में आरम्भ करवाना सुनिश्चित करें.
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन संपत्तियों का पहले चरण का सर्वे पूरा हो गया है तथा इसके लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के साथ तालमेल कर डैश बोर्ड विकसित करवाया जाए. जिस पर वे स्वयं मैपिंग के कार्य की मॉनिटरिंग करेंगे. मुख्यमंत्री ने अलग से तत्काल निदेशक, भू-रिकॉर्ड नियुक्त करने के निर्देश भी दिए. जब तक निदेशक की नियुक्ति नहीं होती है तब तक सर्वे ऑफ इंडिया के साथ तालमेल अतिरिक्त उप-प्रधान सचिव वी. उमाशंकर करेंगे.
बैठक में मुख्यमंत्री को इस बात से भी अवगत करवाया गया कि 15 जिलों के 75 गांवों में ड्रोन का उपयोग करते हुए डाटा अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है, जबकि करनाल और सोनीपत जिलों में डाटा अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. सोनीपत में तीन गांवों, पंचकूला एवं करनाल में पांच-पांच गांवों, सिरसा एवं पानीपत में चार-चार गांवों और जिला फरीदाबाद में पांच गांवों के लिए आबादी-देह (लाल डोरा) का प्रारंभिक आधार नक्शा तैयार और मुद्रित किया जा चुका है. ये 26 गांव सात दिनों के भीतर आपत्तियां या सुझाव आमंत्रित करने और इस तरह की आपत्तियों के समाधान या निपटान के लिए तैयार हैं.
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जिला विकास और पंचायत अधिकारी को आबादी-देह क्षेत्र से संबंधित गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया जाएगा. इसके अलावा शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर शहरी क्षेत्रों के लिए दी जाने वाली आईडी की तर्ज पर ही आबादी-देह में प्रत्येक संपत्ति या भूमि को यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी. इस संबंध में विकास और पंचायत विभाग द्वारा आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं.