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किसान संकट के बीच सीएम की निर्दलीय विधायकों के साथ लंच डिप्लोमेसी, सरकार बचाने की कवायद? - haryana government mla

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को 4 निर्दलीय विधायकों के साथ लंच किया. ये लंच बिजली मंत्री और निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला के घर पर आयोजित किया गया था. लंच के बाद कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा कि सीएम के साथ हमने सिर्फ लंच किया है.

cm manohar lal ranjit chautala
cm manohar lal ranjit chautala
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Published : Jan 11, 2021, 4:11 PM IST

Updated : Jan 11, 2021, 6:32 PM IST

चंडीगढ़ः किसानों के प्रदर्शन और सुप्रीम कोर्ट की केंद्र सरकार को फटकार के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज 4 निर्दलीय विधायकों के साथ लंच किया. ये लंच बिजली मंत्री और निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला के घर पर आयोजित किया गया था. जिसमें रणजीत चौटाला के अलावा बादशाहपुर ने निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद, पर्यटन निगम के चेयरमैन और पुंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी से निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर शामिल रहे. लंच के बाद कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा कि सीएम के साथ हमने सिर्फ लंच किया है.

लंच डिप्लोमेसी के मायने ?

रणजीत चौटाला भले ही कहें कि ये केवल एक लंच था लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि ये किसान आंदोलन और आक्रोश की आंच है जिसे कम करने के लिए मुख्यमंत्री ने मोर्चा संभाला है क्योंकि केंद्र सरकार तीन नए कृषि कानूनों को लेकर अडिग है और हरियाणा सरकार की सांसे थमी हैं क्योंकि सूबे की मोनहर सरकार जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के कंधो पर चल रही है. जिनमें से दो निर्दलीय विधायक पहले ही सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान कर चुके हैं और जेजेपी के कई विधायक किसान प्रदर्शन को लेकर पहले ही अपनी नाराजगी का इजहार कर चुके हैं. जेजेपी विधायक रामकरण काला तो किसान प्रदर्शन में शामिल भी होते रहे हैं.

ये भी पढ़ें-किसानों के समर्थन में INLD विधायक अभय चौटाला ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजा इस्तीफा

सरकार को इन निर्दलीय विधायकों का समर्थन

  1. रंजीत सिंह चौटाला- रानिया (सरकार में कैबिनेट मंत्री)
  2. नयनपाल रावत- पृथला (चेयरमैन, हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन)
  3. राकेश दौलताबाद- बादशाहपुर (चेयरमैन, कृषि उद्योग निगम)
  4. धर्मपाल गोंदर- नीलोखेड़ी (चेयरमैन, हरियाणा वन विकास निगम)
  5. रणधीर सिंह गोलन- पूंडरी (चेयरमैन, हरियाणा पर्यटन निगम)

ये निर्दलीय ले चुके हैं समर्थन वापस

  • 1. बलराज कुंडू- महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू पहले ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं. सोनीपत मेयर चुनाव में अपना प्रत्याशी भी उतारा था. बीजेपी के खिलाफ लगातार काम कर रहे हैं.
  • 2. सोमबीर सांगवान- सांगवान खाफ के प्रमुख और दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान किसानों के समर्थन में हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड से इस्तीफा दे चुके हैं. उसके बाद वो सरकार से समर्थन लेने का भी ऐलान कर चुके हैं.

सरकार में 2 मंत्री पद की गुंजाइश

हरियाणा मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को मिलाकर 14 सदस्य हैं. जिनमें से दो पद भविष्य में विस्तार के लिए रखे गए हैं. मतलब अभी दो मंत्री पद दिए जा सकते हैं. लगातार विधायकों की नाराजगी के बाद मुख्यमंत्री की निर्दलीय विधायकों के साथ मीटिंग कई मायने में अहम है.

ये भी पढ़ें-हरियाणा में जो स्थिति पैदा हुई है उसके लिए सरकार जिम्मेदार: सैलजा

जेजेपी के 3 विधायक नाराज

  • किसान और कई अलग-अलग मामलों को लेकर जेजेपी के कई विधायक सरकार और अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं. टोहाना विधायक देवेंद्र सिंह बबली कई बार ये नाराजगी जाहिर कर चुके हैं की सरकार में उनकी नहीं सुनी जाती.
  • वहीं शूगर फेडरेशन के चेयरमैन और शाहबाद से जननायक जनता पार्टी के विधायक रामकरण काला किसानों के धरने में शामिल हैं. उन्होंने चेतावनी भी दी है कि 26 जनवरी तक अगर किसानों की मांगें नहीं मानी जाती तो वो इस्तीफा दे देंगे., शूगर फेडरेशन का चेयरमेन
  • जबकि नारनौंद से जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम खुले तौर पर जेजेपी को एक परिवार की पार्टी बता चुके हैं. गौतम ने निजी क्षेत्र में हरियाणा के युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण का भी विरोध किया था.

दिसंबर में 4 निर्दलीय विधायकों ने सीएम से की थी मुलाकात

इससे पहले भी दिसंबर महीने में 6 विधायकों ने मीटिंग की थी. जिनमें 5 निर्दलीय विधायक थे और एक जेजेपी विधायक थे. इसके बाद 4 निर्दलीय विधायकों ने सीएम मनोहर लाल से बैठक की थी. बैठक में निर्दलीय विधायकों ने किसान आंदोलन का हल निकालने के लिए सीएम से अपील की थी. बैठक में पृथला के विधायक नयनपाल रावत, पूंडरी के विधायक रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर और बादशाहपुर से विधायक राकेश दौलताबाद मौजूद थे.

ये भी पढ़ें-भूपेंद्र हुड्डा किसानों को भड़काने का काम ना करें, शांति हो जाएगी: सीएम मनोहर लाल

सरकार का गणित क्या है ?

हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 46 सीटें चाहिए. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 40 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी. जिसके बाद उन्हें जेजेपी के समर्थन से सरकार बनानी पड़ी जिसके 10 विधायक हैं. सरकार को 2019 में 7 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल था जिनमें से 2 ने समर्थन वापस ले लिया है. खाप पंचायतों का कहना है कि वो बाकी निर्दलीय विधायकों पर भी समर्थन वापस लेने का दबाव बनाएंगे. फिलहाल सरकार के पास गोपाल कांडा को मिलाकर 56 विधायकों का समर्थन है कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं और इनेलो का एक विधायक है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में सियासी हलचल, किसान आंदोलन पर सीएम से मिले 4 निर्दलीय विधायक

विधानसभा की मौजूदा स्थिति

बीजेपी-40

कांग्रेस- 31

जेजेपी- 10 (2 सरकार से नाराज)

निर्दलीय- 7 (5 सरकार के साथ)

हलोपा- 1

इनेलो- 1

चंडीगढ़ः किसानों के प्रदर्शन और सुप्रीम कोर्ट की केंद्र सरकार को फटकार के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज 4 निर्दलीय विधायकों के साथ लंच किया. ये लंच बिजली मंत्री और निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला के घर पर आयोजित किया गया था. जिसमें रणजीत चौटाला के अलावा बादशाहपुर ने निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद, पर्यटन निगम के चेयरमैन और पुंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी से निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर शामिल रहे. लंच के बाद कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा कि सीएम के साथ हमने सिर्फ लंच किया है.

लंच डिप्लोमेसी के मायने ?

रणजीत चौटाला भले ही कहें कि ये केवल एक लंच था लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि ये किसान आंदोलन और आक्रोश की आंच है जिसे कम करने के लिए मुख्यमंत्री ने मोर्चा संभाला है क्योंकि केंद्र सरकार तीन नए कृषि कानूनों को लेकर अडिग है और हरियाणा सरकार की सांसे थमी हैं क्योंकि सूबे की मोनहर सरकार जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के कंधो पर चल रही है. जिनमें से दो निर्दलीय विधायक पहले ही सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान कर चुके हैं और जेजेपी के कई विधायक किसान प्रदर्शन को लेकर पहले ही अपनी नाराजगी का इजहार कर चुके हैं. जेजेपी विधायक रामकरण काला तो किसान प्रदर्शन में शामिल भी होते रहे हैं.

ये भी पढ़ें-किसानों के समर्थन में INLD विधायक अभय चौटाला ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजा इस्तीफा

सरकार को इन निर्दलीय विधायकों का समर्थन

  1. रंजीत सिंह चौटाला- रानिया (सरकार में कैबिनेट मंत्री)
  2. नयनपाल रावत- पृथला (चेयरमैन, हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन)
  3. राकेश दौलताबाद- बादशाहपुर (चेयरमैन, कृषि उद्योग निगम)
  4. धर्मपाल गोंदर- नीलोखेड़ी (चेयरमैन, हरियाणा वन विकास निगम)
  5. रणधीर सिंह गोलन- पूंडरी (चेयरमैन, हरियाणा पर्यटन निगम)

ये निर्दलीय ले चुके हैं समर्थन वापस

  • 1. बलराज कुंडू- महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू पहले ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं. सोनीपत मेयर चुनाव में अपना प्रत्याशी भी उतारा था. बीजेपी के खिलाफ लगातार काम कर रहे हैं.
  • 2. सोमबीर सांगवान- सांगवान खाफ के प्रमुख और दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान किसानों के समर्थन में हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड से इस्तीफा दे चुके हैं. उसके बाद वो सरकार से समर्थन लेने का भी ऐलान कर चुके हैं.

सरकार में 2 मंत्री पद की गुंजाइश

हरियाणा मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को मिलाकर 14 सदस्य हैं. जिनमें से दो पद भविष्य में विस्तार के लिए रखे गए हैं. मतलब अभी दो मंत्री पद दिए जा सकते हैं. लगातार विधायकों की नाराजगी के बाद मुख्यमंत्री की निर्दलीय विधायकों के साथ मीटिंग कई मायने में अहम है.

ये भी पढ़ें-हरियाणा में जो स्थिति पैदा हुई है उसके लिए सरकार जिम्मेदार: सैलजा

जेजेपी के 3 विधायक नाराज

  • किसान और कई अलग-अलग मामलों को लेकर जेजेपी के कई विधायक सरकार और अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं. टोहाना विधायक देवेंद्र सिंह बबली कई बार ये नाराजगी जाहिर कर चुके हैं की सरकार में उनकी नहीं सुनी जाती.
  • वहीं शूगर फेडरेशन के चेयरमैन और शाहबाद से जननायक जनता पार्टी के विधायक रामकरण काला किसानों के धरने में शामिल हैं. उन्होंने चेतावनी भी दी है कि 26 जनवरी तक अगर किसानों की मांगें नहीं मानी जाती तो वो इस्तीफा दे देंगे., शूगर फेडरेशन का चेयरमेन
  • जबकि नारनौंद से जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम खुले तौर पर जेजेपी को एक परिवार की पार्टी बता चुके हैं. गौतम ने निजी क्षेत्र में हरियाणा के युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण का भी विरोध किया था.

दिसंबर में 4 निर्दलीय विधायकों ने सीएम से की थी मुलाकात

इससे पहले भी दिसंबर महीने में 6 विधायकों ने मीटिंग की थी. जिनमें 5 निर्दलीय विधायक थे और एक जेजेपी विधायक थे. इसके बाद 4 निर्दलीय विधायकों ने सीएम मनोहर लाल से बैठक की थी. बैठक में निर्दलीय विधायकों ने किसान आंदोलन का हल निकालने के लिए सीएम से अपील की थी. बैठक में पृथला के विधायक नयनपाल रावत, पूंडरी के विधायक रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर और बादशाहपुर से विधायक राकेश दौलताबाद मौजूद थे.

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सरकार का गणित क्या है ?

हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 46 सीटें चाहिए. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 40 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी. जिसके बाद उन्हें जेजेपी के समर्थन से सरकार बनानी पड़ी जिसके 10 विधायक हैं. सरकार को 2019 में 7 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल था जिनमें से 2 ने समर्थन वापस ले लिया है. खाप पंचायतों का कहना है कि वो बाकी निर्दलीय विधायकों पर भी समर्थन वापस लेने का दबाव बनाएंगे. फिलहाल सरकार के पास गोपाल कांडा को मिलाकर 56 विधायकों का समर्थन है कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं और इनेलो का एक विधायक है.

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विधानसभा की मौजूदा स्थिति

बीजेपी-40

कांग्रेस- 31

जेजेपी- 10 (2 सरकार से नाराज)

निर्दलीय- 7 (5 सरकार के साथ)

हलोपा- 1

इनेलो- 1

Last Updated : Jan 11, 2021, 6:32 PM IST
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