चंडीगढ़: रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम ने उन श्रमिकों को भी सम्मानित किया. जिन्होंने नए संसद भवन के निर्माण में योगदान दिया. इस बारे में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार भी श्रमिकों को पूरा सम्मान दे रही है. उन्होंने कहा कि हर निर्माण में श्रमिकों का अहम योगदान है. श्रमिकों के बल पर ही देश आत्मनिर्भर बन रहा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा श्रमिकों के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृति राशि को बढ़ाने की घोषणा की.
सीएम ने बताया कि 9वीं से 10वीं क्लास तक मिलने वाली राशि 7 हजार रुपये, 11वीं से 12वीं क्लास तक के बच्चों को मिलने वाली राशि 7750 रुपये और उच्च शिक्षा के लिए मिलने वाली राशि 8500 रुपये, इन तीनों श्रेणियों की राशि को बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नई दिल्ली से ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरियाणा भवन और कर्मगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों और उनके बच्चों से सीधा संवाद किया. इस दौरान सीएम ने रेवाड़ी जिले के निमोठ गांव में लाइब्रेरी खोलने को मंजूरी दी.
इसी तरह पलवल जिले के आकाश नाम के छात्र ने मुख्यमंत्री से लाइब्रेरी बनाने की मांग की. जिसपर सीएम ने पलवल के औरंगाबाद गांव में आर्य समाज मंदिर में लाइब्रेरी खोलने को मंजूरी दी. इस दौरान सीएम ने बताया कि श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार पहली कक्षा से स्नातकोत्तर तक 20 हजार रुपये वार्षिक तक की आर्थिक सहायता दे रही है. तकनीकी व व्यावसायिक संस्थानों में पढ़ रहे बच्चों के छात्रावास का 1 लाख 20 हजार रुपये वार्षिक तक का खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जाता है. बोर्ड कक्षाओं में मेधावी बच्चों को 21 हजार से 51 हजार रुपये तक सहायता दी जाती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों को उनके मेधावी बच्चों के लिए बोर्ड की 10 वीं कक्षा एवं 12 वीं कक्षा में शैक्षणिक उत्कृष्टता के आधार पर 21 हजार से 51 हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है. इसके अलावा, हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा व्यावसायिक कोर्सों में प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग के लिए 20 हजार रुपये तक तथा यूपीएससी एवं एचपीएससी की प्रारम्भिक परीक्षा पास करने पर मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतू श्रमिकों के बच्चों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.
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मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने पंजीकृत श्रमिकों के शारीरिक अथवा मानसिक रूप से अक्षम व दिव्यांग बच्चों को दी जाने वाली सहायता राशि 2,500 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये मासिक की है. इसके अलावा, श्रमिक परिवारों को कन्यादान योजना के तहत तीन बेटियों की शादी तक हर शादी में 51 हजार रुपये का कन्यादान तथा 50 हजार रुपये शादी का प्रबंध करने के लिए दिये जाते हैं. इसी प्रकार, बेटे व स्वयं की शादी पर भी 21 हजार रुपये की शगुन राशि दी जाती है. श्रमिकों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए दुर्घटना बीमा कवर प्रदान किया जाता है.