चंडीगढ़: वीरवार को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने चंडीगढ़ में राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की. इस बैठक में हरियाणा में मिड-डे-मील योजना के संबंध में अधिकारियों के साथ मंथन किया गया. वहीं, बैठक में संजीव कौशल ने अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए. दरअसल, हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण के तहत 14 हजार 409 प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को मिड डे मील उपलब्ध कराने के लिए बजट को बढ़ाया है.
मिड डे मील के लिए बजट में 58 फीसदी बढ़ोतरी की गई है. बीते साल 384 करोड़ रुपये के बजट के मुकाबले इस साल 661 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. जिसके चलते संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मिड डे मील के खाने में कुपोषण जैसी गंभीर बीमारी से निपटने के लिए अतिरिक्त पोषण मानदंड बढ़ाया जाए और विभिन्न खंडों में इसकी स्टडी की जाए. इसके अलावा मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि भोजन की गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाए.
बैठक में मिड डे मील को लेकर कई छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर चर्चा की गई है. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पोषण मानकों के साथ-साथ भोजन को स्वच्छ परिस्थितियों में पकाया जाए. तथा भोजन को पकाते समय साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए. इस दौरान किसी भी तरह की कोई लापरवाही न बरती जाए.
वहीं, मुख्य सचिव ने ये भी आदेश दिए हैं कि विद्यार्थियों को भोजन देने की समय सारणी बनाई जाए. भोजन के समय को सुनिश्चित करें और एक ही समय पर सभी बच्चों को स्कूल में भोजन दिया जाए. ताकि इससे खाने की क्वालिटी की जांच करने के लिए समय निर्धारित किया जा सके. ताकि समय के अनुसार भोजन की जांच का समय भी निर्धारित किया जा सके. उन्होंने कहा कि योजना के तहत दिए जाने वाले भोजन में फोर्टिफाइड आटा, चावल और बाजरा पर आधारित विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल हैं.
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बैठक में बताया गया कि कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को हफ्ते में कम से कम 3 दिन मिड-डे-मील के साथ 200 एमएल 5 फ्लेवर्ड फोर्टिफाइड दूध भी उपलब्ध कराया जाता है. कौशल ने अधिकारियों को मिड-डे-मील में और अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की योजना को शामिल करने के निर्देश दिए हैं. भोजन की गुणवत्ता अधिकारियों की देखरेख में सुनिश्चित की जाएगी.